क्या दक्षिण कोरिया के पूर्व राष्ट्रपति यून पर 'पॉलिटिकल फंड एक्ट' का उल्लंघन करने का आरोप तय किया गया?

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क्या दक्षिण कोरिया के पूर्व राष्ट्रपति यून पर 'पॉलिटिकल फंड एक्ट' का उल्लंघन करने का आरोप तय किया गया?

सारांश

पूर्व राष्ट्रपति यून सुक योल पर पॉलिटिकल फंड एक्ट का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया है, जिसमें मुफ्त ओपिनियन पोल का मामला भी शामिल है। क्या यह मामला दक्षिण कोरिया की राजनीति में एक नई बहस छेड़ेगा? जानिए इस विवाद की पूरी कहानी।

Key Takeaways

  • पूर्व राष्ट्रपति यून सुक योल पर पॉलिटिकल फंड एक्ट का उल्लंघन करने का आरोप।
  • मुफ्त ओपिनियन पोल का मामला राजनीतिक ब्रोकर म्योंग ताए-क्यून से जुड़ा है।
  • विशेष जांच समिति की भूमिका राजनीतिक अनियमितताओं की जांच करना है।
  • इस मामले का राजनीतिक प्रभाव भविष्य में महत्वपूर्ण हो सकता है।
  • यून के खिलाफ पहले से चल रहे कई आरोप।

सोल, २४ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। एक विशेष जांच समिति ने बुधवार को पूर्व राष्ट्रपति यून सुक योल पर पॉलिटिकल फंड एक्ट का उल्लंघन करने का आरोप लगाया। उन पर मुफ्त में दर्जनों ओपिनियन पोल के नतीजे अपने पक्ष में कराने का मामला दर्ज किया गया।

विशेष जांच समिति के प्रमुख मिन जूंग-की ने प्रेस को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि समिति ने खुद को पावर ब्रोकर बताने वाले म्युंग ताए-क्युन पर भी यून के पक्ष में जनमत सर्वेक्षण प्रस्तुत करने का मामला दर्ज किया है।

योनहाप न्यूज एजेंसी के अनुसार, यह घोटाला राजनीतिक ब्रोकर म्योंग ताए-क्यून से जुड़ा है, जहां यून और उनकी पत्नी पर २०२१-२०२२ में २७० मिलियन वॉन मूल्य के मुफ्त ओपिनियन पोल प्राप्त करने का आरोप है। यह नामांकन प्रक्रिया में अनुचित प्रभाव डालने से संबंधित है।

२४ दिसंबर २०२५ को यून और पावर ब्रोकर म्योंग ताए-क्यून पर केस दायर किया गया।

किम पर पहले ही इसी आरोप में केस किया जा चुका है और २८ जनवरी को कोर्ट का फैसला आने वाला है।

विशेष जांच समिति ने पाया कि आरोपी क्युन ने जून २०२२ के संसदीय उपचुनावों के लिए मदद की थी।

ये पहले आरोप पत्र में सूचीबद्ध नहीं थे और यदि रविवार को समिति का कार्यकाल समाप्त होने तक कोई निष्कर्ष नहीं निकलता है, तो संभवतः आगे की जांच के लिए पुलिस को सौंप दिए जाएंगे।

२० दिसंबर को, यून सुक योल अपनी पत्नी किम केओन ही से जुड़े भ्रष्टाचार मामले में विशेष जांच समिति के सामने पेश हुए थे।

यह जेल में बंद पूर्व राष्ट्रपति की विशेष जांच समिति के सामने पहली पेशी थी, जिसे जुलाई में पूर्व प्रथम महिला से जुड़े भ्रष्टाचार और अन्य आरोपों की जांच के लिए गठित किया गया था।

यून पर अपनी पत्नी का साथ देने का आरोप है, जब उन्होंने कथित तौर पर एक स्व-घोषित पावर ब्रोकर से २७० मिलियन वॉन (१८३,००० डॉलर) का ओपिनियन पोल मुफ्त में अपने पक्ष में कराया था और जब उन्होंने कथित तौर पर एक पूर्व अभियोजक से १४० मिलियन वॉन की पेंटिंग स्वीकार की थी।

म्योंग ताए-क्यून एक स्व-घोषित पावर ब्रोकर और पोलस्टर है, जिसे २०१८ के स्थानीय चुनावों में फर्जी ओपिनियन पोल कराने का दोषी ठहराया गया और बाद में जेल की सजा भी काटी थी। वह यून के २०२२ राष्ट्रपति चुनाव अभियान में शामिल हुआ, जहां ओपिनियन पोल आयोजित किए और परिणामों को साझा किया।

घोटाला तब उजागर हुआ जब म्योंग ने दावा किया कि उसने यून और किम को मुफ्त ओपिनियन पोल प्रदान किए, जो पार्टी नामांकनों को प्रभावित करने के लिए इस्तेमाल किए गए। यह दक्षिण कोरिया के राजनीतिक फंड एक्ट का उल्लंघन माना जाता है, क्योंकि ऐसे पोल राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल किए गए बिना भुगतान के थे।

उन पर २०२१ की बहस के दौरान अपनी पत्नी के बारे में झूठ बोलने के लिए पब्लिक ऑफिशियल इलेक्शन एक्ट के उल्लंघन का आरोप लगाया गया।

मिन की टीम इस बात की भी जांच कर रही है कि क्या पूर्व राष्ट्रपति किम द्वारा दूसरों से (जिसमें राष्ट्रीय शिक्षा आयोग के पूर्व प्रमुख ली बाए-योंग का नाम भी) एहसान के बदले में महंगे तोहफे स्वीकार करने में शामिल थे।

जब पत्रकारों ने यून से पूछा कि क्या उन्हें किम द्वारा महंगे तोहफे स्वीकार करने के बारे में पता था, तो उनके वकील ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति "पूरी तरह से अनजान" थे।

Point of View

NationPress
24/12/2025

Frequently Asked Questions

पूर्व राष्ट्रपति यून पर कौन सा आरोप लगाया गया है?
उन्हें पॉलिटिकल फंड एक्ट का उल्लंघन करने का आरोप लगा है, जिसमें मुफ्त ओपिनियन पोल के नतीजे अपने पक्ष में कराने का मामला शामिल है।
विशेष जांच समिति का क्या उद्देश्य है?
विशेष जांच समिति का उद्देश्य भ्रष्टाचार और राजनीतिक अनियमितताओं की जांच करना है।
क्या यून के खिलाफ पहले भी कोई आरोप लगे हैं?
हां, यून पर पहले भी भ्रष्टाचार के आरोप लग चुके हैं।
म्योंग ताए-क्यून कौन हैं?
म्योंग ताए-क्यून एक स्व-घोषित पावर ब्रोकर हैं, जिन पर फर्जी ओपिनियन पोल कराने का आरोप है।
क्या इस मामले का राजनीतिक प्रभाव होगा?
यह मामला दक्षिण कोरिया की राजनीति में एक नई बहस छेड़ सकता है और सार्वजनिक धारणा को प्रभावित कर सकता है।
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