क्या राजद और कांग्रेस हमेशा परिवारवाद को बढ़ावा देते हैं? : दानिश अंसारी
सारांश
Key Takeaways
- परिवारवाद और जातिवाद की समस्याएं भारतीय राजनीति में गहराई से मौजूद हैं।
- राजद और कांग्रेस के कार्यों ने जनता के हितों की अनदेखी की है।
- बिहार की जनता ने एनडीए को समर्थन देकर एक महत्वपूर्ण संदेश दिया है।
- दानिश अंसारी ने मुस्लिम समाज के लिए भाजपा की योजनाओं का समर्थन किया है।
- भारतीय राजनीति में सही नेतृत्व का चुनाव आवश्यक है।
बलिया, 16 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार में मंत्री दानिश अंसारी ने रोहिणी आचार्य, बिहार चुनाव परिणाम और मुस्लिम राजनीति पर राष्ट्र प्रेस से बातचीत की।
मंत्री दानिश अंसारी ने लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य के विषय में कहा कि यह उनका पारिवारिक मामला है, लेकिन राजद और कांग्रेस ने हमेशा परिवारवाद को बढ़ावा देने का कार्य किया है। उन्होंने जनता के हितों की अनदेखी की है। जब बात प्रदेश और समाज के विकास की आती है, तो इन दलों ने सबसे ज्यादा उदासीनता दिखाई है, और यही कारण है कि बिहार का परिणाम उसी का उत्तर है।
मंत्री दानिश अंसारी ने कहा कि ये दल परिवारवाद, जातिवाद और क्षेत्रवाद के नाम पर जनता को भ्रमित करते हैं और धर्म, मजहब तथा जाति के नाम पर समाज में विभाजन उत्पन्न करते हैं। बिहार की जनता ने इसे रोकने का कार्य किया है।
असदुद्दीन ओवैसी द्वारा भाजपा को रोकने से संबंधित बयान पर दानिश अंसारी ने कहा कि यदि भारतीय जनता पार्टी मुस्लिम समाज को आवास, सम्मान और अच्छी शिक्षा प्रदान कर रही है, तो वे क्यों रोकना चाहते हैं? ये सभी दल भाजपा को इसलिए रोकना चाहते हैं क्योंकि वे नहीं चाहते कि मुस्लिम समाज आगे बढ़े और उनके बच्चे शिक्षित हों।
क्या कांग्रेस, सपा और राजद मुसलमानों का उपयोग कर रही हैं? इस प्रश्न के उत्तर में दानिश अंसारी ने कहा कि कांग्रेस और सपा ने सबसे ज्यादा मुस्लिमों का उपयोग किया है। आज़ादी के बाद से कांग्रेस की सबसे ज्यादा सरकार केंद्र में रही है और सपा की कई बार सरकार बनी है, लेकिन इन दोनों ने कभी भी मुस्लिमों के लिए कुछ नहीं किया। इनका असली एजेंडा केवल मुसलमानों को गुमराह करना है।
बिहार में एनडीए की जीत के बारे में उन्होंने कहा कि यह यह दर्शाता है कि बिहार की जनता ने जाति, धर्म और मजहब की बेड़ियों को तोड़ते हुए खुले दिल से एनडीए को वोट दिया है। जनता ने जो जिम्मेदारी हमें दी है, हम उसे पूरी ईमानदारी से निभाएंगे।