क्या भाजपा कभी चाहती है कि दिल्ली की जनता के काम हों? : अंकुश नारंग

सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली के मेयर ने चुनाव रद्द किए।
- भाजपा की सत्ता की लालसा पर सवाल उठाए गए।
- आम आदमी पार्टी ने इस निर्णय का विरोध किया है।
- सत्ता में असंतोष की स्थिति बनी हुई है।
- दिल्ली की जनता के हितों का ध्यान नहीं रखा जा रहा है।
नई दिल्ली, 5 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के मेयर राजा इकबाल सिंह द्वारा स्पेशल और एडहॉक समितियों के चुनाव को रद्द करने पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) में नेता प्रतिपक्ष अंकुश नारंग का कहना है कि मेयर को सत्ता का लालच है। वे एमसीडी की सभी शक्तियों को अपने पास रखना चाहते हैं। इन समितियों के चुनाव के लिए 3 जुलाई तक नामांकन पत्र जमा किए जाने थे।
अंकुश नारंग ने कहा कि भाजपा ने 'आप' सरकार के समय भी समितियों का गठन नहीं होने दिया और अब जब खुद एमसीडी में है, तब भी इन समितियों का गठन नहीं होने देना चाहती है, क्योंकि उसे दिल्ली के लोगों के हित में कोई काम नहीं करना है। एमसीडी की स्पेशल और तदर्थ समितियों के लिए नामांकन की अंतिम तिथि 3 जुलाई 2025 थी, लेकिन 2 जुलाईराजा इकबाल सिंह ने एक नोटिफिकेशन जारी कर नई तारीख आने तक चुनाव रद्द कर दिए।
'आप' नेता ने कहा कि राजा इकबाल सिंह केवल सत्ता अपने हाथ में रखना चाहते हैं और दूसरों को कोई अधिकार नहीं देना चाहते। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि सूत्रों के अनुसार, भाजपा में भी इस मुद्दे को लेकर असंतोष है कि राजा इकबाल सिंह सभी शक्तियां अपने पास रखना चाहते हैं। सभी लोग इसका विरोध कर रहे हैं और मांग कर रहे हैं कि समितियों का गठन खुला होना चाहिए। इसके साथ ही, राजा इकबाल सिंह को भविष्य में किसी भी कमेटी का चेयरमैन नहीं बनाया जाना चाहिए। इस विरोध के कारण मेयर पर भारी दबाव है।
उन्होंने कहा कि जब स्टैंडिंग कमेटी के सदस्यों का चुनाव होना था, तब उच्च न्यायालय ने आदेश दिया था कि स्टैंडिंग कमेटी के सदस्यों का चुनाव होना चाहिए। फिर भी भाजपा ने इसमें बाधा डाली। इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ कि निगम पार्षद पूरी रात बैठे रहे। स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव का इंतज़ार करते रहे, लेकिन चुनाव नहीं हो सका। ढाई साल तक भाजपा ने स्टैंडिंग कमेटी का गठन नहीं होने दिया। वे कभी नहीं चाहती कि दिल्ली की जनता के हित में काम हो। भाजपा में केवल एक व्यक्ति, राजा इकबाल सिंह, सारी शक्तियां अपने पास रखना चाहते हैं। यह दिल्ली की जनता के साथ अन्याय है।