क्या दिल्ली में आपदा प्रबंधन को लेकर बड़ा कदम उठाया गया?

Click to start listening
क्या दिल्ली में आपदा प्रबंधन को लेकर बड़ा कदम उठाया गया?

सारांश

दिल्ली में हाल ही में आयोजित सेमिनार में आपदा प्रबंधन के विशेषज्ञों ने महत्वपूर्ण तकनीकों और समाधान पर चर्चा की। यह आयोजन आपदा जोखिम न्यूनीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है जो देशभर में समन्वित कार्रवाई को सुनिश्चित करेगा।

Key Takeaways

  • आपदा प्रबंधन में नई तकनीकों का उपयोग
  • सैटेलाइट डेटा द्वारा त्वरित जानकारी
  • अर्ली वॉर्निंग सिस्टम की महत्वपूर्ण भूमिका
  • राष्ट्रीय डेटाबेस (एनडीईएम) 5.0 का प्रशिक्षण
  • समन्वित राहत कार्यों की आवश्यकता

नई दिल्ली, 22 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। हाल ही में देश के विभिन्न क्षेत्रों में आई आपदा को ध्यान में रखते हुए, गृह मंत्रालय के अधीन एकीकृत आपातकालीन प्रतिक्रिया नियंत्रण कक्ष (आईसीआर-ईआर) ने शुक्रवार को दिल्ली में एक महत्वपूर्ण सेमिनार का आयोजन किया।

इसका मुख्य उद्देश्य देशभर के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर को आईसीआर-ईआर के साथ जोड़ना और आपदा के समय एक समन्वित एवं त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करना था।

यह प्रणाली सैटेलाइट डेटा के माध्यम से आपदा संबंधी जानकारियों को तुरंत राहत एजेंसियों तक पहुंचाती है, जिससे समय पर बचाव और राहत कार्य किए जा सकें।

इस अवसर पर आयोजित सेमिनार में देशभर के आपदा प्रबंधन विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों ने भाग लिया। इस आयोजन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 10 सूत्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण एजेंडा को तकनीकी धरातल पर उतारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल की।

सेमिनार में एनआरएससी (राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र), आईएमडी (भारत मौसम विज्ञान विभाग) और सीडब्ल्यूसी (केंद्रीय जल आयोग) के वैज्ञानिकों और डोमेन विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया। उन्होंने प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए उपयोग में लाई जा रही नई तकनीकों और अर्ली वॉर्निंग सिस्टम के बारे में विस्तृत जानकारी दी।

विशेष रूप से जलवायु पूर्वानुमान, बाढ़ की चेतावनी, भूकंप निगरानी और सैटेलाइट इमेजिंग जैसे विषयों पर चर्चा हुई। विशेषज्ञों ने बताया कि अब सटीक और समय पर सूचना उपलब्ध होने से आपदा प्रबंधन की प्रभावशीलता काफी बढ़ गई है।

सेमिनार के दौरान एक हैंड्स-ऑन ट्रेनिंग सेशन का भी आयोजन किया गया, जिसमें सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधियों को आपातकालीन प्रबंधन के लिए राष्ट्रीय डेटाबेस (एनडीईएम) 5.0 पर प्रशिक्षण दिया गया।

यह एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है जो देशभर के आपदा प्रबंधन विभागों को एकीकृत करता है और आवश्यक डेटा को साझा करने की सुविधा प्रदान करता है।

Point of View

यह कहना उचित होगा कि आपदा प्रबंधन के नए उपायों का कार्यान्वयन न केवल हमारे देश के लिए आवश्यक है, बल्कि यह हमारे नागरिकों की सुरक्षा को भी सुनिश्चित करेगा। इस दिशा में उठाए गए कदम हमें एक सुरक्षित भविष्य की ओर अग्रसर करेंगे।
NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

सेमिनार का उद्देश्य क्या था?
सेमिनार का उद्देश्य आपदा प्रबंधन में समन्वय को बढ़ावा देना और आईसीआर-ईआर के साथ सभी राज्यों के इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर को जोड़ना था।
इससे पहले क्या पहल हुई थी?
इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 10 सूत्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण एजेंडा को लागू करने के लिए कई तकनीकी पहल की गई थीं।