क्या कोयंबटूर में सभी बसों पर सीसीटीवी कैमरे यात्रियों की सुरक्षा बढ़ाएंगे?

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क्या कोयंबटूर में सभी बसों पर सीसीटीवी कैमरे यात्रियों की सुरक्षा बढ़ाएंगे?

सारांश

कोयंबटूर में सिटी पुलिस ने यात्रियों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाने की योजना बनाई है। इस पहल का मकसद महिलाओं और छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। क्या इस कदम से बसों में यात्रा करना ज्यादा सुरक्षित होगा? जानें इस विस्तृत रिपोर्ट में!

Key Takeaways

  • महिलाओं और छात्रों की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं।
  • सभी निजी और सरकारी बसों में कैमेरे लगाए जाएंगे।
  • यह पहल उत्पीड़न को रोकने में मदद करेगी।
  • कैमरे की फुटेज का उपयोग विवादों को सुलझाने में किया जाएगा।
  • इस परियोजना की कुल लागत 78.6 करोड़ रुपये है।

चेन्नई, 11 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। यात्रियों, खासकर महिलाओं और छात्रों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए, कोयंबटूर सिटी पुलिस ने नगर निगम के सहयोग से शहर में संचालित सभी बसों में सीसीटीवी कैमरे लगाने की महत्वपूर्ण योजना प्रारंभ की है।

हालांकि अधिकांश निजी बस संचालकों ने इस आदेश का पालन किया है, लेकिन सरकारी तमिलनाडु राज्य परिवहन निगम (टीएनएसटीसी) की बसों में अभी भी सुधार की आवश्यकता है।

नगर पुलिस के अनुसार, कोयंबटूर में 153 निजी नगर बसें और 117 निजी मुफस्सिल बसें (जो मुख्य बस स्टेशन के विपरीत बाहरी या उपनगरीय क्षेत्रों से जुड़ती हैं और लंबी दूरी की यात्राओं के लिए होती हैं) हैं। लगभग सभी बसों में यात्रियों और चालक दोनों की निगरानी के लिए कैमेरे स्थापित हैं।

इस पहल का उद्देश्य सुरक्षा मानकों में सुधार करना, उत्पीड़न को रोकना और अधिकारियों को घटनाओं की बेहतर ढंग से जांच करने में सहायता प्रदान करना है।

अधिकारियों ने बताया कि सभी निजी बस संचालकों द्वारा निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने के लिए अनुपालन की जांच की गई है।

सीसीटीवी सिस्टम का उपयोग न केवल यात्रियों के लिए, बल्कि पुलिस और बस संचालकों के लिए भी लाभकारी सिद्ध हुआ है।

कई मामलों में, विवादों को सुलझाने और दुर्घटनाओं के कारणों को स्पष्ट करने में फुटेज महत्वपूर्ण साक्ष्य के रूप में कार्य कर चुका है, जिससे अनुचित दंड को रोकने और जवाबदेही में वृद्धि हुई है।

सरकारी बसों के यात्रियों को भी इसी स्तर की सुरक्षा प्रदान करने के लिए, नगर पुलिस ने 'निर्भया फंड' के तहत 78.6 करोड़ रुपये की मांग करते हुए एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया है।

इस परियोजना का उद्देश्य कोयंबटूर में चलने वाली सभी टीएनएसटीसी बसों में सीसीटीवी निगरानी को लागू करना है, जिसका कवरेज फुटबोर्ड, यात्री क्षेत्र और चालक केबिन तक होगा।

प्रस्ताव में 60 दिनों तक की स्टोरेज क्षमता वाले कैमेरे भी शामिल हैं। यात्री सुरक्षा के समर्थकों ने इस तरह की निगरानी की आवश्यकता पर जोर दिया है, विशेषकर व्यस्त समय के दौरान जब महिलाओं और स्कूली छात्रों को उत्पीड़न का अधिक खतरा होता है।

सीसीटीवी से लैस बसों ने सुरक्षा की भावना पैदा की है और संभावित अपराधियों को रोकने में सहायता की है, जिससे समग्र यात्रा अनुभव में सुधार हुआ है।

यह पहल कोयंबटूर में एक अधिक सुरक्षित और भरोसेमंद सार्वजनिक परिवहन प्रणाली के निर्माण की दिशा में एक बड़ा कदम है।

एक बार सभी टीएनएसटीसी बसों में लागू हो जाने पर, यह सुनिश्चित करेगा कि हर यात्री—चाहे वह किसी भी लिंग या उम्र का हो—आत्मविश्वास और मन की शांति के साथ यात्रा कर सके।

Point of View

यात्रियों की सुरक्षा एक प्राथमिकता होनी चाहिए। कोयंबटूर में सीसीटीवी कैमरे लगाने का यह कदम अत्यंत आवश्यक है, जो न केवल सुरक्षा मानकों को बढ़ाता है, बल्कि समाज में अपराध को भी रोकने में मदद करेगा। हमें इस पहल का समर्थन करना चाहिए।
NationPress
11/10/2025

Frequently Asked Questions

सीसीटीवी कैमरे लगाने से क्या सुरक्षा में सुधार होगा?
जी हां, सीसीटीवी कैमरे लगाने से सुरक्षा में सुधार होगा और उत्पीड़न के मामलों में कमी आएगी।
क्या सभी बसों में कैमरे लगाए जाएंगे?
हाँ, सभी निजी और सरकारी बसों में कैमरे लगाने की योजना है।
क्या यह पहल केवल महिलाओं के लिए है?
यह पहल सभी यात्रियों की सुरक्षा के लिए है, लेकिन विशेष ध्यान महिलाओं और छात्रों पर दिया गया है।
क्या कैमरे की फुटेज का उपयोग विवादों के समाधान में किया जाएगा?
जी हाँ, फुटेज का उपयोग विवादों को सुलझाने और दुर्घटनाओं की जांच में किया जाएगा।
इस पहल की लागत कितनी है?
इस पहल की कुल लागत 78.6 करोड़ रुपये है।