क्या दिल्ली में सीएम की भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति से भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई होगी?
सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति भ्रष्टाचार के खिलाफ है।
- राजस्व विभाग के अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है।
- ईमानदारी और जवाबदेही की अपेक्षा की जाती है।
- भ्रष्टाचार की शिकायत पर सख्त कदम उठाए जाएंगे।
- जनता की सेवाओं में बाधा डालने वालों पर कार्रवाई होगी।
नई दिल्ली, २९ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी जीरो टॉलरेंस नीति को फिर से स्पष्ट करते हुए जनता से सीधे जुड़े राजस्व विभाग के अधिकारियों पर कड़ी और त्वरित कार्रवाई की है।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के निर्देश पर कापसहेड़ा के सब-रजिस्ट्रार और महरौली के तहसीलदार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई उनके खिलाफ लगातार मिल रही शिकायतों और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों के आधार पर की गई है।
मुख्यमंत्री के आदेश पर कापसहेड़ा में पदस्थ एक डीड राइटर का लाइसेंस भी निरस्त कर दिया गया है। रेखा गुप्ता ने कहा कि दिल्ली सरकार की नीति बिल्कुल स्पष्ट है, भ्रष्टाचार के प्रति किसी भी स्तर पर कोई सहनशीलता नहीं होगी।
उन्होंने कहा कि जो अधिकारी सीधे जनता के कार्यों से जुड़े हैं, उनसे ईमानदारी, संवेदनशीलता और जिम्मेदारी की अपेक्षा की जाती है। यदि कोई अधिकारी लापरवाही बरतता है या भ्रष्टाचार में लिप्त पाया जाता है, तो उसे सेवा में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें जनता ने इसलिए चुनकर भेजा है कि हम आम जन के कार्यों को प्रभावी ढंग से करें और उनकी समस्याओं का त्वरित समाधान सुनिश्चित करें। जो अधिकारी या व्यवस्था इसमें बाधा उत्पन्न करेगी, उसके खिलाफ कठोर और प्रभावी कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि यह कार्रवाई एक उदाहरण है और आगे भी यदि किसी भी विभाग या अधिकारी के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायतें सामने आती हैं, तो सरकार बिना किसी दबाव या भेदभाव के सख्त कदम उठाएगी।
उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि दिल्ली सरकार में केवल वही अधिकारी कार्य करेंगे, जो ईमानदारी और जनसेवा की भावना के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन करें।