क्या COP 30: 'चाइना कॉर्नर' में जलवायु परिवर्तन अनुकूलन के लिए चीन के समाधान पर चर्चा हुई?
सारांश
Key Takeaways
- जलवायु परिवर्तन एक गंभीर चुनौती है।
- चीन ने 39 पायलट परियोजनाएं शुरू की हैं।
- सभी पक्षों के साथ सहयोग की आवश्यकता है।
- स्वच्छ और समावेशी दुनिया का निर्माण करें।
- दक्षिण-दक्षिण सहयोग को मजबूत करना आवश्यक है।
बीजिंग, 16 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। ब्राजील के बेलेम में आयोजित जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन के पक्षकारों के 30वें सम्मेलन (कॉप 30) के दौरान, 14 नवंबर को 'चाइना कॉर्नर' में 'जलवायु परिवर्तन अनुकूलन के लिए चीन का समाधान' विषय पर एक महत्वपूर्ण साइड मीटिंग का आयोजन किया गया।
इस बैठक में 150 से अधिक चीनी और विदेशी मेहमानों ने भाग लिया, जहां चीन के अनुकूलन अनुभव से जुड़ी अत्याधुनिक अवधारणाएं और व्यावहारिक मामलों को प्रमुख क्षेत्रों में साझा किया गया। प्रतिभागियों के बीच गहन चर्चा और आदान-प्रदान हुआ।
चीनी प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख और चीनी पारिस्थितिकी एवं पर्यावरण उप मंत्री, ली काओ ने कहा कि जलवायु परिवर्तन पूरी मानवता के सामने एक गंभीर चुनौती है।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि चीन ने हमेशा शमन और अनुकूलन को समान महत्व देने की नीति अपनाई है। इस दिशा में, चीन ने जलवायु-अनुकूल शहरों के निर्माण को बढ़ावा देने के लिए 39 पायलट परियोजनाएं लागू की हैं, जिससे 'राष्ट्रीय रणनीति + प्रांतीय कार्यान्वयन + शहर प्रदर्शन' का एक सहयोगात्मक कार्य पैटर्न विकसित हुआ है।
ली काओ ने आगे कहा कि चीन जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का संयुक्त रूप से समाधान करने और अनुकूलन की वैश्विक क्षमता में सुधार हेतु सभी पक्षों के साथ मिलकर काम करने को तैयार है।
जलवायु परिवर्तन मामलों के लिए चीन के विशेष दूत, ल्यू चेनमिन ने इस बात पर प्रकाश डाला कि चीन अन्य देशों के साथ मिलकर जलवायु अनुकूलन पर सहयोग को गहरा करने, जलवायु अनुकूलन साझेदारी और दक्षिण-दक्षिण सहयोग को मजबूत करने, तथा द्विपक्षीय और क्षेत्रीय पूर्व चेतावनी सहयोग मंचों की स्थापना करने के माध्यम से काम करता रहेगा।
इन प्रयासों का उद्देश्य मानवता और प्रकृति के लिए जीवन के समुदाय का निर्माण करना और एक स्वच्छ, सुंदर, लचीली और समावेशी दुनिया का निर्माण करना है।
जलवायु परिवर्तन मामलों के लिए इटली के विशेष दूत, फ्रांसेस्को कोर्वारो ने चीन की जलवायु परिवर्तन अनुकूलन में प्रगति और उपलब्धियों की सराहना की। उन्होंने कहा कि चीन की प्रगति रिपोर्ट वैश्विक अनुकूलन कार्यों के वर्तमान और भविष्य का प्रतिनिधित्व करती है।
उन्होंने इस उम्मीद को भी व्यक्त किया कि चीन वैश्विक दक्षिण और वैश्विक उत्तर के बीच एक सेतु की भूमिका निभाएगा।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)