क्या चिराग पासवान चुप रहेंगे तो बिहार की जनता उन्हें माफ करेगी?

सारांश
Key Takeaways
- चिराग पासवान को बिहार के मुद्दों पर खुलकर बोलना चाहिए।
- मृत्युंजय तिवारी ने चुप्पी तोड़ने की सलाह दी है।
- बिहार की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाना आवश्यक है।
- कांग्रेस का रोजगार मेला युवाओं के लिए महत्वपूर्ण है।
- राजनीतिक स्थितियों पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
पटना, 19 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता मृत्युंजय तिवारी ने कहा है कि यदि केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान बिहार की कानून व्यवस्था पर खुलकर अपनी बात नहीं रखते हैं, तो बिहार की जनता उन्हें माफ नहीं करेगी।
राजद नेता ने चिराग पासवान के प्रदेश सरकार की कानून व्यवस्था पर उठाए गए सख्त सवालों की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह अच्छा है कि वह सवाल कर रहे हैं, लेकिन वह एक केंद्रीय मंत्री भी हैं। दोनों बातें एक साथ कैसे हो सकती हैं? बिहार की जनता के मन में कई सवाल उठ रहे हैं, इसलिए उन्हें खुलकर सामने आना चाहिए।
शनिवार को राष्ट्र प्रेस से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि एनडीए के भीतर सब कुछ ठीक नहीं है। चिराग पासवान लगातार सवाल उठा रहे हैं। उन्हें पता है कि जदयू और भाजपा मिलकर सत्ता का सुख भोग रहे हैं। यदि चिराग पासवान को सचमुच बिहार के हितों की परवाह है, तो उन्हें खुलकर सामने आना चाहिए। यह दिखावटीपन का खेल अब बंद होना चाहिए।
तिवारी के अनुसार, चिराग पासवान को बिहार में व्याप्त अराजकता और आपराधिक राज के खिलाफ खुलकर आवाज उठानी चाहिए, क्योंकि यदि वह अभी चुप रहे, तो भविष्य में बिहार की जनता उन पर भरोसा नहीं करेगी। वह सरकार का हिस्सा होते हुए भी उसकी आलोचना कर रहे हैं।
तिवारी ने कहा कि जनता समझ रही है कि वह कानून व्यवस्था पर सवाल उठाकर विधानसभा चुनाव में अधिक सीट पाने के लिए एनडीए पर दबाव बना रहे हैं।
कांग्रेस की ओर से आयोजित रोजगार मेले पर उन्होंने कहा कि यदि कांग्रेस रोजगार मेला आयोजित कर रही है तो हमें कोई आपत्ति नहीं है। रोजगार मेला तो लगना चाहिए। कांग्रेस द्वारा यह पहल अच्छी है।
कांग्रेस की ओर से पटना में रोजगार मेला आयोजित किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा युवाओं को रोजगार दिलाना है।