क्या चुनाव आयोग और बीजद प्रतिनिधिमंडल की मुलाकात ने राजनीतिक संवाद को बढ़ाया?

सारांश
Key Takeaways
- मुख्य चुनाव आयुक्त ने बीजद के साथ महत्वपूर्ण सुझावों पर चर्चा की।
- राजनीतिक दलों की राय को प्राथमिकता देने का कदम।
- 4,719 सर्वदलीय बैठकें हुईं हैं पिछले 150 दिनों में।
- चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता को बढ़ाने का प्रयास।
- रचनात्मक चर्चाएँ चुनाव सुधारों की दिशा में।
नई दिल्ली, 19 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और चुनाव आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू व डॉ. विवेक जोशी ने मंगलवार को बीजू जनता दल (बीजद) के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की। यह महत्वपूर्ण बैठक निर्वाचन सदन, नई दिल्ली में आयोजित की गई।
बीजद प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व पार्टी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और अधिकृत प्रतिनिधि देबिप्रसाद मिश्रा ने किया। चुनाव आयोग ने उनके द्वारा प्रस्तुत सुझावों को ध्यानपूर्वक सुना और नोट किया।
यह बैठक चुनाव आयोग द्वारा देश के विभिन्न राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय राजनीतिक दलों के अध्यक्षों से की जा रही नियमित बैठकों की एक कड़ी है।
इस प्रकार की बातचीत का उद्देश्य चुनाव प्रक्रिया को मजबूती प्रदान करना और राजनीतिक दलों की राय और सुझावों को सीधे सुनना है। चुनाव आयोग का मानना है कि इस प्रकार की रचनात्मक चर्चा से चुनाव व्यवस्था को पारदर्शी और प्रभावी बनाया जा सकता है।
यह पहल आयोग के उस विजन का हिस्सा है, जिसमें सभी संबंधित पक्षों को साथ लेकर चुनाव प्रक्रिया को और मजबूत किया जा सके।
पिछले 150 दिनों में देशभर में कुल 4,719 सर्वदलीय बैठकें आयोजित की गई हैं। इनमें 40 बैठकें मुख्य निर्वाचन अधिकारियों द्वारा, 800 बैठकें जिला निर्वाचन अधिकारियों द्वारा और 3,879 बैठकें निर्वाचक नामावली पंजीकरण अधिकारियों द्वारा की गई हैं।
इन बैठकों में 28,000 से ज्यादा राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि शामिल हुए। इन सभी बैठकों का उद्देश्य यह रहा कि सभी दलों की राय और सुझावों को ध्यान में रखते हुए चुनाव प्रक्रिया को बेहतर बनाया जा सके।
चुनाव आयोग ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल के माध्यम से लिखा, "सीईसी ज्ञानेश कुमार और ईसी डॉ. सुखबीर सिंह संधू और डॉ. विवेक जोशी ने निर्वाचन सदन, दिल्ली में प्राधिकरण प्रतिनिधि देबिप्रसाद मिश्रा के नेतृत्व में बीजू जनता दल के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ बातचीत की और उनके सुझाव प्राप्त किए।"