क्या सेवा ही सम्मान है, अनुशासन ही पहचान है और राष्ट्रहित ही सर्वोच्च प्राथमिकता है?
सारांश
Key Takeaways
- सेवा, अनुशासन और राष्ट्रहित होमगार्ड्स का मूलमंत्र है।
- हर थाने में होमगार्ड जवानों के लिए रूम आरक्षित किया जाएगा।
- कैशलेस स्वास्थ्य सुविधा का प्रस्ताव सरकार को भेजा जाएगा।
- होमगार्ड्स की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता लाने के लिए डिजिटल प्रणाली विकसित की जा रही है।
- कोरोना महामारी के दौरान होमगार्ड्स ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
लखनऊ, 6 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने होमगार्ड के जवानों को सेवा का मूलमंत्र देते हुए कहा कि सेवा ही सम्मान है, अनुशासन ही पहचान है और राष्ट्रहित ही हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। शनिवार को उत्तर प्रदेश होमगार्ड्स के 63वें स्थापना दिवस समारोह में सम्मिलित होकर सीएम योगी ने भव्य रेतिक परेड की सलामी ली और जवानों की कर्तव्यनिष्ठा की सराहना की।
उन्होंने कहा कि आपका अनुशासन, निष्ठा व त्याग हमारे समाज को सुरक्षित व संरक्षित बनाने में बड़ी भूमिका का निर्वहन करता है। आप केवल एक बल के स्वयंसेवक नहीं, बल्कि समाज के विश्वास के साथ ही प्रदेश सरकार की शक्ति हैं।
इस अवसर पर उन्होंने होमगार्ड्स के विभिन्न मेडल प्राप्त अधिकारियों व कर्मचारियों को सम्मानित भी किया। उन्होंने कहा कि सरकार ने ऐसी व्यवस्था की है कि अब हर थाने में होमगार्ड जवानों के लिए रूम आरक्षित होगा, जिसमें वे यूनिफॉर्म व आवश्यक कागजात को सुरक्षित रख सकेंगे। वहीं, मुख्यमंत्री ने विभाग से कहा कि होमगार्ड के जवान को आयुष्मान भारत की तर्ज पर कैशलेस स्वास्थ्य की सुविधा उपलब्ध हो, इसके लिए प्रस्ताव बनाकर भेजें, सरकार इसे आगे बढ़ाएगी।
उत्तर प्रदेश होमगार्ड स्थापना दिवस के अवसर पर सभी जवानों व अधिकारियों को बधाई व शुभकामनाएं देते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि होमगार्ड स्थापना दिवस केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि अनुशासन, समर्पण व सेवा भावना का प्रतीक है। आज यहां होमगार्ड संगठन के ऊर्जावान जवानों द्वारा अत्यंत उच्च कोटि की रैतिक परेड का प्रदर्शन किया गया है, जो होमगार्ड विभाग की क्षमता, उच्च अनुशासन और अनवरत परिश्रम को दर्शाता है।
सीएम ने कहा कि आज भारत के संविधान के शिल्पी बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर का पावन महापरिनिर्वाण दिवस है। यह दिन प्रेरणा दिवस है। बाबा साहेब ने प्रत्येक भारतीय को प्रेरणा दी कि हमारी पहचान परिवार, जाति, क्षेत्र व भाषा से नहीं, बल्कि भारतीयता से होनी चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी ने आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में हर भारतवासी से कहा था कि यूनिफॉर्म धारी प्रत्येक व्यक्ति के प्रति सम्मान हम सबके मन में होना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 6 दिसंबर 1963 को उत्तर प्रदेश होमगार्ड्स की स्थापना हुई थी। तब से यह संगठन सुरक्षा कवच की तरह उत्तर प्रदेश पुलिस बल का संबल बना हुआ है। उन्होंने कहा कि मुझे प्रसन्नता है कि राष्ट्रपति पदक से वर्ष 2024 में विशिष्ट सेवा के लिए 3, सराहनीय सेवाओं के लिए 11 तथा वर्ष 2025 में सराहनीय सेवाओं के लिए 3 जवानों को अलंकृत किया गया है।
सीएम ने कहा कि होमगार्ड संगठन अब केवल पुलिस बल के सहायक के रूप में नहीं है। यह संगठन कानून-व्यवस्था, यातायात संचालन, डायल 112 और चुनाव के दौरान राज्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। प्रदेश में आपदा मित्रों की नियुक्ति हो रही है और होमगार्ड विभाग ने आपदा प्रबंधन विभाग के साथ मिलकर 4 हजार से अधिक युवाओं को प्रशिक्षण उपलब्ध कराया है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि कोरोना महामारी के दौरान जब अन्य राज्यों में फंसे हुए उत्तर प्रदेश के कामगारों व श्रमिकों को वापस लाने में कठिनाई थी, तब परिवहन विभाग के हर वाहन में 1-2 होमगार्ड जवानों को लगाया गया। इसके बाद मैंने घोषणा की थी कि किसी भी जवान के बलिदान होने पर परिवार को 5 लाख रुपए की अनुग्रह राशि दी जाएगी।