क्या सीपी राधाकृष्णन उपराष्ट्रपति पद के लिए एनडीए के उम्मीदवार बन गए हैं?

सारांश
Key Takeaways
- सीपी राधाकृष्णन का उपराष्ट्रपति पद के लिए एनडीए उम्मीदवार बनना एक महत्वपूर्ण राजनीतिक घटना है।
- उनका राज्यपाल और सांसद के रूप में व्यापक अनुभव है।
- राजनीति में उनकी यात्रा ने उन्हें एक प्रभावशाली नेता बना दिया है।
नई दिल्ली, 17 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने सीपी राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति पद के लिए अपना उम्मीदवार घोषित किया है। वर्तमान में सीपी राधाकृष्णन महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं। उपराष्ट्रपति का पद जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद रिक्त हुआ था।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में घोषणा की कि सीपी राधाकृष्णन उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए एनडीए के उम्मीदवार होंगे। उन्होंने इस बैठक के बारे में बताया कि भाजपा का उद्देश्य सभी दलों के साथ समन्वय स्थापित करके उपराष्ट्रपति चुनाव को सर्वसम्मति से कराना है। पिछले एक सप्ताह में एनडीए सहयोगियों और विपक्षी दलों से संपर्क किया गया है।
सीपी राधाकृष्णन ने 31 जुलाई 2024 को महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में शपथ ली। इससे पहले, उन्होंने लगभग डेढ़ वर्ष तक झारखंड के राज्यपाल के रूप में कार्य किया। इसके अतिरिक्त, उन्होंने तेलंगाना के राज्यपाल और पुडुचेरी के उपराज्यपाल का भी कार्यभार संभाला। चार दशकों से अधिक के अनुभव के साथ, राधाकृष्णन तमिलनाडु की राजनीति में एक सम्मानित नाम हैं।
1957 में तमिलनाडु के तिरुप्पुर में जन्मे राधाकृष्णन ने बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। आरएसएस के स्वयंसेवक के रूप में अपने करियर की शुरुआत करते हुए, वे 1974 में भारतीय जनसंघ की राज्य कार्यकारिणी समिति के सदस्य बने।
1996 में, राधाकृष्णन को तमिलनाडु में भाजपा का सचिव नियुक्त किया गया। 1998 में वे कोयंबटूर से पहली बार लोकसभा के सदस्य बने। अपने सांसद के कार्यकाल के दौरान, उन्होंने कपड़ा संबंधी संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। वे सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) संबंधी संसदीय समिति और वित्त संबंधी परामर्शदात्री समिति के सदस्य भी रहे।
2004 में, राधाकृष्णन ने संसदीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्य के रूप में संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित किया। वे ताइवान गए पहले संसदीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्य भी थे। 2004 से 2007 तक, राधाकृष्णन तमिलनाडु में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रहे। इस दौरान, उन्होंने 93 दिनों तक चली 19,000 किलोमीटर की 'रथ यात्रा' की।
यह यात्रा सभी भारतीय नदियों को जोड़ने, आतंकवाद का उन्मूलन, समान नागरिक संहिता लागू करने, अस्पृश्यता निवारण और मादक पदार्थों की समस्या से निपटने के लिए आयोजित की गई थी। उन्होंने विभिन्न उद्देश्यों के लिए दो अन्य पदयात्राओं का भी नेतृत्व किया।
2016 में, राधाकृष्णन को कोच्चि के कॉयर बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। उनके नेतृत्व में, भारत से कॉयर निर्यात सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया। 2020 से 2022 तक, वे केरल के लिए भाजपा के अखिल भारतीय प्रभारी रहे।
18 फरवरी, 2023 को, राधाकृष्णन को झारखंड का राज्यपाल नियुक्त किया गया। अपने पहले चार महीनों में, उन्होंने झारखंड के सभी 24 जिलों की यात्रा की और नागरिकों तथा जिला अधिकारियों से बातचीत की। उन्होंने तेलंगाना के राज्यपाल और पुडुचेरी के उपराज्यपाल का भी अतिरिक्त प्रभार संभाला।
महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में कार्यभार संभालने के बाद, राधाकृष्णन ने पूरे महाराष्ट्र का दौरा किया है। उन्होंने जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों, व्यापारिक नेताओं और समाज के विभिन्न वर्गों से संवाद किया है।
राज्यपाल ने उच्च शिक्षा की गुणवत्ता और उसकी पहुंच बढ़ाने में गहरी रुचि दिखाई है। उन्होंने ग्रामीण कल्याण के क्षेत्र में कई कदम उठाए हैं। राधाकृष्णन टेबल टेनिस में कॉलेज चैंपियन और लंबी दूरी के धावक रहे हैं। उन्हें क्रिकेट और वॉलीबॉल का भी शौक है।
उन्होंने अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, इटली, स्पेन, पुर्तगाल, नॉर्वे, डेनमार्क, स्वीडन, फिनलैंड, बेल्जियम, हॉलैंड, तुर्की, चीन, मलेशिया, सिंगापुर, ताइवान, थाईलैंड, मिस्र, संयुक्त अरब अमीरात, बांग्लादेश, इंडोनेशिया और जापान की यात्रा की है।