क्या पिछले तीन वर्षों में साइबर अपराधों में 60 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है?
सारांश
Key Takeaways
- साइबर अपराधों में 60 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है।
- ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामले बढ़कर 19,466 हो गए हैं।
- कर्नाटक साइबर अपराध का केंद्र बन गया है।
- महिलाओं और बच्चों के खिलाफ धमकाने के मामले भी बढ़े हैं।
- सरकार ने इन अपराधों को रोकने के लिए कदम उठाने का आश्वासन दिया है।
नई दिल्ली, 17 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। देश में साइबर अपराध के मामलों में पिछले तीन वर्षों में अत्यधिक वृद्धि देखने को मिली है। 2021 में 52,974 मामले दर्ज किए गए थे, जो 2023 में 86,420 तक पहुँच गए, यानी 60 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि। गृह मंत्रालय ने इस संबंध में राष्ट्रीय अपराध अभिलेख ब्यूरो (एनसीआरबी) के हवाले से जानकारी दी।
वित्तीय उद्देश्यों से प्रेरित अपराध इस वृद्धि का मुख्य कारण बने हैं। ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामले 2021 में 14,007 से बढ़कर 2023 में 19,466 हो गए, जो लगभग 39 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाते हैं।
गृह राज्य मंत्री (एमओएस) बंडी संजय कुमार ने संसद में बताया कि धोखाधड़ी से संबंधित साइबर अपराधों में 150 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है। ये मामले 2021 में 6,343 से बढ़कर 2023 में 16,943 हो गए।
उन्होंने कहा कि इसी अवधि के दौरान कंप्यूटर से संबंधित अपराधों में 77.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो नागरिकों और अपराधियों दोनों के बढ़ते डिजिटल प्रभाव को दर्शाता है।
राज्य मंत्री ने बताया कि सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत दर्ज कुल मामलों की संख्या 2021 में 27,427 से बढ़कर 2023 में 44,237 हो गई, जो 61 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि है। आईपीसी के तहत दर्ज साइबर अपराधों में भी भारी वृद्धि हुई, जो 2021 में 25,384 से बढ़कर 2023 में 41,849 हो गए, यानी 64.8 प्रतिशत की वृद्धि।
उन्होंने कहा कि साइबर स्टॉकिंग और महिलाओं और बच्चों को धमकाने जैसे अपराध उच्च स्तर पर बने रहे। 2023 में इनके 1,305 मामले दर्ज किए गए।
कर्नाटक साइबर अपराध का केंद्र बनकर उभरा है, जहाँ 2023 में 21,889 मामले दर्ज किए गए। इसके बाद तेलंगाना में 18,236 मामले, उत्तर प्रदेश में 10,794 मामले और अन्य राज्यों में भी मामले दर्ज किए गए।
राज्य मंत्री ने कहा कि कुल मिलाकर साइबर अपराध के 202,940 मामले दर्ज किए गए, जिनमें से 52,974 मामले 2021 में, 65,893 मामले 2022 में और 86,420 मामले 2023 में दर्ज किए गए।
उन्होंने कहा कि केरल में मामलों में भारी वृद्धि देखी गई है, जो 2021 में 626 से बढ़कर 2023 में 3,295 हो गए हैं।