क्या दीपक तिलक के निधन से महाराष्ट्र ने एक महान व्यक्तित्व खो दिया?

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क्या दीपक तिलक के निधन से महाराष्ट्र ने एक महान व्यक्तित्व खो दिया?

सारांश

लोकमान्य तिलक के परपोते दीपक तिलक का निधन महाराष्ट्र के लिए एक अपूरणीय क्षति है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उन्हें एक समाजिक स्तंभ के रूप में याद किया है। जानिए उनके योगदान और उनके निधन से राज्य में उत्पन्न शोक के बारे में।

Key Takeaways

  • दीपक तिलक का निधन एक अपूरणीय क्षति है।
  • मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
  • उन्होंने समाज और शिक्षा में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
  • दीपक तिलक की विरासत को आगे बढ़ाना जरूरी है।
  • उनका कार्य कई सामाजिक संगठनों के लिए प्रेरणास्त्रोत रहा है।

मुंबई, 16 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। लोकमान्य तिलक के परपोते दीपक तिलक का बुधवार को निधन हो गया। उनकी आयु 78 वर्ष थी। दीपक तिलक ने अपने पुणे स्थित आवास पर अंतिम सांस ली। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने दीपक तिलक को एक सामाजिक संगठन के मजबूत स्तंभ के रूप में याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की।

मुख्यमंत्री सचिवालय के अनुसार, सीएम देवेंद्र फडणवीस ने दीपक तिलक के परिवार, उनकी सामाजिक संस्थाओं और संगठनों के सदस्यों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए ईश्वर से प्रार्थना की है कि वे इस दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें। उन्होंने कहा कि वे दीपक तिलक की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हैं और उन्हें अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।

अपने शोक संदेश में सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा, "दीपक तिलक के निधन से राज्य ने एक महान व्यक्तित्व खो दिया है, जो सामाजिक, शैक्षिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों में एक मार्गदर्शक थे। यह इस क्षेत्र के लिए एक क्षति है। दीपक तिलक के निधन से उनके परिवार, विभिन्न संस्थाओं, संगठनों और सामाजिक गतिविधियों से जुड़े कार्यकर्ताओं को दुख हुआ है। हम उन सभी के दुख में शामिल हैं। हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि उन्हें यह दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करें।"

देवेंद्र फडणवीस ने कहा, "दीपक तिलक ने लोकमान्य तिलक और उनके पूर्वज स्वर्गीय जयंत तिलक की विरासत को कुशलतापूर्वक संभाला और आगे बढ़ाया। उन्होंने राजनीति में ज्यादा भाग नहीं लिया, लेकिन लोकमान्य तिलक द्वारा स्थापित दैनिक केसरी के कार्य के साथ-साथ शैक्षिक और सामाजिक क्षेत्र को भी समान जिम्मेदारी से संभाला। इसके माध्यम से वे कई सामाजिक संस्थाओं, संगठनों और न्यासी मंडलों के आधार स्तंभ बने।"

मुख्यमंत्री ने आगे कहा, "उनकी पहल से कई सामाजिक, शैक्षिक, सांस्कृतिक और खेल गतिविधियों को समाज का समर्थन प्राप्त होता रहा। दीपक तिलक प्रबंधन और पत्रकारिता के क्षेत्र में एक विद्वान और शोधकर्ता रहे हैं। उनके मार्गदर्शन ने कई महत्वाकांक्षी युवाओं को इस क्षेत्र में शोध करने के लिए भी प्रेरित किया। तिलक महाराष्ट्र विश्वविद्यालय के माध्यम से उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य किया है।"

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि वे दीपक तिलक की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हैं और उन्हें अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।

Point of View

बल्कि पूरे समाज के लिए एक बड़ा सदमा है। उनकी सामाजिक और शैक्षिक योगदानों को भुलाया नहीं जा सकता। यह समय है कि हम उनकी विरासत को आगे बढ़ाते रहें और उनके सिद्धांतों को अपनाएं।
NationPress
05/09/2025

Frequently Asked Questions

दीपक तिलक का निधन कब हुआ?
दीपक तिलक का निधन 16 जुलाई को हुआ।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने क्या कहा?
मुख्यमंत्री ने दीपक तिलक के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए उन्हें एक महान व्यक्तित्व बताया।
दीपक तिलक का सामाजिक योगदान क्या था?
दीपक तिलक ने समाज और शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य किए हैं।