क्या सीएम नायडू ने विशाखापत्तनम और विजयवाड़ा के लिए मेट्रो रेल परियोजनाओं की मंजूरी मांगी?
सारांश
Key Takeaways
- मुख्यमंत्री ने केंद्र से शीघ्र मंजूरी की अपील की।
- विशाखापत्तनम और विजयवाड़ा के लिए मेट्रो परियोजनाएं आवश्यक हैं।
- आधुनिक शहरी परिवहन समाधान की आवश्यकता।
- परियोजनाएं आर्थिक विकास में सहायक होंगी।
- केंद्र से सहयोग की मांग की गई।
अमरावती, 19 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने शुक्रवार को केंद्र सरकार से विशाखापत्तनम और विजयवाड़ा में मेट्रो रेल परियोजनाओं को शीघ्र मंजूरी देने का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने नई दिल्ली में केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात के दौरान बताया कि दोनों मेट्रो प्रणालियों की संशोधित विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) पहले ही मंत्रालय को सौंप दी गई हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के दो सबसे तेजी से बढ़ते शहरी केंद्रों के विकास को गति देने के लिए इन परियोजनाओं की जल्द स्वीकृति अत्यंत महत्वपूर्ण है।
सीएम नायडू ने कहा कि विशाखापत्तनम और विजयवाड़ा में बढ़ती जनसंख्या, आर्थिक गतिविधियों और परिवहन की मांग को देखते हुए आधुनिक, मजबूत और टिकाऊ शहरी परिवहन समाधान की आवश्यकता है। उन्होंने केंद्रीय मंत्री से मंजूरी प्रक्रिया को प्राथमिकता के आधार पर तेज करने का अनुरोध किया ताकि दोनों मेट्रो परियोजनाओं पर जल्दी काम शुरू हो सके।
इसके अतिरिक्त, मुख्यमंत्री ने केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल से भी अलग से मुलाकात की और राज्य में दुगराजापत्तनम शिपबिल्डिंग इकोसिस्टम और प्रमुख मछली पकड़ने के बंदरगाह परियोजनाओं के विकास के लिए केंद्र से सहयोग की मांग की।
मुख्यमंत्री ने बंदरगाह क्षेत्र और जहाज निर्माण क्षमताओं को मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार की नीतियों की सराहना करते हुए कहा कि आंध्र प्रदेश राष्ट्रीय “चिप टू शिप” विजन में योगदान देने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने जानकारी दी कि दुगराजापत्तनम में राष्ट्रीय मेगा शिपबिल्डिंग और शिप रिपेयर क्लस्टर स्थापित करने के लिए राज्य पूरी तरह तैयार है। इसके लिए 3,488 एकड़ भूमि आवंटित की जा चुकी है और टेक्नो-इकोनॉमिक फिजिबिलिटी रिपोर्ट (टीईएफआर) भी पूरी हो चुकी है।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने राज्य के फिशिंग हार्बर बुनियादी ढांचे के लिए अतिरिक्त वित्तीय सहायता देने का भी अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं का उद्देश्य मछुआरों की आजीविका सुधारना और मत्स्य क्षेत्र का आधुनिकीकरण करना है।
मुख्यमंत्री नायडू ने केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी से भी मुलाकात की और नेल्लोर जिले में प्रस्तावित बीपीसीएल ग्रीनफील्ड रिफाइनरी परियोजना के शिलान्यास समारोह में शामिल होने का औपचारिक निमंत्रण दिया।
उन्होंने बताया कि लगभग 96,862 करोड़ रुपये के निवेश वाली यह रिफाइनरी देश की सबसे बड़ी एकीकृत ऊर्जा परियोजनाओं में से एक होगी, जिससे भारत की रिफाइनिंग क्षमता मजबूत होगी और राष्ट्रीय ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने परियोजना के लिए 6,000 एकड़ भूमि आवंटित कर दी है और इसके शीघ्र क्रियान्वयन के लिए आकर्षक प्रोत्साहन भी दिए गए हैं।
उन्होंने यह भी जानकारी दी कि परियोजना के लिए पर्यावरण मंजूरी से संबंधित जनसुनवाई सफलतापूर्वक पूरी हो चुकी है और जल्द ही पर्यावरण स्वीकृतियां मिलने की उम्मीद है, जिससे परियोजना के सभी शेष चरण तेजी से आगे बढ़ सकेंगे।