क्या अपराध करने वालों को चुकानी होगी कीमत? : सीएम योगी

Click to start listening
क्या अपराध करने वालों को चुकानी होगी कीमत? : सीएम योगी

सारांश

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति के अंतर्गत साक्ष्य संकलन और फॉरेंसिक लैब्स में सुधार की घोषणा की। यह नई व्यवस्था अपराधियों को पकड़ने में मदद करेगी और पीड़ितों को शीघ्र न्याय दिलाने का प्रयास करेगी।

Key Takeaways

  • जीरो टॉलरेंस नीति से अपराधियों को सख्त सजा दी जाएगी।
  • हर कमिश्नरी में फॉरेंसिक साइंस लैब होगी।
  • नए कानूनों में फॉरेंसिक जांच अनिवार्य है।
  • युवाओं के लिए नए रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।
  • साक्ष्य संकलन में मोबाइल वैन का उपयोग किया जा रहा है।

गोरखपुर, 18 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 2017 के बाद का नया उत्तर प्रदेश अपराध को बिल्कुल भी सहन नहीं करेगा। यदि किसी ने यहां अपराध करने की हिम्मत की, तो उसे किसी भी कीमत पर अपराध का फल चुकाना होगा। वह समय समाप्त हो चुका है जब पीड़ित तड़पते और अपराधी स्वच्छंदता से घूमते थे। प्रदेश सरकार ने जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत साक्ष्य संकलन और फॉरेंसिक साइंस लैब्स के माध्यम से ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित की है कि कोई भी अपराधी बच नहीं सकेगा।

उन्होंने कहा कि आज प्रदेश सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति, वैज्ञानिक साक्ष्यों पर आधारित जांच और आधुनिक फॉरेंसिक साइंस लैब्स के जरिए ऐसी व्यवस्था विकसित की गई है कि अपराधी अब बच नहीं सकते। सटीक, त्वरित और पारदर्शी जांच के कारण पीड़ित को सहज, सुगम और समयबद्ध न्याय मिल रहा है।

सीएम योगी मंगलवार को बी से ए क्लास में उच्चीकृत क्षेत्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला (आरएफएसएल) गोरखपुर के नवीन उच्चीकृत भवन के लोकार्पण समारोह में बोल रहे थे। छह मंजिला हाईटेक नवीन भवन के निर्माण पर 72.78 करोड़ रुपये की लागत आई है। उच्चीकृत आरएफएसएल का फीता काटकर उद्घाटन करने और यहां की व्यवस्थाओं का निरीक्षण करने के बाद मुख्यमंत्री ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित किया।

उन्होंने फॉरेंसिक जांच की अत्याधुनिक सौगात के लिए पूर्वी उत्तर प्रदेश की जनता को बधाई देते हुए कहा कि आबादी के हिसाब से देश का सबसे बड़ा राज्य होने के बावजूद 2017 से पहले उत्तर प्रदेश में केवल चार फॉरेंसिक साइंस लैब्स थीं। सरकार बनने के बाद यह सुनिश्चित किया गया कि हर कमिश्नरी में कम से कम एक फॉरेंसिक साइंस लैब होनी चाहिए। आठ वर्षों में इनकी संख्या बढ़कर 12 हो गई है और छह लैब निर्माणाधीन हैं। जल्द ही सभी कमिश्नरी में फॉरेंसिक साइंस लैब होंगी। इन लैब्स में हर प्रकार की फॉरेंसिक जांच की जाएगी, जो साक्ष्य को प्रमाणित कर अपराधियों को कठोर दंड दिलाने का आधार बनेगी।

मुख्यमंत्री ने बताया कि कमिश्नरी स्तर पर फॉरेंसिक साइंस लैब स्थापित करने के साथ-साथ सरकार ने हर जिले में फॉरेंसिक साक्ष्य संकलन के लिए दो-दो मोबाइल वैन उपलब्ध कराई हैं। इससे कुछ ही घंटों में पुख्ता साक्ष्य संकलन हो जा रहा है और लैब में उसकी जांच के बाद पीड़ित को सहज और सुगम न्याय मिल जाएगा। अब कोई भी अपराधी बच नहीं पाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 के पहले साक्ष्य इकट्ठा होने पर भी अच्छी फॉरेंसिक साइंस लैब के अभाव में अपराधी बच जाते थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में गत वर्ष जुलाई से तीन नए कानून (भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य संहिता 2023) लागू होने के बाद फॉरेंसिक साइंस लैब्स की उपयोगिता और बढ़ गई है। नए कानून में सात वर्ष से अधिक कारावास वाले अपराधों में फॉरेंसिक जांच को अनिवार्य कर दिया गया है। इन कानूनों के लागू होने से पहले ही यूपी सरकार ने लैब्स स्थापित करने की तैयारी शुरू कर दी थी।

