क्या बिहार एसआईआर के आरोपों को चुनाव आयोग ने गलत बताया?

सारांश
Key Takeaways
- चुनाव आयोग ने राजद के आरोपों को गलत बताया।
- मतदाता सूची की पारदर्शिता पर जोर दिया गया।
- सभी दलों को लोकतंत्र का सम्मान करना चाहिए।
नई दिल्ली, ११ अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। चुनाव आयोग ने सोमवार को एक फैक्ट चेक के माध्यम से राष्ट्रीय जनता दल (राजद) द्वारा लगाए गए आरोपों को पूरी तरह से खारिज करते हुए इसे 'गलत' कहा।
भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि शुद्ध मतदाता सूची लोकतंत्र को सशक्त बनाती है। उन्होंने बिहार में मतदाता सूची के मसौदे के प्रकाशन से पहले, प्रकाशन के समय और प्रकाशन के बाद राजनीतिक दलों के साथ हुई बैठकों का विवरण साझा करते हुए इस प्रक्रिया में सर्वोच्च पारदर्शिता बनाए रखने का दावा किया।
चुनाव आयोग ने बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के वास्तविक आदेश को फिर से जारी किया और कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल और वामपंथी दलों सहित राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के प्रशंसापत्र वाले वीडियो के लिंक भी साझा किए।
इससे पहले, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि लोकतंत्र विरोधी हो चुकी चुनाव आयोग के बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के बहाने गरीब, वंचित, दलित एवं अल्पसंख्यक वर्गों के मताधिकार से खिलवाड़ के षड्यंत्र के खिलाफ राष्ट्रीय जनता दल तथा इंडिया गठबंधन के सभी घटक दलों के सदस्यों ने संसद भवन से लेकर चुनाव आयोग के मुख्यालय तक मार्च किया और अपनी गिरफ्तारी दी, जिससे देशवासियों के सामने गरीब मतदाता विरोधी भाजपा की चाल को उजागर किया गया।
वहीं, कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा, "भारत वोट चोरी के खिलाफ लड़ेगा।" विरोध प्रदर्शन के दौरान हिरासत में लिए गए राहुल गांधी ने भी 'एक्स' के माध्यम से सभी विपक्षी दलों को विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए धन्यवाद दिया और दोहराया कि यह कोई राजनीतिक लड़ाई नहीं है, बल्कि लोकतंत्र, संविधान और मतदान के अधिकार की रक्षा के लिए है।