क्या यूपी के सीएम योगी का निर्देश विदेशी निवेश को बढ़ावा देगा?

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क्या यूपी के सीएम योगी का निर्देश विदेशी निवेश को बढ़ावा देगा?

सारांश

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विदेशी निवेश को बढ़ावा देने के लिए उच्चस्तरीय समीक्षा की। उन्होंने निवेशकों के साथ संवाद को बढ़ाने और निवेश की गति को तेज करने के निर्देश दिए। उत्तर प्रदेश ने वैश्विक निवेशकों का विश्वास जीता है।

Key Takeaways

  • उत्तर प्रदेश अब निवेश के भरोसे का राज्य बन गया है।
  • मुख्यमंत्री ने निवेशकों के साथ संवाद बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।
  • बड़ी कंपनियों ने राज्य में निवेश में रुचि दिखाई है।
  • प्रदेश में विदेशी निवेश की गति तेजी से बढ़ रही है।
  • 'प्लग एंड प्ले' मॉडल से निवेशकों को प्रोत्साहित किया जाएगा।

लखनऊ, 5 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को राज्य में विदेशी निवेश को नई गति देने के लिए चलाए जा रहे प्रयासों की उच्चस्तरीय समीक्षा करते हुए स्पष्ट किया कि उत्तर प्रदेश अब केवल निवेश की संभावना नहीं, बल्कि निवेश के विश्वास का राज्य बन गया है।

उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि हर निवेशक के साथ संवाद लगातार बना रहना चाहिए और किसी भी स्तर पर देरी की कोई गुंजाइश नहीं होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्पीड, स्टेबिलिटी और सपोर्ट यही नए उत्तर प्रदेश की पहचान होनी चाहिए।

बैठक में जानकारी दी गई कि वित्तीय वर्ष 2025-26 के सितंबर 2025 तक उत्तर प्रदेश को 683 मिलियन अमेरिकी डॉलर का विदेशी निवेश प्राप्त हुआ है और राज्य का कुल संचयी विदेशी निवेश अक्टूबर 2019 से अब 2,754 मिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच चुका है। अधिकारियों ने यह भी बताया कि चालू अवधि में प्रदेश को 5,963 करोड़ रुपए का विदेशी निवेश प्रवाह मिला है, जो पिछले वर्षों की तुलना में तेज वृद्धि को दर्शाता है।

मुख्यमंत्री को बताया गया कि एफडीआई-एफसीआई-फॉर्च्यून 500 नीति-2023 के अंतर्गत अब तक 11 निवेश आवेदकों ने 13,610 करोड़ रुपए के प्रस्ताव दिए हैं। इसके अलावा 22 आवेदनों के माध्यम से 17,810 करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं और 56 हजार करोड़ रुपए के निवेश से जुड़े 29 आवेदन पाइपलाइन में हैं। जापान, अमेरिका, बेल्जियम, यूनाइटेड किंगडम, पोलैंड और सिंगापुर उत्तर प्रदेश के प्रमुख निवेश साझेदार बने हुए हैं।

सीएम को यह भी बताया गया कि जापान, दक्षिण कोरिया, ताइवान, जर्मनी, फ्रांस, सिंगापुर और खाड़ी देशों के लिए बनाए गए विदेशी देश डेस्क लगातार सक्रिय हैं। दूतावासों, उच्चायोगों और व्यापार संघों से निरंतर संवाद चल रहा है। निवेशकों के साथ 100 से अधिक वन-टू-वन बैठकें हो चुकी हैं। जापान व्यापार संगठन और सिंगापुर अंतरराष्ट्रीय वाणिज्य मंडल के साथ होने वाले समझौते भी निवेश के ठोस अवसरों में बदले जा रहे हैं।

खाड़ी सहयोग परिषद सेक्टर डेस्क की समीक्षा में बताया गया कि दिल्ली, नोएडा, मुंबई, लखनऊ और कानपुर में अब तक 6 गोलमेज बैठकें हो चुकी हैं, जिनसे 83 कंपनियों के साथ सीधा संवाद बना और करीब 5,000 करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव सामने आए। सूचना प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रॉनिक्स और विनिर्माण क्षेत्र में सबसे अधिक रुचि दिखी, जबकि बैंकिंग, वित्त, बीमा, फार्मा, लाइफ साइंस, मीडिया और मनोरंजन क्षेत्रों को उच्च संभावनायुक्त बताया गया।

मुख्यमंत्री ने ललितपुर फार्मा पार्क को लेकर भी स्पष्ट निर्देश दिए कि इससे जुड़े अवसंरचना कार्यों में और तेजी लाई जाए। उन्होंने कहा कि कई बड़ी दवा कंपनियों ने यहां निवेश में रुचि दिखाई है, ऐसे में उनसे लगातार संवाद बनाए रखा जाए और भूमि, बिजली, पानी जैसी सुविधाएं समय पर सुनिश्चित हों।

