क्या पूर्वोत्तर राज्यों में नशीले पदार्थों की तस्करी पर आरपीएफ का अभियान तेज हुआ?

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क्या पूर्वोत्तर राज्यों में नशीले पदार्थों की तस्करी पर आरपीएफ का अभियान तेज हुआ?

सारांश

पूर्वोत्तर राज्यों में नशीले पदार्थों की तस्करी के खिलाफ आरपीएफ का अभियान तेजी से आगे बढ़ रहा है। हाल में की गई कार्रवाइयों में करोड़ों रुपये के मादक पदार्थ बरामद हुए हैं। क्या यह अभियान तस्करों पर अंकुश लगाने में सफल होगा?

Key Takeaways

  • आरपीएफ का अभियान नशीले पदार्थों के खिलाफ तेजी से आगे बढ़ रहा है।
  • अक्टूबर में करोड़ों रुपये मूल्य के मादक पदार्थ बरामद हुए।
  • समाज में नशीले पदार्थों के खतरे को कम करने में यह अभियान महत्वपूर्ण है।

गुवाहाटी, 16 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) की रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने रेलवे यात्रियों और रेलवे संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक बार फिर अपने संकल्प को मजबूत करते हुए नशीले पदार्थों की तस्करी के खिलाफ अभियान को तेज कर दिया है। अधिकारियों का कहना है कि अक्टूबर माह में आरपीएफ ने विभिन्न अभियानों के दौरान करोड़ों रुपये मूल्य के मादक पदार्थ बरामद किए और कई आरोपियों को गिरफ्तार किया।

एनएफआर के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कपिनजल किशोर शर्मा के अनुसार, अक्टूबर में आरपीएफ ने नशीले पदार्थों और तस्करी किए गए सामान के साथ 37 लोगों को गिरफ्तार किया, जिनका मूल्य लगभग 9.41 करोड़ रुपये है।

उन्होंने बताया कि 13 नवंबर को उत्तर बंगाल के न्यू कूचबिहार में आरपीएफ ने 37.1 किलोग्राम गांजा बरामद किया, जिसकी कीमत लगभग 3.71 लाख रुपये थी। बरामद गांजा को आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए जीआरपी, न्यू कूचबिहार के थाना प्रभारी को सौंप दिया गया।

उसी दिन, आरपीएफ और सरकारी रेलवे पुलिस (जीआरपी) की संयुक्त टीमों ने अगरतला और लमडिंग रेलवे स्टेशनों पर 23.61 किलोग्राम गांजा बरामद किया, जिसकी कीमत 2.36 लाख रुपये आंकी गई। इसे भी संबंधित जीआरपी अधिकारियों को सौंप दिया गया।

इसके अलावा, 12 नवंबर को त्रिपुरा के धर्मनगर और अगरतला तथा असम के सोनितपुर जिले के रंगापाड़ा नॉर्थ में आरपीएफ ने 50.51 किलोग्राम गांजा बरामद किया, जिसकी कीमत 5.05 लाख रुपये थी। सभी बरामद सामग्रियों को संबंधित जीआरपी थानों को आगे की कार्रवाई के लिए दिया गया।

अधिकारियों ने कहा कि एनएफआर ने आरपीएफ कर्मियों के समर्पण और जीआरपी व कस्टम विभागों के साथ उनके बेहतरीन समन्वय की प्रशंसा की है, जिसके कारण रेलवे परिसर की सुरक्षा सुनिश्चित करने और अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाने में उल्लेखनीय सफलता मिली है।

इस बीच, यात्रियों की सुरक्षा के लिए और मानव तस्करी पर रोक लगाने के प्रयास में भी आरपीएफ ने बड़ी संख्या में नाबालिगों, जिनमें कई लड़कियां शामिल हैं, को बचाने में महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है।

पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे का परिचालन पूर्वोत्तर के राज्यों, पश्चिम बंगाल के सात जिलों और उत्तर बिहार के पांच जिलों में होता है।

Point of View

हमें यह मानना होगा कि रेलवे सुरक्षा बल का यह अभियान न केवल यात्रियों की सुरक्षा के लिए आवश्यक है, बल्कि यह समाज में नशीले पदार्थों के बढ़ते खतरे को भी कम करेगा। इस दिशा में उठाए गए कदम सराहनीय हैं।
NationPress
16/11/2025

Frequently Asked Questions

आरपीएफ ने कितने नशीले पदार्थ बरामद किए?
आरपीएफ ने अक्टूबर में विभिन्न अभियानों के दौरान करोड़ों रुपये मूल्य के मादक पदार्थ बरामद किए।
क्या आरपीएफ ने कोई आरोपियों को गिरफ्तार किया?
हां, आरपीएफ ने नशीले पदार्थों की तस्करी के मामले में 37 लोगों को गिरफ्तार किया।
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