क्या दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में दवाओं की कमी है? : पंकज कुमार सिंह
सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली के अस्पतालों में दवाओं की कोई कमी नहीं है।
- स्वास्थ्य मंत्री ने मीडिया रिपोर्ट्स को बेबुनियाद बताया।
- सरकार ने मुफ्त दवाएं उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया।
- दवाओं की आपूर्ति श्रृंखला मजबूत है।
- कुछ दवाएं उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन विकल्प हैं।
नई दिल्ली, 7 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री पंकज कुमार सिंह ने शुक्रवार को यह स्पष्ट किया कि सरकारी अस्पतालों में दवाओं और अन्य आवश्यक चीजों की कोई कमी नहीं है। उन्होंने मीडिया में चल रही रिपोर्टों को बेबुनियाद करार दिया।
स्वास्थ्य मंत्री ने सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों की दवाओं की उपलब्धता की समीक्षा करते हुए कहा कि ये रिपोर्टें जनता में अनुचित भय उत्पन्न करने का प्रयास हैं।
समीक्षा के बाद, मंगोलपुरी स्थित संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल समेत अन्य अस्पतालों के चिकित्सा अधीक्षकों ने पुष्टि की कि आवश्यक दवाओं की कोई कमी नहीं है।
लोक नायक अस्पताल और संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल ने एक विस्तृत रिपोर्ट पेश की, जिसमें सभी आवश्यक दवाओं की स्थिति का विवरण दिया गया है।
लोक नायक अस्पताल से मिली जानकारी में कहा गया है, "यह रिपोर्ट तथ्यात्मक रूप से गलत और भ्रामक है।" यह बताया गया कि दिल्ली सरकार की अनुमोदित दवा सूची के अनुसार, सभी आवश्यक दवाएं अस्पतालों में पर्याप्त रूप से उपलब्ध हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है, "कमी के आरोप वास्तविक जमीनी स्थिति की पुष्टि किए बिना लगाए गए हैं। इसके अलावा, मरीजों की देखभाल सुनिश्चित करने के लिए एक मजबूत आपूर्ति श्रृंखला तंत्र है, जिसके तहत दैनिक स्टॉक की स्थिति की निगरानी की जाती है।"
स्वास्थ्य मंत्री पंकज कुमार सिंह ने कहा, "प्रकाशित रिपोर्ट निराधार है और यह लोगों में अनावश्यक भय फैला रही है। दवाइयां एक आवश्यक वस्तु हैं, इसलिए मीडिया को ऐसे अपुष्ट दावों से बचना चाहिए। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व वाली सरकार अपने अस्पतालों में सभी नागरिकों को मुफ्त दवाइयां और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा निर्बाध रूप से उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है।"
सरकारी अस्पतालों की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इंजेक्शन लाइनजोलिड और सिरप इप्रावेंट जैसी कुछ विशिष्ट चीजें उपलब्ध नहीं हैं क्योंकि ये आवश्यक दवा सूची (ईडीएल) का हिस्सा नहीं हैं। अस्पताल के स्टॉक में उपयुक्त विकल्प उपलब्ध हैं और उन्हें मरीजों को वितरित किया जा रहा है।