क्या कांग्रेस की नौटंकी के कारण ननों की बेल में हुई देरी? : राजीव चंद्रशेखर

सारांश
Key Takeaways
- दो ननों को जमानत मिली है।
- कांग्रेस की राजनीति पर सवाल उठाए गए हैं।
- जमानत के लिए आवश्यक शर्तें हैं।
- भाजपा का दोहरा चरित्र उजागर हुआ है।
- मानव तस्करी के आरोप गंभीर हैं।
रायपुर, २ अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। धर्म परिवर्तन और मानव तस्करी के आरोप में गिरफ्तार केरल की दो ननों और एक अन्य व्यक्ति को शनिवार को छत्तीसगढ़ की एक विशेष अदालत से जमानत मिल गई। उन्हें दुर्ग केंद्रीय जेल से रिहा कर दिया गया। अब दोनों नन रायपुर से दिल्ली की ओर यात्रा कर सकती हैं। केरल भाजपा अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर ने दोनों को बेल मिलने पर अपनी प्रसन्नता व्यक्त की।
मीडिया से बात करते हुए राजीव चंद्रशेखर ने कहा, "दोनों की बेल के लिए केरल भाजपा के पास आग्रह आया था और हमने इसके लिए प्रयास किया। इसलिए उन्हें बेल मिलना हमारे लिए खुशी की बात है। उन्हें पहले ही बेल मिल जाती, लेकिन कांग्रेस की नौटंकी की वजह से देरी हुई।"
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी की आदत हर मुद्दे पर राजनीति करने की रही है। कांग्रेस की राजनीति झूठ और शोषण पर टिकी है। वे कल भी यही करते थे, आज भी कर रहे हैं और कल भी यही करेंगे। इस मामले की सुनवाई तीन दिन पहले होने वाली थी। लेकिन, कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियों की नौटंकी के कारण यह नहीं हो पाई। शुक्रवार को सुनवाई हुई, जिसमें उनके वकीलों ने बेल देकर केस आगे बढ़ाने की मांग की। इसे न्यायपालिका ने मान लिया।
जेल से बाहर निकलने के बाद दोनों नन चंद्रशेखर के साथ एक वाहन में वहां से चली गईं। बिलासपुर स्थित विशेष न्यायाधीश सिराजुद्दीन कुरैशी की अदालत ने दोनों ननों और सह-आरोपी सुकमन मंडावी को इस शर्त पर जमानत दी कि वे अपने पासपोर्ट जमा कर दें और देश छोड़कर न जाएं।
बचाव पक्ष के वकील अमृतो दास ने बताया कि उन्हें ५०-५० हजार रुपए के मुचलके पर जमानत दी गई है और उन्हें जांच में सहयोग करने को भी कहा गया है।
कैथोलिक नन प्रीति मैरी और वंदना फ्रांसिस की गिरफ्तारी २५ जुलाई को हुई थी।
केरल की कांग्रेस से राज्यसभा सांसद जेबी माथेर ने राष्ट्र प्रेस से बात करते हुए कहा, "दोनों ननों को बेल मिल जाने से भाजपा का दोहरा चरित्र उजागर हुआ है। छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार है, जहां ननों को गिरफ्तार किया गया था और एफआईआर हुई। राजीव चंद्रशेखर उनकी बेल पर खुशी जता रहे हैं। यह दोहरा चरित्र नहीं तो क्या है।"
जेबी माथेर ने कहा कि उन्हें बेल दिलवाना हमारी पहली प्राथमिकता थी। अगली प्राथमिकता उस एफआईआर की जांच करवाना है, जो उनके खिलाफ गलत तरीके से दर्ज की गई है। एफआईआर में उनके खिलाफ मानव तस्करी और धर्म-परिवर्तन कराने के गलत आरोप लगाए गए हैं।