क्या आप जानते हैं चित्तौड़गढ़ के श्री सांवलियाजी मंदिर में जलझूलनी एकादशी मेले की तैयारियां पूरी हैं?

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क्या आप जानते हैं चित्तौड़गढ़ के श्री सांवलियाजी मंदिर में जलझूलनी एकादशी मेले की तैयारियां पूरी हैं?

सारांश

चित्तौड़गढ़ में जलझूलनी एकादशी का मेला 2 से 4 सितंबर तक आयोजित होगा। यह मेला श्रद्धालुओं के लिए भक्ति और उत्साह का केंद्र होगा, जिसमें भव्य शोभायात्रा, कवि सम्मेलन, और दिव्यांगजनों को स्कूटी वितरण की व्यवस्था की गई है।

Key Takeaways

  • जलझूलनी एकादशी का मेला धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है।
  • ठाकुरजी की शोभायात्रा में लाखों श्रद्धालुओं की भागीदारी होगी।
  • सामाजिक सरोकार के तहत दिव्यांगजनों को स्कूटी वितरण किया जाएगा।
  • कवि सम्मेलन और भजन संध्या भक्ति का एक अद्भुत अनुभव प्रदान करेंगे।
  • मेले की तैयारी में सुरक्षा और स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा गया है।

चित्तौड़गढ़, 1 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले के प्रसिद्ध कृष्णधाम श्री सांवलियाजी में जलझूलनी एकादशी का तीन दिवसीय मेला 2 से 4 सितंबर तक आयोजित होने जा रहा है। इस अवसर पर ठाकुरजी की भव्य शोभायात्रा, विराट कवि सम्मेलन, भजन संध्या, सांस्कृतिक कार्यक्रम और दिव्यांगजनों को स्कूटी वितरित की जाएगी। मंदिर मंडल प्रशासन ने मेले की सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं।

मंदिर मंडल के प्रशासनिक अधिकारी राजेंद्र सिंह नाथावत ने बताया कि मेले का शुभारंभ 2 सितंबर, मंगलवार को ठाकुरजी की भव्य शोभायात्रा के साथ होगा। इस शोभायात्रा में हजारों श्रद्धालु शामिल होंगे। उसी दिन शाम को मीरा मंच पर विराट कवि सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा, जिसमें देशभर के प्रख्यात कवि अपनी रचनाओं से श्रोताओं का मन मोहेंगे। यह आयोजन भक्तों के लिए आध्यात्मिक और साहित्यिक अनुभव का संगम होगा।

3 सितंबर, बुधवार को मेले का दूसरा दिन विशेष रूप से भव्य होगा। इस दिन ठाकुरजी को रजत रथ पर विराजित कर शोभायात्रा निकाली जाएगी, जो मंदिर परिसर से शुरू होकर सांवलिया सरोवर तक जाएगी। वहां ठाकुरजी का सरोवर में स्नान करवाया जाएगा। शोभायात्रा के दौरान आतिशबाजी का शानदार प्रदर्शन होगा, जो आकाश को रंग-बिरंगे प्रकाश से सजाएगा। देर शाम ठाकुरजी फिर से मंदिर में विराजमान होंगे। रात को विशाल भजन संध्या का आयोजन होगा, जिसमें प्रख्यात भजन गायकों द्वारा भक्ति रस से सराबोर प्रस्तुतियां दी जाएंगी। यह कार्यक्रम श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक उल्लास का केंद्र होगा।

नाथावत ने कहा कि मेले के अंतिम दिन, 4 सितंबर, गुरुवार को सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा, जिसमें स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर के कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देंगे। इसके साथ ही सामाजिक सरोकार के तहत मंदिर मंडल द्वारा 51 दिव्यांगजनों को स्कूटी वितरित की जाएगी। यह पहल दिव्यांगजनों के जीवन को सुगम बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देगी। स्कूटी वितरण समारोह के बाद मेले का समापन समारोह आयोजित होगा, जिसमें मंदिर प्रशासन द्वारा सभी श्रद्धालुओं और सहयोगियों के प्रति आभार व्यक्त किया जाएगा।

नाथावत ने कहा कि मंदिर मंडल ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विशेष व्यवस्थाएं की हैं, जिसमें सुरक्षा, स्वच्छता, और आवास की व्यवस्था शामिल है। मेले में लाखों श्रद्धालुओं के शामिल होने की उम्मीद है, जो इस पवित्र आयोजन को भक्ति और उत्साह के साथ मनाएंगे।

Point of View

चित्तौड़गढ़ का जलझूलनी एकादशी मेला न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह सामाजिक समर्पण का भी प्रतीक है। दिव्यांगजनों को स्कूटी वितरण जैसी पहलों से यह आयोजन समाज के विभिन्न वर्गों के बीच एकता और सहयोग को बढ़ावा देता है।
NationPress
01/09/2025

Frequently Asked Questions

जलझूलनी एकादशी मेला कब आयोजित होगा?
जलझूलनी एकादशी मेला 2 से 4 सितंबर तक आयोजित होगा।
इस मेले में कौन-कौन से कार्यक्रम होंगे?
इस मेले में ठाकुरजी की शोभायात्रा, कवि सम्मेलन, भजन संध्या और सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे।
दिव्यांगजनों को क्या विशेष सुविधा दी जाएगी?
मेले में 51 दिव्यांगजनों को स्कूटी वितरित की जाएगी।