क्या कांग्रेस सांसद इमरान मसूद की मुश्किलें बढ़ गई हैं? गैर-जमानती वारंट जारी

सारांश
Key Takeaways
- इमरान मसूद पर 40.12 लाख रुपए की हेराफेरी का आरोप है।
- सीबीआई की विशेष अदालत ने गैर-जमानती वारंट जारी किया है।
- सुनवाई की अगली तारीख 18 जुलाई है।
- लोकतंत्र को सुरक्षित रखने के लिए सुप्रीम कोर्ट को संज्ञान लेना चाहिए।
- भाषा विवाद निराधार है, सभी भाषाएँ सुंदर हैं।
गाजियाबाद, 11 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस सांसद इमरान मसूद की परेशानियाँ बढ़ती जा रही हैं। सीबीआई की विशेष अदालत ने उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है। उन पर 40.12 लाख रुपए की हेराफेरी का आरोप लगाया गया है।
विशेष अदालत ने सांसद इमरान मसूद के खिलाफ यह गैर-जमानती वारंट जारी किया है। वर्ष 2007 में पीएनबी में 40.12 लाख रुपए की हेराफेरी हुई थी। इस मामले में सहारनपुर नगरपालिका के ईओ ने उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। सीबीआई कोर्ट गाजियाबाद में इस मामले की सुनवाई चल रही है।
अदालत ने इमरान मसूद की डिस्चार्ज एप्लीकेशन को खारिज कर दिया है। कांग्रेस सांसद की हाजिरी के लिए अब 18 जुलाई को सुनवाई होगी। विशेष सीबीआई न्यायाधीश अरविंद मिश्र ने ये आदेश दिए हैं।
यह उल्लेखनीय है कि इमरान मसूद सहारनपुर लोकसभा सीट से सांसद हैं।
इससे पहले, कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने मतदाता सूची पुनरीक्षण पर कहा था कि यदि चुनाव आयोग निष्पक्ष रूप से चुनाव आयोजित नहीं कराएगा तो लोकतंत्र नहीं बचेगा। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र को जीवित रखने के लिए सुप्रीम कोर्ट को संज्ञान लेना चाहिए और चुनाव आयोग की निगरानी करनी चाहिए।
उन्होंने महाराष्ट्र भाषा विवाद पर कहा कि यह एक निराधार मुद्दा है। हर भाषा अपनी खूबसूरती में अद्वितीय है और लोगों को ज्ञान प्राप्त करना चाहिए तथा विभिन्न भाषाएँ सीखनी चाहिए। उनका मानना है कि जितनी अधिक भाषाएँ आप सीखेंगे, उतना ही बेहतर होगा। यह नफरत का एजेंडा नहीं होना चाहिए।