क्या चित्तौड़गढ़ में कारोबारी ने मन्नत पूरी होने पर मंदिर में चढ़ाई चांदी से बनी पेट्रोल पंप मशीन?

सारांश
Key Takeaways
- मन्नत का पूरा होना व्यक्ति की श्रद्धा का प्रमाण है।
- सांवरिया सेठ का दरबार विश्वास का केंद्र है।
- धार्मिक आस्था और संस्कृति का संगम इस प्रकार की घटनाओं में देखने को मिलता है।
चित्तौड़गढ़, 7 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। राजस्थान के चित्तौड़गढ़ से एक अनोखा मामला सामने आया है, जो श्रद्धा और आस्था का प्रतीक है। यहाँ एक कारोबारीचांदी से बनी पेट्रोल पंप मशीन चढ़ाई। इस कारोबारी ने चांदी की इस मशीन के साथ सांवरिया सेठ को छप्पन भोग अर्पित किए।
जारोली परिवार, जो डूंगला क्षेत्र में प्रसिद्ध है, के अनुसार, उनके बेटों कुशल कुमार और सुशील कुमार ने एक नए पेट्रोल पंप के लिए आवेदन किया था। लेकिन उनके काम में कठिनाइयाँ आ रही थीं। इस मुश्किल समय में, उन्होंने चित्तौड़गढ़ के प्रसिद्ध सांवरिया सेठ के दरबार में मन्नत मांगी कि अगर उनका काम बन गया तो वे ठाकुरजी को विशेष भोग अर्पित करेंगे और चांदी की प्रतीकात्मक पेट्रोल पंप मशीन भेंट करेंगे।
कुछ समय बाद उनकी मन्नत पूरी हुई और उन्हें पेट्रोल पंप खोलने का लाइसेंस मिला। इसके बाद, बड़ीसादड़ी क्षेत्र में उनके फिलिंग स्टेशन का शुभारंभ हुआ। इसी कड़ी में, आभार स्वरूप शनिवार को डीजे की धुन पर झूमते श्रद्धालुओं के साथ भव्य शोभायात्रा निकाली गई।
इस शोभायात्रा की शुरुआत आवरी माता रोड स्थित होटल से हुई, जहाँ श्रद्धालु छप्पन भोग और चांदी की पेट्रोल पंप मशीन की प्रतिमा लेकर नाचते-गाते सांवलिया सेठ मंदिर पहुंचे। मंदिर परिसर में “सांवलिया सेठ की जय” के जयकारे गूंज उठे।
परिवार के लोगों ने चांदी से बनी प्रतीकात्मक पेट्रोल पंप मशीन को सिर पर रखकर मंदिर के अंदर ले जाकर सांवलिया सेठ के चरणों में अर्पित किया। इस अवसर पर छप्पन भोग प्रसाद भी चढ़ाया गया। इस दौरान राज्य के सहकारिता और पर्यटन मंत्री गौतम दक भी उपस्थित रहे।
श्रद्धा से भरे इस अनोखे तोहफे की चर्चा हर जगह हो रही है, और सोशल मीडिया पर भी इसके वीडियो को काफी देखा जा रहा है।