क्या 'विकसित उत्तर प्रदेश' में सीएम योगी का औद्योगिक और अवसंरचनात्मक सुधार प्राथमिकता है?

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क्या 'विकसित उत्तर प्रदेश' में सीएम योगी का औद्योगिक और अवसंरचनात्मक सुधार प्राथमिकता है?

सारांश

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार का लक्ष्य वर्ष 2047 तक प्रदेश को विकसित राज्यों की श्रेणी में लाना है। इसके लिए औद्योगिक और अवसंरचना विकास पर जोर दिया जा रहा है। क्या ये प्रयास प्रदेश को आगे बढ़ाने में सफल होंगे?

Key Takeaways

  • विकसित उत्तर प्रदेश 2047 का लक्ष्य
  • योगी सरकार की औद्योगिक नीति
  • भूमि क्रय में स्टांप ड्यूटी छूट
  • प्रदेश का कनेक्टिविटी नेटवर्क
  • रोजगार सृजन के नए अवसर

लखनऊ, 27 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश को वर्ष 2047 तक देश के विकसित राज्यों की अग्रिम पंक्ति में लाने के लिए योगी सरकार ने औद्योगिक और अवसंरचना विकास पर एक ठोस रणनीति लागू की है। 'विकसित उत्तर प्रदेश 2047' के लिए विजन डॉक्यूमेंट का निर्माण कार्य लगातार चल रहा है और सरकार ने अब तक 98 लाख से अधिक नागरिकों तथा स्टेकहोल्डर्स से सुझाव प्राप्त किए हैं। इनमें सबसे अधिक सुझाव कृषि, ग्रामीण विकास और शिक्षा से संबंधित हैं। खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे प्रदेश के विकास में जनता की सक्रिय भागीदारी का सकारात्मक संकेत बताया है।

राज्य ने एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य की दिशा में दृढ़ता से कदम बढ़ाए हैं, जबकि वर्ष 2047 तक छह ट्रिलियन डॉलर की दीर्घकालिक अर्थव्यवस्था का लक्ष्य रखा गया है। इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए 15 से 16 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि दर आवश्यक मानी गई है। औद्योगिक निवेश और रोजगार प्रोत्साहन नीति 2022 इस दिशा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है, जिसके तहत पात्र इकाइयों को 25 प्रतिशत तक पूंजीगत सब्सिडी प्रदान की जा रही है। पूर्वांचल और बुंदेलखंड को औद्योगिक विकास का नया केंद्र बनाने के उद्देश्य से यह सीमा 45 करोड़ रुपये तक निर्धारित की गई है।

भूमि क्रय को सरल बनाने के लिए लागू की गई स्टांप ड्यूटी छूट निवेशकों के लिए एक बड़ा प्रोत्साहन बन गई है। पूर्वांचल और बुंदेलखंड में 100 प्रतिशत, मध्यांचल और पश्चिमांचल में 75 प्रतिशत तथा नोएडा-गाजियाबाद में 50 प्रतिशत तक की छूट प्रदान की जा रही है। सरकार का मानना है कि यह कदम नए औद्योगिक निवेशों को आकर्षित करेगा और मौजूदा औद्योगिक इकाइयों के विस्तार को गति देगा।

पिछले वर्षों में योगी सरकार ने अवसंरचना विकास को प्राथमिकता दी है और इसका व्यापक स्तर पर विस्तार किया है। आज उत्तर प्रदेश 13 एक्सप्रेस-वे और पांच अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों के साथ देश का सबसे बड़ा कनेक्टिविटी नेटवर्क प्रदान करने वाला राज्य बन गया है। यह सुदृढ़ नेटवर्क प्रदेश को तेजी से उभरते लॉजिस्टिक्स हब के रूप में स्थापित कर रहा है और उद्योगों को विश्वस्तरीय संपर्क सुविधाएं उपलब्ध करा रहा है।

वित्तीय वर्ष 2025-26 में घोषित 8,08,736 करोड़ रुपये के बजट में से लगभग 22 प्रतिशत राशि अवस्थापना विकास के लिए आवंटित की गई है। इसके माध्यम से प्रदेश में एक्सप्रेस-वे, औद्योगिक कॉरिडोर, वेयरहाउसिंग, मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स हब और नई औद्योगिक नगरियों के विस्तार में गति लाई जा रही है। योगी सरकार का मानना है कि इन प्रयासों से प्रदेश की औद्योगिक क्षमता में कई गुना वृद्धि होगी और रोजगार सृजन के नए अवसर विकसित होंगे। 'विकसित उत्तर प्रदेश 2047' का विजन अब ऐसी प्रक्रिया के रूप में आकार ले रहा है जिसमें नीति, विकास और जनता की सहभागिता मिलकर एक समृद्ध भविष्य की नींव तैयार कर रहे हैं।

Point of View

मैं मानता हूँ कि योगी सरकार के प्रयासों से उत्तर प्रदेश का औद्योगिक और अवसंरचनात्मक विकास निश्चित रूप से सकारात्मक परिणाम लाएगा। यह केवल प्रदेश के लिए नहीं, बल्कि राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के लिए भी महत्वपूर्ण है।
NationPress
27/11/2025

Frequently Asked Questions

उत्तर प्रदेश में औद्योगिक विकास की नीति क्या है?
उत्तर प्रदेश में औद्योगिक विकास की नीति 2022 के तहत, उद्योगों को 25 प्रतिशत तक पूंजीगत सब्सिडी दी जा रही है।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने क्या कहा है?
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे प्रदेश की विकास यात्रा में जनता की सक्रिय भागीदारी का सकारात्मक संकेत बताया है।
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