क्या वाराणसी में संस्कृत और तमिल भारत की आत्मा हैं?: सीएम योगी आदित्यनाथ

Click to start listening
क्या वाराणसी में संस्कृत और तमिल भारत की आत्मा हैं?: सीएम योगी आदित्यनाथ

सारांश

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने काशी में धर्मशाला के उद्घाटन समारोह में उपराष्ट्रपति की उपस्थिति में भारत की सांस्कृतिक एकता की महत्वपूर्ण बातें साझा की। उन्होंने काशी और तमिलनाडु की समृद्ध परंपराओं का उल्लेख करते हुए भारतीय संस्कृति के सभी तत्वों की समानता पर जोर दिया।

Key Takeaways

  • वाराणसी और तमिलनाडु के बीच सांस्कृतिक संबंध महत्वपूर्ण हैं।
  • संस्कृत और तमिल भारत की प्राचीनतम भाषाएँ हैं।
  • धर्मशाला श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएं प्रदान करेगी।
  • 51 हजार करोड़ रुपए की विकास परियोजनाएं वाराणसी में स्वीकृत हुई हैं।
  • भारत की संस्कृति में विविधता और एकता का समागम है।

वाराणसी, 31 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को काशी नाटकोट्टई नगर क्षेत्रम में निर्मित धर्मशाला के उद्घाटन समारोह में भाग लिया। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्ण भी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन की शुरुआत 'वनक्कम काशी' से करते हुए कहा कि काशी में गंगा नदी से लेकर तमिलनाडु की कावेरी नदी तक हमारी साझा परंपरा यह दर्शाती है कि भाषाएं भले ही भिन्न हों, लेकिन भारत की आत्मा एक ही है, जो शाश्वत, समावेशी और अटूट है।

उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए सुखद संयोग है कि उपराष्ट्रपति की यात्रा का स्थान बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी है। धर्मशाला का उद्घाटन उपराष्ट्रपति द्वारा किया गया है, जो श्रद्धालुओं के लिए रहने की सुविधाएं प्रदान करेगी और काशी तथा तमिलनाडु के प्राचीन सांस्कृतिक संबंधों को और मजबूत करेगी।

मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि भगवान श्रीराम द्वारा रामेश्वरम में स्थापित पावन ज्योतिर्लिंग और काशी में विराजमान भगवान आदि विश्वेश्वर ज्योतिर्लिंग, एक-दूसरे के रूप में पूजित होते हैं। यह उत्तर और दक्षिण भारत की सांस्कृतिक एकात्मता का सुंदर प्रारूप प्रस्तुत करता है।

सीएम योगी ने कहा कि काशी और तमिलनाडु में भारतीय संस्कृति के सभी तत्व समान रूप से संरक्षित हैं। संस्कृत और तमिल भाषा भारत की प्राचीनतम भाषाएँ हैं और समस्त भारतीय भाषाएँ और उनके साहित्य सभी को समाहित करते हैं।

सीएम योगी ने भविष्य में काशी में आयोजित होने वाले विकास कार्यों की जानकारी देते हुए कहा कि काशी में पिछले वर्षों में 51 हजार करोड़ रुपए की विकास परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं।

Point of View

यह स्पष्ट है कि भारत की एकता उसकी विविधता में निहित है। काशी और तमिलनाडु का संबंध एक अद्भुत उदाहरण है कि कैसे विभिन्न भाषाएँ और संस्कृतियाँ एक साझा पहचान बना सकती हैं। यह देश की सामाजिक धागे को मजबूत करने का एक प्रयास है।
NationPress
20/12/2025

Frequently Asked Questions

वाराणसी में धर्मशाला का उद्घाटन कब हुआ?
धर्मशाला का उद्घाटन 31 अक्टूबर को हुआ था।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने क्या कहा?
उन्होंने कहा कि काशी और तमिलनाडु की परंपराएँ भारत की आत्मा को दर्शाती हैं।
Nation Press