क्या साइबर अपराध से लड़ाई केवल पुलिस की है या पूरे समाज की? - सीएम मोहन यादव

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क्या साइबर अपराध से लड़ाई केवल पुलिस की है या पूरे समाज की? - सीएम मोहन यादव

सारांश

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने साइबर अपराध की बढ़ती घटनाओं को लेकर समाज को जागरूक करने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि यह चुनौती सिर्फ पुलिस की नहीं, बल्कि पूरे समाज की जिम्मेदारी है। आइए, जानते हैं इस मुद्दे पर उन्होंने क्या कहा।

Key Takeaways

  • साइबर अपराध के खिलाफ जागरूकता आवश्यक है।
  • यह लड़ाई केवल पुलिस की नहीं, बल्कि समाज की भी है।
  • डिजिटल युग में नए खतरे उत्पन्न हो रहे हैं।
  • साइबर ठगी के मामलों में त्वरित कार्रवाई जरूरी है।
  • डिजिटल इंडिया के अंतर्गत हम तकनीकी रूप से सशक्त हो रहे हैं।

भोपाल, 29 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। साइबर अपराध की बढ़ती घटनाएं एक बड़ी चुनौती बन चुकी हैं, जिसके खिलाफ मध्य प्रदेश में जन जागरूकता अभियान चलाया गया है। इस संदर्भ में एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि साइबर अपराध से लड़ाई केवल पुलिस की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि यह पूरे समाज की जिम्मेदारी है।

मध्य प्रदेश पुलिस द्वारा साइबर सुरक्षा और जागरूकता के लिए आयोजित 'रन फॉर साइबर अवेयरनेस' कार्यक्रम में मुख्यमंत्री यादव ने बताया कि साइबर अपराध से लड़ाई केवल पुलिस की नहीं, बल्कि समाज की भी है। तकनीक और कानून अपने स्थान पर हैं, लेकिन सबसे बड़ा हथियार जागरूकता है। जब नागरिक जागरूक होंगे, तभी हमारा राष्ट्र सुरक्षित होगा।

उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम ने डिजिटल युग की सबसे आवश्यक पहल को जन-आंदोलन का रूप दिया है। हम जिस गति से डिजिटल रूप से सशक्त हुए हैं, उसी गति से नई समस्याएं और खतरे भी सामने आए हैं। जिस तकनीक ने हमें जोड़ा है, उसी ने अपराधियों को नए हथियार भी दिए हैं और अब ठगी के नए-नए तरीके सामने आ रहे हैं। डिजिटल अरेस्ट, फेक प्रोफाइल, हैकिंग, डेटा ब्रीचिंग, ऑनलाइन फ्रॉड, ओटीपी धोखाधड़ी, ऑनलाइन शॉपिंग धोखाधड़ी और फेक इन्वेस्टमेंट लिंक जैसे अपराध बढ़ते जा रहे हैं। ये हमारे समाज के हर वर्ग को प्रभावित कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री यादव ने रन के लिए एकत्र प्रतिभागियों को अटल पथ स्थित प्लेटिनम प्लाजा से झंडी दिखाकर रवाना किया। यह रन अटल पथ से एपेक्स बैंक तिराहा होते हुए टी.टी. नगर स्टेडियम पर समाप्त हुई।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब डिजिटल इंडिया का सपना देखा था, तब उन्होंने भारत को तकनीकी रूप से सशक्त और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाने की परिकल्पना की थी। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत डिजिटल क्रांति का अग्रदूत बना है। डिजिटल भुगतान, ऑनलाइन सेवाएं, ई-गवर्नेंस आज सबके जीवन का हिस्सा बन चुके हैं। मध्य प्रदेश ने भी पंचायत से लेकर सचिवालय तक हर स्तर पर डिजिटल सेवाएं पहुंचाने का काम किया है। बैंकिंग से लेकर शिक्षा तक और रोजगार से लेकर शासन तक हर प्रक्रिया अब ऑनलाइन है। यदि किसी के साथ साइबर ठगी हो जाए, तो तुरंत हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें। देरी करने से पीड़ित के पैसे वापस मिलने की संभावना कम हो जाती है, इसलिए त्वरित कार्रवाई ही बचाव है।

पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाना ने कहा कि आज साइबर अपराध हमारे देश ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ता अपराध बन चुका है। आने वाले वर्षों में साइबर क्राइम अन्य सभी अपराधों को पीछे छोड़कर सबसे अधिक संख्या में उभरने वाला अपराध है। यह केवल पैसों की हानि नहीं, बल्कि विश्वास, चरित्र और पहचान की भी क्षति है। कई बार मेहनत और ज्ञान की चोरी भी डिजिटल माध्यमों से हो रही है। किसी की रिसर्च, डिजाइन, विचार या फोटो को बिना अनुमति के इस्तेमाल किया जाना भी साइबर अपराध है।

Point of View

बल्कि सामूहिक जागरूकता के माध्यम से ही रोका जा सकता है। यह एक सामाजिक जिम्मेदारी बन गई है।
NationPress
29/10/2025

Frequently Asked Questions

साइबर अपराध क्या है?
साइबर अपराध इंटरनेट और डिजिटल तकनीकों का उपयोग करके किए जाने वाले अपराध हैं। इसमें हैकिंग, ऑनलाइन धोखाधड़ी, फेक प्रोफाइल बनाना आदि शामिल हैं।
साइबर अपराध से बचने के लिए क्या करें?
साइबर अपराध से बचने के लिए हमेशा मजबूत पासवर्ड का उपयोग करें, अपने डेटा को सुरक्षित रखें और किसी भी संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें।
साइबर ठगी का शिकार होने पर क्या करना चाहिए?
अगर आप साइबर ठगी का शिकार हो जाते हैं, तो तुरंत हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें और अपनी शिकायत दर्ज कराएं।