क्या चिराग पासवान ने संविधान और आरक्षण की सुरक्षा का किया दावा?

सारांश
Key Takeaways
- संविधान और आरक्षण की सुरक्षा का आश्वासन
- विपक्ष पर आरोप और निष्कर्ष
- राजनीतिक स्थिरता का महत्व
- चिराग पासवान का दृष्टिकोण
- बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट का महत्व
बिहारशरीफ, 29 जून (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय मंत्री और लोजपा (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान ने रविवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिला नालंदा में उपस्थित जनसमूह को आश्वस्त करते हुए कहा कि जब तक वे जीवित हैं, तब तक संविधान और आरक्षण को कोई खतरा नहीं है।
चिराग पासवान ने लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नालंदा के हॉकी मैदान में आयोजित 'बहुजन भीम संकल्प समागम' में भाग लिया। यहां उन्होंने उपस्थित भीड़ को संबोधित करते हुए विपक्ष पर निशाना साधा। उन्होंने आपातकाल को लेकर कांग्रेस और राजद को घेरते हुए कहा कि राहुल गांधी संविधान की लाल किताब लेकर घूमते हैं, लेकिन उनकी दादी इंदिरा गांधी ने आपातकाल लगाकर संविधान की हत्या की थी। इसके लिए वे कब माफी मांगेंगे?
उन्होंने राजद पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जब आपातकाल लागू हुआ था, तो लालू यादव भी जेल में थे और उन्हें भी आपातकाल का सामना करना पड़ा था, तब वे जयप्रकाश नारायण के साथ थे, अब कांग्रेस के साथ हैं।
केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कार्यक्रम में उपस्थित बहुजनों को आश्वस्त करते हुए कहा, "मेरे खून का एक-एक कतरा बिहार के लिए है। जब तक चिराग पासवान जीवित हैं, तब तक संविधान और आरक्षण को कोई खतरा नहीं है। जो लोग अपने परिवार को आगे बढ़ाने की सोचते हैं, उन्हें चिराग पासवान से डर लगता है।"
उन्होंने अपनी पार्टी के विजन डॉक्यूमेंट 'बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट' का उल्लेख करते हुए कहा कि 2020 में जब यह नारा दिया गया था, तब कुछ लोगों को परेशानी हुई थी। आज फिर मेरे बिहार लौटने की खबर से उनकी पीड़ा बढ़ गई है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, "2024 के लोकसभा चुनाव में भी इंडिया गठबंधन ने संविधान के नाम पर लोगों को भ्रमित करने की कोशिश की। लेकिन, जनता ने पीएम नरेंद्र मोदी को समर्थन दिया। अब फिर से वही खेल खेला जा रहा है।"
उन्होंने लोगों को सतर्क करते हुए कहा कि आने वाले विधानसभा चुनाव में भी जनता विपक्ष के झूठे प्रचार में नहीं आएगी। उन्होंने कहा कि पिछले लोकसभा चुनाव में कहा गया था कि नरेंद्र मोदी की तीसरी बार यदि सरकार बनी, तो संविधान को खत्म कर दिया जाएगा, लेकिन संविधान 1975 में जब खतरे में आया था, तब सरकार किसकी थी? आपातकाल को किसने लागू किया था?