क्या दिल्ली एयरपोर्ट पर एटीएस सिस्टम में तकनीकी खराबी आई है?
सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली एयरपोर्ट पर एटीसी सिस्टम में तकनीकी खराबी आई है।
- यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे अपनी एयरलाइंस से संपर्क में रहें।
- एयरपोर्ट प्रशासन स्थिति पर नजर रख रहा है।
- यह तकनीकी समस्या जल्द ही सुलझने की उम्मीद है।
- यात्रियों को आधिकारिक अपडेट पर भरोसा करने की सलाह दी गई है।
नई दिल्ली, 7 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट (आईजीआई) पर एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) सिस्टम में तकनीकी समस्या के कारण उड़ानों में देरी हो रही है। गुरुवार सुबह 8:34 बजे दिल्ली एयरपोर्ट ने यात्रियों के लिए एक आधिकारिक एडवाइजरी जारी की, जिसमें बताया गया कि एटीसी से जुड़ी समस्याओं के कारण फ्लाइट ऑपरेशंस में बाधा उत्पन्न हुई है।
एयरपोर्ट प्रशासन के अनुसार, एटीसी सिस्टम में आई समस्या को सुलझाने के लिए तकनीकी टीम तत्परता से काम कर रही है। दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डीआईएएल) और अन्य संबंधित एजेंसियां मिलकर इस तकनीकी खराबी को जल्द से जल्द ठीक करने की कोशिश कर रही हैं ताकि उड़ान सेवाएं सामान्य हो सकें।
एयरपोर्ट अधिकारियों ने कहा कि सभी विभाग स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं और समस्या का समाधान उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। एडवाइजरी में यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे अपनी-अपनी एयरलाइंस से लगातार संपर्क बनाए रखें, क्योंकि उड़ानों के समय में परिवर्तन संभव है।
एयरपोर्ट की ओर से यह भी कहा गया कि असुविधा के लिए वे यात्रियों से खेद प्रकट करते हैं और आशा करते हैं कि समस्या जल्द ही सुलझ जाएगी।
एटीसी सिस्टम में रुकावट के कारण टर्मिनल पर यात्रियों की संख्या बढ़ गई है और कई लोग अपनी उड़ानों के अपडेट के लिए काउंटरों पर पहुंचते दिखाई दिए। कुछ यात्रियों ने देरी के कारण अपनी कनेक्टिंग फ्लाइट के बारे में भी चिंता जताई।
जैसे ही सिस्टम सामान्य होगा, उड़ानों का संचालन फिर से सुचारू रूप से शुरू किया जाएगा। एयरपोर्ट प्रशासन ने यात्रियों से अपील की है कि वे केवल आधिकारिक अपडेट पर भरोसा करें। साथ ही, लोगों को बार-बार एयरलाइंस की वेबसाइट, मोबाइल ऐप और एसएमएस अलर्ट चेक करने की सलाह दी गई है।
यह ध्यान देने योग्य है कि एयरपोर्ट में एटीएस का मतलब एयर ट्रैफिक सर्विस है, जो विमानों की सुरक्षित और व्यवस्थित आवाजाही सुनिश्चित करती है। यह उड़ानों के लिए सुरक्षित और कुशल संचालन के साथ हवाई क्षेत्र में यातायात के सुचारू प्रवाह को बनाए रखने में भी मदद करती है।