क्या चुनाव आयोग अब संवैधानिक संस्था नहीं रह गई? : डीएमके नेता डी.के.एस एलंगोवन

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क्या चुनाव आयोग अब संवैधानिक संस्था नहीं रह गई? : डीएमके नेता डी.के.एस एलंगोवन

सारांश

डीएमके नेता डी.के.एस एलंगोवन ने चुनाव आयोग की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि आयोग अब भाजपा का एक अंग बन चुका है। क्या यह संस्था अब निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने में असफल हो गई है? जानिए उनके विचार और देश की राजनीतिक स्थिति पर उनके गंभीर आरोप।

Key Takeaways

  • चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर उठते सवाल।
  • डी.के.एस एलंगोवन का भाजपा पर आरोप।
  • राहुल गांधी का संविधान की हत्या पर बयान।
  • डोनाल्ड ट्रंप को अयोग्य करार देने की बात।
  • देश की राजनीतिक स्थिति पर विचार।

चेन्नई, २ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। डीएमके के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता टी.के.एस. एलंगोवन ने मंगलवार को चुनाव आयोग की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि चुनाव आयोग की वर्तमान कार्यशैली से स्पष्ट है कि यह अब भाजपा का एक विंग बन चुका है। चुनाव आयोग केवल भाजपा के लिए राजनीतिक वातावरण को सकारात्मक बनाने का प्रयास कर रहा है।

उन्होंने कहा कि पहले लोगों को चुनाव आयोग पर विश्वास था। देशवासियों को लगता था कि यह एक ऐसी संस्था है, जो निष्पक्ष चुनाव कराने में विश्वास करती है। यह संस्था लोगों के मौलिक अधिकारों की रक्षा करती है। लेकिन हाल के दिनों में अपनी संदिग्ध कार्यशैली के कारण यह आयोग खुद सवालों के घेरे में आ चुका है।

सिंगल ने कहा कि मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि देश की जनता भाजपा के विचारों से अवगत हो चुकी है। लोग जान चुके हैं कि भाजपा लोकतंत्र को लेकर क्या सोच रखती है।

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा था कि छह महीने में बिहार में डबल इंजन की सरकार गिर जाएगी और इसके बाद एक ऐसी सरकार आएगी, जो गरीबों और पिछड़ों के हितों के लिए काम करेगी। इस पर सिंगल ने कहा कि अगर इस डबल इंजन की सरकार से समर्थन वापस ले लिया जाए, तो इसका टिकना मुश्किल होगा। भाजपा लगातार मौजूदा राजनीतिक स्थिति को अपने पक्ष में करने की कोशिश कर रही है।

इसके अलावा, राहुल गांधी के इस बयान पर कि जिन ताकतों ने महात्मा गांधी की हत्या की थी, अब वही ताकत संविधान की हत्या करने पर उतारू हो चुकी हैं। इस पर डी.के.एस एलंगोवन ने कहा कि यह सच है, इन लोगों का संविधान से कोई लेना-देना नहीं है। यह लोग लगातार संविधान की अस्मिता पर प्रहार कर रहे हैं। ये लोग अब लोकतंत्र के खिलाफ मोर्चा खोलने पर आमादा हो चुके हैं। लोकतंत्र ने लोगों को अधिकार दिया है कि वे अपने मन मुताबिक किसी भी धर्म का पालन कर सकते हैं। लेकिन अब ये लोग समाज पर अपनी सोच थोपने की कोशिश कर रहे हैं। ये लोग लगातार देशवासियों को धोखा दे रहे हैं।

साथ ही, उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को एक अयोग्य नेता करार दिया और कहा कि वे अपने देश को भी क्षति पहुंचाने पर आमादा हो चुके हैं। मैं कहूंगा कि अमेरिका के लोगों ने अपने लिए एक गलत राष्ट्रपति चुन लिया है। मुझे नहीं लगता कि आगामी दिनों में अमेरिका के लोग इन्हें स्वीकार करेंगे। डोनाल्ड ट्रंप अपने देश की आर्थिक व्यवस्था को ध्वस्त करने पर उतारू हो चुके हैं। इन सभी स्थितियों को देखते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति को अयोग्य कहना गलत नहीं होगा।

Point of View

चुनाव आयोग की भूमिका और उसकी निष्पक्षता पर उठते सवालों का गंभीरता से विचार करना आवश्यक है। यह संस्था लोकतंत्र का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है और इसकी विश्वसनीयता को बनाए रखना बहुत जरूरी है। जनता का विश्वास इस पर निर्भर करता है कि आयोग किस प्रकार के निर्णय लेता है और कैसे कार्य करता है।
NationPress
02/09/2025

Frequently Asked Questions

चुनाव आयोग की वर्तमान स्थिति क्या है?
चुनाव आयोग की वर्तमान स्थिति पर कई नेता सवाल उठा रहे हैं, खासकर डीएमके नेता डी.के.एस एलंगोवन ने इसे भाजपा का विंग करार दिया है।
क्या चुनाव आयोग निष्पक्ष चुनाव करा सकता है?
यह सवाल महत्वपूर्ण है, क्योंकि आयोग की निष्पक्षता पर उठते सवाल उसके कार्यों और निर्णयों पर निर्भर करते हैं।
डी.के.एस एलंगोवन का बयान क्या है?
उन्होंने चुनाव आयोग की कार्यशैली को भाजपा के पक्ष में बताया और कहा कि आयोग अब लोगों के मौलिक अधिकारों की रक्षा नहीं कर रहा है।
राहुल गांधी का बयान क्या है?
राहुल गांधी का कहना है कि महात्मा गांधी की हत्या करने वाली ताकतें अब संविधान की हत्या करने पर उतारू हैं।
क्या डोनाल्ड ट्रंप अयोग्य हैं?
डी.के.एस एलंगोवन ने ट्रंप को एक अयोग्य नेता करार दिया है, जो अपने देश की आर्थिक व्यवस्था को क्षति पहुंचा रहे हैं।