सीएम योगी ने कहा कि फॉरेंसिक साइंस लैब्स से युवाओं के लिए नए रोजगार का सृजन भी होगा। इसके लिए सरकार ने लखनऊ में यूपी स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंस की स्थापना की है, जहां लैब टेक्नीशियन के लिए सर्टिफिकेट, लैब में साक्ष्य मिलान करने वालों के लिए डिप्लोमा और विशेषज्ञ के लिए डिग्री कोर्स शुरू किए गए हैं। फॉरेंसिक साइंस लैब्स नए समय में नए अपराधों को रोकने के लिए वैज्ञानिक साक्ष्य उपलब्ध कराने के प्रयासों का हिस्सा हैं। उन्होंने बताया कि अत्याधुनिक यूपी स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंस में एडवांस डीएनए डायग्नोस्टिक, एआई, ड्रोन, रोबोटिक लैब उपलब्ध हैं। यहां नैनो से लेकर 40 किलो वजनी ड्रोन संचालित किए जा सकते हैं।

सीएम योगी ने कहा कि गोरखपुर में अपग्रेडेड फॉरेंसिक साइंस लैब में सभी अत्याधुनिक सुविधाएं होंगी, जो सटीक जांच करेंगी। यह लैब मॉडर्न पुलिस के लिए गेम चेंजर साबित होगी। त्वरित और पुख्ता जांच होने से लोगों को समय पर सुसंगत न्याय मिलेगा। उन्होंने कहा कि फॉरेंसिक साइंस लैब अपराध और अपराधियों के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति का हिस्सा हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि गोरखपुर की यह उच्चीकृत लैब उन चुनिंदा संस्थानों में शामिल होगी जहां बैलेस्टिक, नार्कोटिक्स, सेरोलॉजी, साइबर फॉरेंसिक, डीएनए प्रोफाइलिंग, डाक्यूमेंट विश्लेषण से लेकर सभी उन्नत फॉरेंसिक परीक्षण संभव होंगे। ऐसी क्षमता से पुलिस के कार्य में गति, पारदर्शिता और विश्वसनीयता बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य साइबर फॉरेंसिक को वैश्विक मानक तक पहुंचाना है ताकि भविष्य में होने वाले हाईटेक अपराधों पर भी प्रभावी अंकुश लगाया जा सके।

Point of View

बल्कि अपराध कम करने की दिशा में एक ठोस प्रयास भी है।
NationPress
18/11/2025

Frequently Asked Questions

सीएम योगी ने जीरो टॉलरेंस नीति के तहत क्या कदम उठाए हैं?
सीएम योगी ने फॉरेंसिक साइंस लैब्स के माध्यम से साक्ष्य संकलन को प्रभावी बनाने और आधुनिक तकनीकों का उपयोग करने की बात की है, जिससे अपराधियों को पकड़ना आसान होगा।
फॉरेंसिक लैब्स की संख्या में वृद्धि का क्या लाभ होगा?
फॉरेंसिक लैब्स की संख्या में वृद्धि से हर कमिश्नरी में जांच की सुविधा उपलब्ध होगी, जिससे अपराधियों को पकड़ने में मदद मिलेगी।
नए कानूनों का फॉरेंसिक जांच पर क्या प्रभाव है?
नए कानूनों में फॉरेंसिक जांच को अनिवार्य कर दिया गया है, जिससे गंभीर अपराधों में साक्ष्य की प्रमाणिकता बढ़ेगी।
फॉरेंसिक साइंस लैब्स का उद्देश क्या है?
फॉरेंसिक साइंस लैब्स का उद्देश्य वैज्ञानिक साक्ष्यों के आधार पर अपराधियों को सजा दिलाना और न्याय प्रणाली को मजबूती प्रदान करना है।
युवाओं के लिए इस नीति से क्या अवसर बनेंगे?
फॉरेंसिक साइंस लैब्स के माध्यम से युवाओं के लिए नए रोजगार के अवसर सृजित होंगे, जैसे कि लैब तकनीशियन और विशेषज्ञ।
Nation Press