क्या मध्य प्रदेश के दमोह में प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना कारीगरों के लिए वरदान है?

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क्या मध्य प्रदेश के दमोह में प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना कारीगरों के लिए वरदान है?

सारांश

दमोह में प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना ने कारीगरों के लिए नई संभावनाएँ खोली हैं। इस योजना के माध्यम से लाभार्थियों को न केवल आर्थिक सहायता मिल रही है, बल्कि उनके कौशल में भी निखार आ रहा है। सुनील और सुंदर लाल जैसे उदाहरण इस योजना की प्रभावशीलता को दर्शाते हैं।

Key Takeaways

  • प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना ने कारीगरों के कौशल को निखारा है।
  • सहायता और प्रशिक्षण से आत्मविश्वास में वृद्धि हुई है।
  • आर्थिक स्वतंत्रता की दिशा में यह योजना महत्वपूर्ण है।
  • लाभार्थियों को टूलकिट और बिना गारंटी कर्ज दिया जाता है।
  • स्वरोजगार को प्रोत्साहित करने में यह योजना सहायक है।

दमोह, 17 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना न केवल देश के करोड़ों कारीगरों के हुनर को तराश रही है, बल्कि उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

मध्यप्रदेश के दमोह जिले में इस योजना के तहत बड़ी संख्या में लाभार्थियों को प्रशिक्षण और आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है, जिससे उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव आ रहा है।

दमोह के तेंदूखेड़ा नगर परिषद के वार्ड नंबर 9 में रहने वाले सुनील विश्वकर्मा इस योजना के उत्कृष्ट उदाहरण हैं।

सुनील ने योजना के तहत तेंदूखेड़ा सेंटर में साइकिल रिपेयरिंग की छह दिन की ट्रेनिंग प्राप्त की। इस प्रशिक्षण ने न केवल उनके कौशल को निखारा, बल्कि उनके आत्मविश्वास को भी बढ़ाया।

सुनील ने कहा कि मेरी साइकिल रिपेयरिंग की छोटी सी दुकान थी, लेकिन इस योजना के बारे में सुनकर मैंने फॉर्म भरा और प्रशिक्षण लिया। मुझे छह दिनों की ट्रेनिंग के दौरान 3,000 रुपए की सहायता और 1,000 रुपए किराए के रूप में मिले। साथ ही, मुझे बताया गया कि मैं 3 लाख रुपए तक का बिना गारंटी वाला कर्ज ले सकता हूं, जिसमें पहली किस्त 1 लाख रुपए की होगी और दूसरी किस्त करीब 18 महीने बाद मिलेगी। मैं अपनी दुकान का विस्तार करने के लिए बैंक से कर्ज लेने की योजना बना रहा हूं।

इसी तरह तेंदूखेड़ा ब्लॉक के बांदीपुरा ग्राम पंचायत के सुंदर लाल विश्वकर्मा ने भी इस योजना का लाभ उठाया। उन्होंने बताया, "ग्रामीणों से जानकारी मिली तो मैंने ऑनलाइन फॉर्म भरा और मेरा नाम लिस्ट में आ गया। ट्रेनिंग के दौरान मैंने वेल्डिंग का काम सीखा। पहले मैं दूसरों की दुकानों पर 250-300 रुपए की दिहाड़ी पर काम करता था, लेकिन अब इस प्रशिक्षण और प्रमाण पत्र के आधार बैंक से कर्ज लेकर अपनी दुकान शुरू करूंगा। मैं पीएम नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देना चाहता हूं, जिन्होंने छोटे लोगों के लिए इतनी अच्छी योजना बनाई।"

पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत लाभार्थियों को 15,000 रुपए की टूलकिट और 3 लाख रुपए तक का बिना गारंटी वाला कर्ज प्रदान किया जाता है। यह योजना लोहार, कुम्हार, दर्जी, राजमिस्त्री और चर्मकार जैसे विभिन्न पेशों से जुड़े कारीगरों को न केवल आर्थिक रूप से सशक्त बना रही है, बल्कि उन्हें स्वरोजगार के लिए प्रेरित भी कर रही है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना ने भारतीय कारीगरों के जीवन में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन लाने का काम किया है। यह न केवल कौशल विकास कर रही है, बल्कि आत्मनिर्भरता की दिशा में भी एक मजबूत कदम है। ऐसे समय में जब देश आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहा है, इस योजना का प्रभाव अत्यंत महत्वपूर्ण है।
NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का उद्देश्य क्या है?
यह योजना कारीगरों को कौशल विकास और आर्थिक सहायता प्रदान करना है, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें।
इस योजना से लाभार्थियों को कितनी सहायता मिलती है?
लाभार्थियों को 15,000 रुपए की टूलकिट और 3 लाख रुपए तक का बिना गारंटी वाला कर्ज मिलता है।
कौन-कौन से कारीगर इस योजना का लाभ उठा सकते हैं?
लोहार, कुम्हार, दर्जी, राजमिस्त्री और चर्मकार जैसे विभिन्न पेशों से जुड़े कारीगर इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।
क्या इस योजना के तहत प्रशिक्षण मुफ्त है?
हाँ, इस योजना के तहत प्रशिक्षण मुफ्त प्रदान किया जाता है।
इस योजना में आवेदन कैसे करें?
आवेदन करने के लिए ऑनलाइन फॉर्म भरना होता है, जो कि सरकारी वेबसाइट पर उपलब्ध है।