क्या कांग्रेस ने राज्यवार चुनावी 'वार रूम' के प्रमुखों की नियुक्ति की?

सारांश
Key Takeaways
- कांग्रेस ने राज्यवार चुनावी 'वार रूम' के लिए प्रमुखों की नियुक्ति की है।
- असम, पश्चिम बंगाल और केरल में नए अध्यक्ष नियुक्त किए गए हैं।
- इन नियुक्तियों का उद्देश्य चुनावी तैयारी को मजबूत करना है।
- राजनीतिक परिदृश्य में चुनावों से पहले तैयारियों की अहमियत बढ़ गई है।
नई दिल्ली, 7 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस ने मंगलवार को आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर प्रमुख राज्यों में राज्यवार चुनावी 'वार रूम' के लिए अध्यक्षों और उपाध्यक्षों की नियुक्ति की जानकारी दी।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इन नियुक्तियों को मंजूरी दी और पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से इसकी जानकारी दी गई। नवनियुक्त नेता अपने-अपने राज्यों में चुनावी रणनीति और समन्वय प्रयासों की देखरेख करेंगे।
असम में, अमित सिहाग को अध्यक्ष, जबकि ऋतुपर्णा कोंवर और शांतनु बोरा को उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
पश्चिम बंगाल में बीपी सिंह को अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। केरल में हर्ष कणादम अध्यक्ष के रूप में कार्य करेंगे। तमिलनाडु में बीआर नायडू को अध्यक्ष बनाया गया है। पुडुचेरी में जॉन अशोक वरदराजन को अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
ये सभी नियुक्तियां तत्काल प्रभाव से लागू होंगी और चुनावों से पूर्व पार्टी की संगठनात्मक व्यवस्था एवं प्रचार ढांचे को मजबूत बनाने की तैयारी का हिस्सा हैं।
असम में, भाजपा के नेतृत्व वाला एनडीए वर्तमान में मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के नेतृत्व में एक प्रमुख स्थान रखता है। 2026 के चुनाव एनडीए की सत्ता बनाए रखने की परीक्षा लेंगे।
पश्चिम बंगाल में, ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी), भाजपा के खिलाफ अपने गढ़ की रक्षा की तैयारियों में जुटी है। सांप्रदायिक तनाव, भ्रष्टाचार के आरोप और सीमा सुरक्षा संबंधी चिंताएँ राजनीतिक बयानबाजी को तेज कर रही हैं।
केरल में, राजनीतिक परिदृश्य सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) और कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्षी संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) के बीच मुकाबला बना हुआ है।
तमिलनाडु में, मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के नेतृत्व वाली डीएमके, अन्नाद्रमुक-भाजपा गठबंधन और अभिनेता विजय की नई पार्टी, तमिलगा वेत्री कझगम (टीवीके) से चुनौतियों का सामना कर रही है।
पुडुचेरी में, एआईएनआरसी और भाजपा के नेतृत्व वाला एनडीए गठबंधन वर्तमान में केंद्र शासित प्रदेश पर शासन कर रहा है।
कांग्रेस और डीएमके की वापसी की कोशिशों के बीच मुख्यमंत्री एन. रंगासामी की नेतृत्व की परीक्षा होगी। इस क्षेत्र का छोटा विधानसभा क्षेत्र और दलबदल का इतिहास इसे एक अस्थिर राजनीतिक रणभूमि बनाता है।