क्या 15 साल से भारत में रह रहे बांग्लादेशी नागरिक की पहचान बदली?

सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली पुलिस का अभियान अवैध प्रवासियों के खिलाफ सख्त है।
- गिरफ्तार बांग्लादेशी नागरिक ने फर्जी पहचान का सहारा लिया था।
- पुलिस ने उसे डिपोर्ट करने की प्रक्रिया शुरू की है।
- इस मामले में सुरक्षा के मुद्दे को उठाया गया है।
- पुलिस ने उसके मूल दस्तावेज बरामद किए हैं।
नई दिल्ली, 27 जून (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों की धरपकड़ के लिए पुलिस का अभियान लगातार जारी है। इसी क्रम में दक्षिण पश्चिम जिला पुलिस की एंटी ऑटो थेफ्ट स्क्वाड ने एक महत्वपूर्ण कार्रवाई करते हुए एक बांग्लादेशी नागरिक को गिरफ्तार किया है, जो पिछले 15 साल से भारत में अवैध रूप से निवास कर रहा था।
गिरफ्तार किए गए बांग्लादेशी नागरिक की पहचान ओहिद के रूप में की गई है। पुलिस की जांच में खुलासा हुआ है कि वह गैरकानूनी तरीके से भारत में प्रवेश कर दिल्ली में फर्जी पहचान के सहारे रह रहा था।
दक्षिण पश्चिम जिला पुलिस द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, एंटी ऑटो थेफ्ट स्क्वाड की एक विशेष टीम का गठन किया गया था। इस टीम को अवैध प्रवासियों की पहचान करने और इलाके में सतर्कता बनाए रखने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
टीम की गश्त और खुफिया जानकारी प्राप्त करने के प्रयासों के चलते 24 जून को वसंत कुंज इलाके में एक बांग्लादेशी नागरिक की उपस्थिति की सूचना मिली। सूचना प्राप्त होते ही टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए संदिग्ध व्यक्ति को ढूंढ निकाला, जिसने शुरू में खुद को मोहम्मद रोहित शेख बताया।
दिल्ली पुलिस के अनुसार, उसने आधार कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस दिखाए, जिनमें उसे नदिया, पश्चिम बंगाल का निवासी दर्शाया गया था। हालांकि, गहन पूछताछ के दौरान आरोपी ने यह स्वीकार किया कि वह बांग्लादेशी नागरिक है और लगभग 15 साल पहले एक अज्ञात व्यक्ति की मदद से भारत में घुसपैठ की थी।
पुलिस की जांच में आरोपी के पास से उसके मूल बांग्लादेशी दस्तावेज, जैसे कि राष्ट्रीय पहचान पत्र और पासपोर्ट, बरामद किए गए, जो ओहिद नाम पर जारी थे।
सभी कानूनी प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद आरोपी को वसंत कुंज साउथ थाना में रखा गया है। दिल्ली पुलिस अब विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय की मदद से बांग्लादेशी नागरिक को डिपोर्ट करने की कार्रवाई कर रही है।