क्या मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल का पंचायत सशक्तिकरण अभियान, 11 नए तहसील भवनों को स्वीकृति मिली?

सारांश
Key Takeaways
- 11 नए तहसील भवन का निर्माण शुरू होगा।
- 65 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया गया है।
- सौर ऊर्जा के लिए सोलर रूफटॉप सिस्टम का उपयोग होगा।
- वर्षा जल संग्रह के लिए रेन वॉटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था की जाएगी।
- स्थानीय निकायों की सुविधाओं में सुधार होगा।
गांधीनगर, 17 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने राज्य में स्थानीय निकायों और पंचायती राज संस्थाओं के भवनों के ढांचे को और अधिक सुदृढ़ तथा सुविधाजनक बनाने का लक्ष्य रखा है।
इस संदर्भ में, मुख्यमंत्री ने नागरिकों को बेहतर सुविधाओं के तहत अत्याधुनिक और विस्तृत तहसील पंचायत भवनों के निर्माण के लिए वर्ष 2025-26 के बजट में कुल 65 करोड़ रुपए का प्रावधान सुनिश्चित किया है। पटेल ने तहसील पंचायतों के भवनों में सोलर रूफटॉप सिस्टम के माध्यम से सौर ऊर्जा के उपयोग की दिशा में प्रेरणा दी है। इस प्रयास से 104 तहसील पंचायतों में सोलर रूफटॉप सिस्टम स्थापित किया गया है, जबकि 27 और पंचायतों में इससे संबंधित कार्य प्रगति पर है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘कैच द रेन’ अभियान के तहत सरकारी भवनों में वर्षा जल संग्रह के लिए रेन वॉटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर बनाने का आह्वान किया है। गुजरात ने इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए 31 तहसील पंचायत भवनों में वर्षा जल संग्रह की व्यवस्था कर ली है। राज्य की 211 तहसील पंचायतों के पास अपने भवन हैं और मुख्यमंत्री ने 11 नए भवनों के निर्माण के लिए प्रशासनिक स्वीकृति दी है।
इसके अनुसार, डांग की आहवा, अहमदाबाद की दसक्रोई व देत्रोज, खेडा की मातर, छोटा उदेपुर की क्वांट, पाटण की सांतलपुर, बनासकांठा की वाव, भावनगर की पालीताणा व शिहोर, महीसागर की लुणावाडा तथा राजकोट की गोंडल तहसीलों के नए भवनों के लिए कुल 12.45 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी गई है।
राज्य की जिन 6 तहसीलों जैसे लाठी, कुंकावाव, वेरावळ, डीसा, महुवा और गांधीनगर; जहां तहसील पंचायत भवनों का निर्माण कार्य चल रहा है, वहां मुख्यमंत्री ने कुल 20.55 करोड़ रुपए का आवंटन किया है।
राज्य सरकार के पंचायत, ग्रामीण गृह निर्माण एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा जारी प्रस्ताव में कहा गया है कि भवन की डिजाइन और योजना के कार्यान्वयन में सुरक्षा मानदंडों और गुजरात राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (जीएसडीएमए) की गाइडलाइन्स का पालन करना आवश्यक है और नए भवनों में वर्षा जल संग्रह की व्यवस्था भी सुनिश्चित करनी होगी।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के इस निर्णय के परिणामस्वरूप तहसील से लेकर जिला पंचायत स्तर तक सुविधाजनक कार्यालयों का निर्माण होगा जिससे लोगों को भी सहुलियत मिलेगी और सुदृढ़ सेवा ढांचा उपलब्ध होगा। मुख्यमंत्री द्वारा किए गए इस निर्णय को लेकर पंचायत, ग्रामीण गृह निर्माण एवं ग्रामीण विकास विभाग ने विधिवत प्रस्ताव भी जारी कर दिए हैं।