क्या शिक्षकों को अब ट्रांसफर से जुड़ी परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा? सीएम नीतीश कुमार ने दिया भरोसा

सारांश
Key Takeaways
- सीएम नीतीश कुमार द्वारा नई ट्रांसफर नीति की घोषणा।
- शिक्षकों को तीन जिलों का विकल्प दिया जाएगा।
- जिलों के अंदर पदस्थापन जिला पदाधिकारी की समिति द्वारा किया जाएगा।
- शिक्षकों की समस्याओं का समाधान किया जाएगा।
- बिहार में शिक्षा व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण के लिए प्रयास।
नई दिल्ली, 7 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रक्षाबंधन से पहले शिक्षकों के लिए एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। इस घोषणा से उन शिक्षकों को राहत मिलेगी जो अपने जिले से दूर दूसरे जिले में छात्रों को पढ़ाते हैं।
सीएम नीतीश कुमार ने शिक्षकों के ट्रांसफर से संबंधित कई सुझावों पर विचार किया है। इसके तहत अब अंतर जिला ट्रांसफर से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए नई व्यवस्था लागू की जाएगी। उन्होंने शिक्षा विभाग को निर्देश दिया है कि जिन शिक्षकों को ट्रांसफर से समस्याएं हैं, उनसे तीन जिलों का विकल्प लिया जाएगा और उनकी पोस्टिंग उन्हीं जिलों में की जाएगी। यह निर्णय शिक्षकों की सुविधा और उनकी समस्याओं के समाधान के लिए उठाया गया कदम है।
सीएम ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया। पोस्ट में उन्होंने लिखा, “शिक्षा विभाग द्वारा हाल में किए गए शिक्षकों के स्थानान्तरण के बारे में विभिन्न स्रोतों से सुझाव प्राप्त हो रहे हैं। इसके लिए मैंने शिक्षा विभाग को स्पष्ट निदेश दिया है कि अन्तर जिला स्थानान्तरण संबंधी जिन शिक्षकों की भी समस्या है, उनसे 3 जिलों का विकल्प प्राप्त किया जाएगा, जिसके बाद उन्हीं जिलों में उनका पदस्थापन किया जाएगा।”
जिलों के अंदर पदस्थापन का कार्य जिला पदाधिकारी की समिति द्वारा किया जाएगा ताकि यथासंभव इच्छित प्रखण्डों या उनके नजदीक उनका पदस्थापन हो सके।
सीएम ने आगे लिखा, “शिक्षक बच्चों के भविष्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं, इसीलिए मेरा विनम्र आग्रह होगा कि वे इस बारे में चिंतित न होकर बिहार में बच्चों की शिक्षा के लिए लगनपूर्वक काम करें।”
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि नवंबर 2005 में सरकार बनने के बाद से ही शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए लगातार काम किया जा रहा है। शिक्षा व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण के लिए बड़ी संख्या में शिक्षकों की नियुक्ति की गई है। शिक्षकों की बहाली में बिहार के निवासियों (डोमिसाइल) को प्राथमिकता देने हेतु शिक्षा विभाग को संबंधित नियम में आवश्यक संशोधन करने का निर्देश दिया गया है।