क्या दक्षिण चीन सागर पर चीन का ऐतिहासिक अधिकार है?

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क्या दक्षिण चीन सागर पर चीन का ऐतिहासिक अधिकार है?

सारांश

दक्षिण चीन सागर पर आयोजित संगोष्ठी में चीन ने अपने ऐतिहासिक अधिकारों का दावा किया। क्या यह विवाद बढ़ता जाएगा? जानिए इस महत्वपूर्ण विषय पर प्रमुख विद्वानों के विचार।

Key Takeaways

  • दक्षिण चीन सागर का मुद्दा क्षेत्रीय स्थिरता में महत्वपूर्ण है।
  • चीन ने अपने ऐतिहासिक अधिकारों का समर्थन किया है।
  • अंतर्राष्ट्रीय सहयोग से समुद्री विवादों का समाधान संभव है।

बीजिंग, 11 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। चीन की राजधानी पेइचिंग में 10 जुलाई को "दक्षिण चीन सागर: इतिहास और वास्तविकता" विषय पर एक अंतर्राष्ट्रीय शैक्षणिक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का संचालन चीन के दक्षिण चीन सागर अनुसंधान संस्थान और हुआयांग समुद्री सहयोग एवं महासागर शासन केंद्र ने मिलकर किया।

इस संगोष्ठी में चीन, मलेशिया, फिलीपींस, इंडोनेशिया, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, ब्रिटेन, कनाडा, रूस और जर्मनी सहित 10 से अधिक देशों और क्षेत्रों के 150 से ज्यादा विद्वानों और प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

कार्यक्रम में दक्षिण चीन सागर अनुसंधान संस्थान की शैक्षणिक समिति के अध्यक्ष और हुआयांग समुद्री सहयोग एवं महासागर शासन केंद्र के प्रमुख वू शीछुन ने मुख्य भाषण दिया। उन्होंने कहा कि दक्षिण चीन सागर के द्वीपों पर चीन की प्रभुसत्ता का ठोस ऐतिहासिक और कानूनी आधार है।

वू के अनुसार, प्राचीन काल से ही चीनी लोग इस क्षेत्र का प्रशासन और प्रबंधन करते आ रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद चीन ने काहिरा घोषणा पत्र और पोट्सडैम घोषणा के आधार पर वर्ष 1946 में इस क्षेत्र पर पुनः अधिकार प्राप्त किया था और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को इसकी जानकारी दी गई थी।

वू शीछुन ने दावा किया कि दक्षिण चीन सागर में वर्तमान विवाद की जड़ 1970 के दशक के बाद की घटनाओं में है, जब फिलीपींस और वियतनाम जैसे देशों ने कुछ द्वीपों और चट्टानों पर अवैध कब्जा कर लिया। उन्होंने यह भी कहा कि आधुनिक समुद्री कानूनों के तहत क्षेत्राधिकार को लेकर टकराव भी इस विवाद को जटिल बनाता है।

उन्होंने क्षेत्रीय देशों से द्वितीय विश्व युद्ध के बाद स्थापित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था की संयुक्त रूप से रक्षा करने की अपील की, ताकि समुद्री क्षेत्र में व्यावहारिक सहयोग को बढ़ावा दिया जा सके और दक्षिण चीन सागर को साझा भविष्य वाले समुदाय के रूप में विकसित किया जा सके।

(साभार---चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

Point of View

मुझे लगता है कि क्षेत्रीय विवादों को सुलझाने के लिए संवाद और सहयोग आवश्यक हैं। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को एकजुट होकर समाधान की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए।
NationPress
04/08/2025

Frequently Asked Questions

दक्षिण चीन सागर में विवाद की जड़ क्या है?
विवाद की जड़ 1970 के दशक में उन घटनाओं में है जब कुछ देशों ने द्वीपों और चट्टानों पर अवैध कब्जा कर लिया।
इस संगोष्ठी में कितने देशों ने भाग लिया?
इस संगोष्ठी में 10 से अधिक देशों और क्षेत्रों के 150 से ज्यादा विद्वानों ने भाग लिया।