क्या सरकार की प्रदूषण नियंत्रण रणनीति का असर दिख रहा है? दिल्ली का एक्यूआई पिछले 7 सालों में सबसे बेहतरीन

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क्या सरकार की प्रदूषण नियंत्रण रणनीति का असर दिख रहा है? दिल्ली का एक्यूआई पिछले 7 सालों में सबसे बेहतरीन

सारांश

दिल्ली में हवा की गुणवत्ता में सुधार की कहानी जो आपको जाननी चाहिए। सरकार की प्रदूषण नियंत्रण रणनीति ने पिछले 7 वर्षों में एक महत्वपूर्ण सुधार लाने में सफलता पाई है। जानिए कैसे दिल्ली का एक्यूआई इस साल सबसे बेहतर स्तर पर पहुंचा है।

Key Takeaways

  • दिल्ली का एक्यूआई पिछले 7 सालों में सबसे कम है।
  • सरकार की प्रदूषण नियंत्रण रणनीति असर दिखा रही है।
  • सर्दियों में भी हवा की गुणवत्ता में सुधार किया जा रहा है।
  • नागरिकों का सहयोग आवश्यक है।
  • स्वच्छ हवा के लिए योजनाबद्ध प्रयास जरूरी हैं।

नई दिल्ली, 4 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में इस सर्दी में दिल्ली की वायु गुणवत्ता पिछले वर्षों की तुलना में सुधरी है। मंगलवार को दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 291 रहा, जो कि 2024 में 381, 2023 में 415, 2022 में 447, 2021 में 382, 2020 में 343 और 2019 में 407 था। यह पिछले सात वर्षों में इस तारीख का सबसे अच्छा स्तर है।

भौगोलिक चुनौतियों, पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने, निर्माण कार्यों, वाहनों की बढ़ती संख्या और ग्रीन दीपावली मनाने के बावजूद, दिल्ली ने इस बार हवा की गुणवत्ता में सुधार बनाए रखा है। यह सफलता निरंतर और वैज्ञानिक प्रयासों का परिणाम है।

पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा, “साल-दर-साल के आंकड़े यह साबित करते हैं कि हमारी संयुक्त और निरंतर प्रदूषण नियंत्रण रणनीति प्रभावी हो रही है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में, हम दिल्लीवासियों को स्वच्छ हवा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

उन्होंने आगे कहा, “दिल्ली के लिए सर्दियों का समय हमेशा चुनौतीपूर्ण रहता है। लेकिन इस बार हमारी टीमें लगातार सक्रिय हैं। निगरानी, प्रवर्तन और धूल नियंत्रण के उपायों के समन्वय से परिणाम दिखने लगे हैं।”

पर्यावरण विभाग ने सभी एजेंसियों को धूल नियंत्रण के उपायों को और तेज करने के निर्देश दिए हैं। इसमें मिस्टिंग, स्प्रिंकलिंग, मशीनी सफाई, कूड़ा उठाना, और निर्माण स्थलों पर सख़्त निगरानी शामिल है।

वर्तमान में, 1,200 से अधिक प्रवर्तन टीमें काम कर रही हैं, जिनमें 443 टीमें खुले में कचरा जलाने के खिलाफ, 378 टीमें धूल नियंत्रण के लिए, और 578 टीमें वाहन प्रदूषण नियंत्रण के लिए सक्रिय हैं। ये टीमें वार्ड और औद्योगिक इलाकों में दिन-रात गश्त कर रही हैं ताकि प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों को रोका जा सके।

मंत्री सिरसा ने बताया, “हमने 390 एंटी-स्मॉग गन, 280 वाटर स्प्रिंकलर और 76 मैकेनाइज्ड स्वीपर लगाए हैं। वाहनों के उत्सर्जन की नियमित जांच की जा रही है। सभी एजेंसियां मिलकर यह सुनिश्चित कर रही हैं कि सर्दियों में भी यह सुधार जारी रहे।” उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली सरकार का विंटर एक्शन प्लान केवल प्रवर्तन तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य लंबे समय तक स्वच्छ इंफ्रास्ट्रक्चर और जागरूकता के जरिए स्थायी सुधार लाना है।

उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य इस सुधार को स्थायी बनाना है ताकि हर साल दिल्ली की हवा पहले से बेहतर होती जाए।”

दिल्ली सरकार ने सभी नागरिक एजेंसियों, पड़ोसी राज्यों और दिल्लीवासियों से मिलकर इस अभियान को आगे बढ़ाने की अपील की है ताकि आने वाले दिनों में भी दिल्ली की हवा और साफ हो सके।

Point of View

NationPress
04/11/2025

Frequently Asked Questions

दिल्ली का एक्यूआई पिछले सालों की तुलना में कैसे है?
दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) इस साल 291 है, जो पिछले 7 वर्षों में सबसे अच्छा है।
सरकार द्वारा प्रदूषण नियंत्रण के लिए क्या उपाय किए जा रहे हैं?
सरकार ने धूल नियंत्रण, निगरानी और प्रवर्तन के लिए 1,200 से अधिक टीमों का गठन किया है।
क्या दिल्ली की हवा में सुधार स्थायी है?
सरकार का लक्ष्य है कि हवा की गुणवत्ता में सुधार स्थायी हो, इसके लिए योजनाबद्ध तरीके से काम जारी रहेगा।