क्या कांग्रेस की तत्कालीन सरकार ने हिंदू धर्म को बदनाम किया?

सारांश
Key Takeaways
- भाजपा विधायक रामकदम ने कांग्रेस सरकार पर गंभीर आरोप लगाए।
- न्यायालय का फैसला कांग्रेस की सोच को चुनौती देता है।
- जांच अधिकारियों की भूमिका को लेकर सवाल उठाए गए हैं।
- हिंदू धर्म की गरिमा पर प्रहार करने के प्रयास की निंदा की गई है।
- कांग्रेस को माफी मांगने की आवश्यकता है।
मुंबई, १ अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा विधायक रामकदम ने मालेगांव विस्फोट मामले में बरी हुए आरोपियों को लेकर शुक्रवार को तत्कालीन कांग्रेस सरकार पर तीखा हमला किया। उन्होंने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने 'भगवा आतंकवाद' की परिभाषा गढ़कर हिंदू धर्म को बदनाम करने का प्रयास किया, जिसे किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं किया जा सकता है। हालांकि, न्यायालय ने अपने निर्णय से इस पर एक जोरदार तमाचा मारा।
विधायक रामकदम ने आगे कहा कि कांग्रेस सरकार ने हमेशा से सनातन धर्म को धूमिल करने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा इस धर्म की गरिमा को ठेस पहुँचाने का प्रयास किया है। साध्वी प्रज्ञा को भी प्रताड़ित किया गया और हमारे कई नेताओं के नाम को साजिश के तहत जोड़ा गया।
उन्होंने बताया कि संघ के सरसंघचालक का नाम भी इस मामले में शामिल किया गया है, जिस पर कई प्रकार के आरोप लगाए गए। कांग्रेस ने उन आवाजों को दबाने की कोशिश की, जो सनातन धर्म को उजागर कर रही थीं, लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे। कांग्रेस के इस ख्वाब को हम किसी भी कीमत पर पूरा नहीं होने देंगे। सनातन धर्म हमेशा फलता-फूलता रहेगा।
रामकदम ने मालेगांव ब्लास्ट मामले के संदर्भ में आए कोर्ट के फैसले का स्वागत किया और कहा कि भले ही देर से सही, लेकिन हमें अंततः अदालत से न्याय मिला है। इसने कांग्रेस की उस सोच को भी जोरदार तमाचा लगाया है, जिसके तहत उन्होंने सनातन धर्म की गरिमा पर प्रहार करने का प्रयास किया था।
उन्होंने यह भी कहा कि मालेगांव ब्लास्ट मामले की जांच कर रहे अधिकारियों की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए, क्योंकि जिस प्रकार की जांच की गई है, उससे उनकी भूमिका संदिग्ध लगती है। कांग्रेस के नेताओं ने इस मामले की जांच कर रहे अधिकारियों पर दबाव डालने की कोशिश की। मुझे लगता है कि अब ऐसे सभी नेताओं को सामने आना चाहिए। इसके अलावा, कांग्रेस को अपने किए के लिए देश के हिंदू समुदाय से माफी मांगनी चाहिए।