क्या दिल्ली के शिक्षा मंत्री ने गुजरात के सरकारी स्कूलों की सराहना की?

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क्या दिल्ली के शिक्षा मंत्री ने गुजरात के सरकारी स्कूलों की सराहना की?

सारांश

दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने सूरत दौरे पर सरकारी स्कूलों का निरीक्षण किया। उन्होंने गुजरात की शिक्षा व्यवस्था की तारीफ की और पूर्व 'आप' सरकार पर निशाना साधा। जानें कैसे गुजरात ने एनईपी को सफलतापूर्वक लागू किया है और दिल्ली की शिक्षा प्रणाली में क्या खामियाँ हैं।

Key Takeaways

  • दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद का सूरत दौरा और निरीक्षण
  • गुजरात की शिक्षा व्यवस्था की सराहना
  • राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) का सफल कार्यान्वयन
  • दिल्ली और गुजरात की शिक्षा प्रणाली की तुलना
  • बच्चों को नई तकनीकों से परिचित कराने का प्रयास

सूरत, 28 जून (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली सरकार के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने शनिवार को सूरत का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने जिले के सरकारी स्कूलों का गहन निरीक्षण किया। उन्होंने गुजरात की शिक्षा व्यवस्था की सराहना की, विशेषकर राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) को अपनाने के लिए, और दिल्ली की पूर्ववर्ती 'आप' सरकार पर कटाक्ष किया।

शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने सरकारी स्कूलों के निरीक्षण के समय विभिन्न कक्षाओं में जाकर बच्चों को दी जा रही शिक्षा की व्यवस्था का बारीकी से मुआयना किया। उन्होंने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से कहा कि देश के विभिन्न राज्यों में शिक्षा की अच्छी व्यवस्था है और कई राज्यों ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 का अध्ययन करने के लिए पर्यटकों का स्वागत किया है।

उन्होंने कहा, "दिल्ली में पिछली सरकार का केंद्र सरकार से 36 का आंकड़ा होने के कारण वहाँ धीरे-धीरे एनईपी लागू किया जाएगा। गुजरात में 1,010 स्मार्ट कक्षाओं के साथ एनईपी के कार्यान्वयन में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन किया गया है। हम यहाँ अनुभवात्मक अध्ययन और व्यक्तिगत प्रशिक्षण पर बल देने के लिए हैं, ताकि गुजरात के परिणामों का अध्ययन किया जा सके। राष्ट्रीय शिक्षा नीति का सफलतापूर्वक कार्यान्वयन करने के लिए गुजरात के शिक्षा विभाग को शुभकामनाएँ। यहाँ एआई, रोबोटिक्स और डेटा साइंस के माध्यम से बच्चों को नवीनतम तकनीकों से परिचित कराया जा रहा है।"

दिल्ली की पूर्व 'आप' सरकार पर भी तंज कसते हुए मंत्री सूद ने कहा, "दिल्ली के शिक्षा मंत्री जो शराब घोटाले में बंद हुए थे। दिल्ली में सभी संसाधनों के बावजूद, बहुत कम स्मार्ट बोर्ड के साथ स्कूल चल रहे हैं। गुजरात में हर साल बारिशों के बाद भी एक लाख से अधिक स्मार्ट कक्षाएँ हैं, जो तथाकथित दिल्ली शिक्षा मॉडल और एनईपी के कार्यान्वयन में विफलता को दर्शाती हैं। उनका ध्यान बच्चों की शिक्षा की तुलना में शराब घोटाले पर था।"

Point of View

यह स्पष्ट है कि शिक्षा का विकास हर राज्य की प्राथमिकता होनी चाहिए। गुजरात ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को प्रभावी ढंग से लागू करने में सफलता पाई है, जबकि दिल्ली की स्थिति चिंता का विषय है। यह समय है कि सभी राज्यों को एकजुट होकर शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए कार्य करें।
NationPress
21/07/2025

Frequently Asked Questions

दिल्ली के शिक्षा मंत्री ने गुजरात के स्कूलों के बारे में क्या कहा?
दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने गुजरात की शिक्षा व्यवस्था की तारीफ की और एनईपी के सफल कार्यान्वयन की सराहना की।
गुजरात में शिक्षा व्यवस्था के क्या विशेष पहलू हैं?
गुजरात में 1,010 स्मार्ट कक्षाएँ हैं और यहाँ एआई, रोबोटिक्स और डेटा साइंस का समावेश किया जा रहा है।
दिल्ली की शिक्षा प्रणाली में क्या खामियाँ हैं?
दिल्ली में स्मार्ट बोर्ड की कमी और पूर्व 'आप' सरकार के शराब घोटाले में संलिप्तता के कारण शिक्षा प्रणाली प्रभावित हुई है।