क्या सीएम देवेंद्र फडणवीस ने यूएस टैरिफ पर उच्च स्तरीय बैठक बुलाई?

सारांश
Key Takeaways
- मुख्यमंत्री ने उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की।
- अमेरिकी टैरिफ का प्रभाव राज्य की अर्थव्यवस्था पर चर्चा की गई।
- केंद्र सरकार के साथ समन्वय का निर्णय लिया गया।
- विशेष नीति बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया गया।
- राज्य सरकार उद्योगों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
मुंबई, 7 अगस्त (राष्ट्र प्रेस) - अमेरिका ने भारतीय उत्पादों पर 25 प्रतिशत का अतिरिक्त टैरिफ लगाया है, जिसके चलते मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने गुरुवार को राज्य की अर्थव्यवस्था पर इसके संभावित प्रभाव की समीक्षा हेतु एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की। इस बैठक में सीएम के मुख्य आर्थिक सलाहकार प्रवीण सिंह परदेशी को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया।
बैठक में अमेरिका के इस निर्णय के कारण महाराष्ट्र की जीडीपी, रोजगार और व्यापार पर प्रभाव पर प्रारंभिक चर्चा की गई। मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि राज्य के निर्यात-आधारित उद्योगों पर अमेरिकी टैरिफ नीति का क्या असर होगा, इसकी गहराई से जांच करना आवश्यक है।
उन्होंने यह भी कहा कि इस निर्णय का राज्य की वैश्विक प्रतिस्पर्धा पर क्या प्रभाव पड़ेगा, यह समझना भी जरूरी है। मुख्यमंत्री ने निर्णय लिया कि केंद्र सरकार के साथ तत्काल समन्वय स्थापित किया जाएगा ताकि टैरिफ वृद्धि से राज्य की अर्थव्यवस्था और उद्योगों के हितों की रक्षा की जा सके। इस मुद्दे पर केंद्र से मार्गदर्शन लिया जाएगा और आवश्यकता पड़ने पर विशेष नीति बनाई जाएगी।
मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा, "राज्य सरकार महाराष्ट्र के उद्योगों के हितों की पूर्ण रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और हम राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाए रखने के लिए हर आवश्यक कदम उठाएंगे।"
फडणवीस ने यह भी कहा कि राज्य सरकार अमेरिका के टैरिफ निर्णय के प्रभाव को कम करने और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए भविष्य में और भी विशेषज्ञों और उद्योग प्रतिनिधियों से विचार-विमर्श करेगी।
बैठक में कई वरिष्ठ अधिकारी और विशेषज्ञ मोहताज रहे, जिनमें राज्य के वित्त विभाग के अतिरिक्त मंत्री सजीव ओपी गुप्ता, योजना विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजगोपाल देओरा, ऊर्जा विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव आभा शुक्ला, राज्य कर एवं जीएसटी आयुक्त आशीष शर्मा, उद्योग विभाग के सचिव डॉ. पी. अन्बलगन, 'मित्रा' के सह-सीईओ अमन मित्तल, 'मित्रा' के अर्थशास्त्री संजीव सक्सेना, मुंबई स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के प्रोफेसर सत्यनारायण कोठे, अर्थशास्त्री ऋषि शाह शामिल रहे।