क्या कांग्रेस सीडब्ल्यूसी बैठक में खड़गे ने मोदी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए?

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क्या कांग्रेस सीडब्ल्यूसी बैठक में खड़गे ने मोदी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए?

सारांश

कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने हाल ही में सीडब्ल्यूसी बैठक में मोदी सरकार पर लोकतांत्रिक मूल्यों और नागरिक अधिकारों को कमजोर करने का आरोप लगाया। उन्होंने मनरेगा को खत्म करने के कदम को गरीबों पर क्रूर प्रहार करार दिया और इसके खिलाफ देशव्यापी आंदोलन की आवश्यकता जताई।

Key Takeaways

  • कांग्रेस अध्यक्ष ने मोदी सरकार पर गंभीर आरोप लगाया।
  • मनरेगा को खत्म करना गरीबों के लिए क्रूर प्रहार है।
  • देशव्यापी आंदोलन की आवश्यकता
  • कांग्रेस ने मनरेगा की शुरुआत 2006 में की थी।
  • संगठन को सक्रिय और जवाबदेह बनाना होगा।

नई दिल्ली, 27 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में अपने विचार व्यक्त करते हुए मोदी सरकार पर लोकतंत्र, संविधान और नागरिक अधिकारों को कमजोर करने का गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि देश इस समय एक ऐसे दौर से गुजर रहा है, जहां चारों ओर लोकतांत्रिक मूल्यों पर संकट मंडरा रहा है और कांग्रेस को भविष्य की रणनीति इसी चुनौती के बीच तय करनी होगी।

खड़गे ने आरोप लगाया कि हाल में संसद के शीतकालीन सत्र में मोदी सरकार ने मनरेगा को समाप्त कर करोड़ों गरीब और कमजोर तबकों को बेसहारा बना दिया। उनका कहना था कि यह कदम गरीबों के पेट पर लात मारने और उनकी पीठ में छुरा घोंपने जैसा है। कांग्रेस अध्यक्ष ने इसे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का अपमान बताते हुए सोनिया गांधी के उस लेख का उल्लेख किया, जिसमें उन्होंने मनरेगा को सर्वोदय की भावना को साकार करने वाला कदम कहा था।

खड़गे ने कहा कि मनरेगा की शुरुआत 2 फरवरी 2006 को आंध्र प्रदेश के बंडलापल्ली में सोनिया गांधी और डॉ. मनमोहन सिंह ने की थी। यह योजना विश्व का सबसे बड़ा ग्रामीण रोजगार कार्यक्रम बन गई, जिसने ग्रामीण भारत का चेहरा बदला, पलायन रोका और गांवों को अकाल, भूख और शोषण से राहत दी। दलितों, आदिवासियों, महिलाओं और भूमिहीन मजदूरों को इस योजना ने सम्मान और भरोसा प्रदान किया। उन्होंने कहा कि आज भारत में गरीबी से बाहर निकली एक पूरी पीढ़ी मौजूद है, जो मनरेगा की बदौलत पढ़-लिखकर सम्मानजनक जीवन जी रही है।

खड़गे ने कहा कि मोदी सरकार ने बिना किसी अध्ययन, मूल्यांकन या राज्यों और राजनीतिक दलों से सलाह-मशविरा किए मनरेगा को समाप्त कर नया कानून थोप दिया, ठीक उसी तरह जैसे तीन काले कृषि कानूनों के मामले में किया गया था। उन्होंने कहा कि इसके खिलाफ देशव्यापी आंदोलन की जरूरत है और कांग्रेस को इस मुद्दे पर हर कोने में संघर्ष करना होगा। कांग्रेस के संघर्ष और किसानों के बलिदान के बाद ही सरकार को कानून वापस लेने पड़े। खड़गे ने कहा कि राहुल गांधी पहले ही भविष्यवाणी कर चुके हैं कि मोदी सरकार को मनरेगा दोबारा बहाल करना होगा।

संगठनात्मक मुद्दों पर बोलते हुए खड़गे ने बताया कि संगठन सृजन अभियान के तहत अब तक करीब 500 जिलों में नए जिला अध्यक्षों की नियुक्ति हो चुकी है और अगले 120 दिनों में शेष जिलों में प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। उन्होंने कहा कि संगठन को प्रदेश से लेकर बूथ स्तर तक सक्रिय, जवाबदेह और लड़ाकू बनाना होगा। साथ ही अप्रैल-मई 2026 में होने वाले असम, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी के चुनावों के लिए पूरी एकता के साथ तैयारी की जा रही है।

खड़गे ने एसआईआर को लोकतांत्रिक अधिकारों को सीमित करने की साजिश बताते हुए मतदाता सूची से गरीब, दलित, आदिवासी, पिछड़े और अल्पसंख्यक वर्गों के नाम काटे जाने पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि भाजपा और चुनाव आयोग की मिलीभगत के आरोप जगजाहिर हैं और कांग्रेस को यह सुनिश्चित करना होगा कि वोटरों के नाम न कटें। इसके लिए बीएलए को घर-घर जाकर मतदाता सूची की जांच करनी होगी।

अपने संबोधन में खड़गे ने ईडी, आईटी और सीबीआई के कथित दुरुपयोग, नेशनल हेराल्ड मामले, बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमलों और हाल में क्रिसमस के दौरान कुछ इलाकों में भाईचारा बिगाड़ने की घटनाओं पर भी चिंता जताई।

खड़गे ने पार्टी नेताओं से मनरेगा और अन्य अहम मुद्दों पर ठोस एक्शन प्लान और सुझाव देने की अपील की। उन्होंने कहा कि यह लड़ाई कांग्रेस जीतेगी, क्योंकि देश के कमजोर और जरूरतमंद लोग इस कठिन समय में कांग्रेस की ओर उम्मीद से देख रहे हैं।

Point of View

कांग्रेस का यह कदम मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ एक महत्वपूर्ण प्रतिक्रिया है। खड़गे का आरोप लोकतंत्र की रक्षा के लिए एक मजबूत आवाज है। यह राजनीति में आवश्यक है कि सत्ताधारी पार्टी की नीतियों की आलोचना की जाए, ताकि समाज के कमजोर वर्गों का संरक्षण किया जा सके।
NationPress
27/12/2025

Frequently Asked Questions

मनरेगा क्या है?
मनरेगा, जिसे महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम भी कहा जाता है, एक योजना है जो ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार प्रदान करती है।
कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक का महत्व क्या है?
यह बैठक पार्टी के प्रमुख निर्णयों और नीतियों को तय करने के लिए महत्वपूर्ण है।
खड़गे ने मोदी सरकार पर कौन से आरोप लगाए?
उन्होंने लोकतंत्र, संविधान और नागरिक अधिकारों को कमजोर करने का आरोप लगाया है।
क्या कांग्रेस देशव्यापी आंदोलन की योजना बना रही है?
हां, खड़गे ने कहा कि इसके खिलाफ देशव्यापी आंदोलन की आवश्यकता है।
कांग्रेस ने मनरेगा की शुरुआत कब की थी?
मनरेगा की शुरुआत 2 फरवरी 2006 को हुई थी।
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