क्या कफ सिरप सिंडिकेट मामले में बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह और अमित सिंह टाटा को न्यायिक हिरासत में भेजा गया?
सारांश
Key Takeaways
- कफ सिरप सिंडिकेट की अवैध गतिविधियों का पर्दाफाश हुआ है।
- आलोक सिंह और अमित सिंह टाटा को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया।
- इस मामले में कई गिरफ्तारियां हो चुकी हैं।
- बड़े पैमाने पर अवैध दवाओं की जब्ती की गई है।
- एसटीएफ और अन्य एजेंसियां जांच में जुटी हैं।
लखनऊ, 9 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। कफ सिरप सिंडिकेट मामले में लखनऊ सीजेएम कोर्ट ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह और अमित सिंह टाटा को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया। दोनों आरोपियों को कड़ी सुरक्षा के बीच कोर्ट में पेश किया गया।
जैसे ही आलोक सिंह और अमित सिंह टाटा कोर्ट में पहुंचे, वकीलों ने उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था को भलीभांति सुनिश्चित किया गया। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 23 दिसंबर को तय की है।
इस मामले में लखनऊ एसटीएफ ने हाल ही में बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह को गिरफ्तार किया था, जो लंबे समय से फरार था। उसने लखनऊ कोर्ट में सरेंडर अर्जी भी लगाई थी, लेकिन उससे पहले एसटीएफ ने उसके खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी कर दिया था।
जांच में यह पता चला है कि आलोक सिंह कफ सिरप की एक बड़ी खेप को अवैध रूप से विदेश भेजने वाले एक अंतरराष्ट्रीय गिरोह से संबंधित है। इस मामले में करोड़ों रुपये की कोडीन युक्त दवाएं पहले ही जब्त की जा चुकी हैं।
इससे पहले, एसटीएफ ने अमित कुमार सिंह उर्फ अमित टाटा को गिरफ्तार किया था। पूछताछ के दौरान उसने कई महत्वपूर्ण खुलासे किए, जिससे इस अवैध कारोबार का एक बड़ा नेटवर्क सामने आया।
अमित के अनुसार, उसका परिचय आजमगढ़ के विकास सिंह के माध्यम से शुभम जायसवाल से हुआ। शुभम जायसवाल का एबॉट कंपनी की फेन्सेडिल कफ सिरप का बड़ा कारोबार शैली ट्रेडर्स, रांची के नाम से चलता है। नशे के लिए कोडीन युक्त सिरप की सप्लाई बढ़ाने के लिए धनबाद में देवकृपा मेडिकल एजेंसी बनाई गई, जिसमें अमित ने 5 लाख रुपये का निवेश किया था। इस निवेश पर उसे 22 लाख रुपये का लाभ हुआ। लाभ के लालच में अमित ने बनारस में ड्रग लाइसेंस लेकर नई फर्म भी खोल ली थी।
ज्ञात रहे कि कफ सिरप सिंडिकेट पिछले कई महीनों से पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है। अब तक कई गिरफ्तारियां हो चुकी हैं और बड़े पैमाने पर अवैध दवा की खेप जब्त की गई है। एसटीएफ और अन्य एजेंसियां इस अंतर्राष्ट्रीय नेटवर्क के वित्तीय लेनदेन, सप्लाई चेन और जुड़े हुए अन्य आरोपियों की पहचान में जुटी हैं।