क्या चीनी फिल्म 'तोंगची रेस्क्यू' ने उत्तरी अमेरिका में धूम मचाई?

सारांश
Key Takeaways
- साहस और मानवता का अद्भुत उदाहरण।
- तोंगची द्वीप पर घटी एक सच्ची घटना।
- उत्तरी अमेरिका में चीनी फिल्म का प्रभाव।
- 300 से अधिक ब्रिटिश सैनिकों की जान बचाने की कहानी।
- वेल गो इंटरनेशनल मीडिया द्वारा वितरण।
बीजिंग, 23 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। चीनी फिल्म 'तोंगची रेस्क्यू' को 22 अगस्त को संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा समेत पूरे उत्तरी अमेरिका के सिनेमाघरों में आधिकारिक रूप से प्रदर्शित किया गया।
यह फिल्म लॉस एंजेल्स, सैन फ्रांसिस्को, न्यूयॉर्क और टोरंटो जैसे प्रमुख शहरों में लगभग 70 सिनेमाघरों में दिखाई जा रही है, जिसका वितरण वेल गो (Well Go) इंटरनेशनल मीडिया द्वारा किया जा रहा है।
वेल गो इंटरनेशनल मीडिया की सीईओ डोरिस पफर्ड्रेचर ने चीनी समाचार एजेंसी सिन्हुआ को दिए एक साक्षात्कार में इस फिल्म को एक 'सशक्त और मार्मिक' फिल्म बताया, जो साहस, मानवता और बलिदान की गाथा प्रस्तुत करती है।
उन्होंने कहा कि उत्तरी अमेरिकी दर्शकों के समक्ष इस अद्भुत इतिहास को प्रस्तुत करना उनके लिए गर्व की बात है।
लॉस एंजेल्स में फिल्म देखने के बाद, 82 वर्षीय एक अमेरिकी दर्शक ने कहा कि इस हृदय विदारक कहानी ने उन्हें द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अमेरिकी सेना के डूलिटिल एयर फोर्स के सदस्यों को बचाने वाले चीनी लोगों के बलिदान की याद दिला दी।
उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा कि बहुत से पश्चिमी लोग इस इतिहास से अनजान हैं और यह फिल्म अमेरिकी लोगों को इस महत्वपूर्ण योगदान के बारे में जागरूक करेगी।
यह फिल्म 1942 में तोंगची द्वीप पर घटी एक सच्ची घटना पर आधारित है। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, ब्रिटिश युद्धबंदियों को ले जा रहा एक जापानी मालवाहक जहाज चीन के चोउशान के पास समुद्र में डूब गया था। जापानियों ने जहाज के अंदर 1,800 से अधिक ब्रिटिश कैदियों को फंसा लिया था। इस कठिन परिस्थिति में, तोंगची द्वीप के निडर मछुआरों ने अपनी जान जोखिम में डालकर बचाव कार्य किया और अंततः 300 से अधिक ब्रिटिश सैनिकों की जान बचाई।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)