जापान डेस्क की समीक्षा में बताया गया कि डेंसो के ब्राउनफील्ड विस्तार परियोजना पर विस्तृत परियोजना रिपोर्ट और दस्तावेजी प्रक्रिया आगे बढ़ रही है। कांसाई फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री एसोसिएशन की 125 जापानी कंपनियों के साथ फॉलोअप चल रहा है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर के सहयोग से ग्रीन हाइड्रोजन उत्कृष्टता केंद्र की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। टोयोटा समूह, सुमितोमो और मारुबेनी से निवेश को लेकर लगातार बातचीत जारी है। जापान डेस्क के अंतर्गत कुल 20,000 करोड़ रुपये के निवेश का लक्ष्य रखा गया है।

ताइवान डेस्क को लेकर मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि यहां प्रयास और तेज किए जाएं। उन्होंने निर्देश दिए कि ताइवान के निवेशकों के साथ निरंतर संवाद बनाए रखा जाए, केवल रोड शो तक सीमित न रहा जाए। बैठक में बताया गया कि 40 से अधिक कंपनियां चिन्हित की गई हैं और लगभग 100 करोड़ रुपए के निवेश की पाइपलाइन तैयार है। नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना क्षेत्र को इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है, जहां एचसीएल-फॉक्सकॉन का 3,700 करोड़ रुपए का निवेश मजबूत आधार बनेगा। कानपुर को तकनीकी वस्त्र और स्पोर्ट्सवेयर केंद्र के रूप में विकसित करने की योजना भी सामने रखी गई।

दक्षिण कोरिया डेस्क की समीक्षा में बताया गया कि सैमसंग, एलजी, केएच वेटेक और ड्रीमटेक जैसी कंपनियों के साथ निवेश को लेकर बातचीत आगे बढ़ चुकी है। एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स का गौतमबुद्ध नगर में करीब 850 करोड़ रुपए का विस्तार प्रस्तावित है, जबकि लोट्टे समूह का लगभग 400 करोड़ रुपए का निवेश प्रक्रियाधीन है। मुख्यमंत्री ने कोरियाई कंपनियों के लिए भी संवाद और सुविधाकरण को और मजबूत करने के निर्देश दिए।

सिंगापुर डेस्क के अंतर्गत टेमासेक, सरकारी निवेश कोष, पीएसए, डीबीएस, कैपिटललैंड-असेंडास, केपेल और सेम्बकॉर्प जैसे निवेशक यूपी में लगातार रुचि दिखा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सभी विदेशी डेस्क द्वारा नियमित अंतराल पर राउंड टेबल बैठकें होती रहनी चाहिए। उन्होंने इन्वेस्ट यूपी की टीम से कहा कि हर निवेशक के साथ एकल संपर्क बिंदु तय हो, ताकि उसे प्रणाली में भटकना न पड़े।

मुख्यमंत्री ने उद्योगों को गति देने के लिए ‘प्लग एंड प्ले’ मॉडल पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि यदि निवेशक को पहले दिन से तैयार अवसंरचना मिलेगी, तो वह तेजी से काम शुरू कर सकेगा और यही मॉडल उत्तर प्रदेश को अन्य राज्यों से आगे ले जाएगा।

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां कंपनियों के कॉर्पोरेट और मुख्यालय खोलने के लिए उन्हें प्रेरित किया जाए। मुख्यमंत्री ने बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण को लेकर यह भी निर्देश दिए कि वहां आवश्यक मानव संसाधन की कमी न रहे।

Point of View

बल्कि यह भी बताता है कि कैसे एक राज्य विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए पहल कर रहा है। यह कदम न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न करेगा।
NationPress
05/12/2025

Frequently Asked Questions

क्या उत्तर प्रदेश में विदेशी निवेश बढ़ रहा है?
हाँ, उत्तर प्रदेश में विदेशी निवेश की गति बढ़ रही है, जिसमें विभिन्न देशों के निवेशकों की रुचि शामिल है।
मुख्यमंत्री ने निवेश के लिए क्या निर्देश दिए हैं?
मुख्यमंत्री ने कहा है कि निवेशकों के साथ संवाद को निरंतर बनाए रखा जाए और किसी भी स्तर पर देरी नहीं होनी चाहिए।
उत्तर प्रदेश के प्रमुख निवेश साझेदार कौन हैं?
उत्तर प्रदेश के प्रमुख निवेश साझेदार जापान, अमेरिका, बेल्जियम, यूनाइटेड किंगडम, पोलैंड और सिंगापुर हैं।
किस क्षेत्र में सबसे अधिक निवेश की संभावना है?
सूचना प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रॉनिक्स और विनिर्माण क्षेत्र में सबसे अधिक रुचि दिखी है।
सीएम योगी ने 'प्लग एंड प्ले' मॉडल पर क्या जोर दिया है?
सीएम योगी ने कहा कि यदि निवेशक को पहले दिन से तैयार अवसंरचना मिलेगी, तो वह तेजी से काम शुरू कर सकेगा।
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