क्या चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस से विपक्ष के सवालों का कोई जवाब मिला? : मनोज झा

सारांश
Key Takeaways
- निर्णायकता का अभाव
- विपक्ष की चिंताएं
- निष्पक्षता की आवश्यकता
- मतदाताओं का विश्वास
- चुनाव आयोग की भूमिका
नई दिल्ली, 17 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। विपक्ष द्वारा 'वोट चोरी' के आरोपों के बीच चुनाव आयोग ने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया। भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने स्पष्ट किया कि चुनाव आयोग सभी राजनीतिक दलों के साथ समान व्यवहार करता है।
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस पर राजद के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने अपनी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि हमें कोई उत्तर नहीं मिला। संभवतः किसी ने सुझाव दिया होगा कि प्रेस कॉन्फ्रेंस करनी चाहिए, लेकिन विपक्ष के किसी भी सवाल का उत्तर नहीं दिया गया। ऐसा लगता है कि यह एक शर्मनाक स्थिति थी। वास्तव में, उन्होंने किस सवाल का उत्तर दिया? राजनीतिक दलों को छोड़ दीजिए, परंतु मतदाता आपके आचरण से संतुष्ट नहीं हैं।
मनोज झा ने आगे कहा कि चुनाव आयोग को अपनी कार्यशैली में सुधार लाना चाहिए और यह विचार करना चाहिए कि क्या वह वही चुनाव आयोग है जो निष्पक्षता के लिए प्रसिद्ध था। मेरा स्पष्ट कहना है कि आपका मन साफ नहीं है। सबसे अधिक चिंताजनक बात यह है कि चुनाव आयोग न तो निष्पक्ष प्रतीत होता है और न ही तटस्थ। यह आपके लिए गंभीर चिंता का विषय होना चाहिए।
मनोज झा ने यह भी कहा कि अगर निष्पक्षता की कमी है तो यह चुनाव आयोग के लिए एक शर्मनाक स्थिति है। यदि आपको अपने आचरण से कोई शिकायत नहीं है, तो आप जानते हैं कि आप क्या कर रहे हैं।
लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बिहार की 'वोटर अधिकार यात्रा' के बारे में मनोज झा से कहा कि इसका आरंभ सासाराम से हो चुका है। लोग अपने अधिकारों के लिए लड़ेंगे और जीतेंगे। आप कुछ नहीं कर सकते हैं।