दिल्ली में दो अवैध अफ्रीकी प्रवासी क्यों गिरफ्तार हुए?

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दिल्ली में दो अवैध अफ्रीकी प्रवासी क्यों गिरफ्तार हुए?

सारांश

नई दिल्ली में दो अवैध अफ्रीकी प्रवासियों की गिरफ्तारी ने सुरक्षा के मुद्दों को उजागर किया है। किशनगढ़ क्षेत्र से हिरासत में लिए गए इन व्यक्तियों के पास कोई वैध दस्तावेज नहीं थे। पुलिस ने उन्हें निर्वासित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। जानिए इस कार्रवाई का पूरा विवरण।

Key Takeaways

  • दक्षिण-पश्चिम जिला पुलिस ने अवैध प्रवासी मामलों में सख्ती दिखाई।
  • दो अफ्रीकी प्रवासियों को किशनगढ़ क्षेत्र से हिरासत में लिया गया।
  • उन्हें निर्वासन की प्रक्रिया में रखा गया है।
  • पुलिस ने अवैध प्रवास के खिलाफ ठोस कदम उठाए हैं।
  • यह कार्रवाई कानून के शासन के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

नई दिल्ली, 16 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। दक्षिण-पश्चिम जिला पुलिस की ऑपरेशन सेल ने किशनगढ़ क्षेत्र से दो अवैध अफ्रीकी प्रवासियों को हिरासत में लिया है। इन दोनों के पास कोई वैध वीजा या यात्रा दस्तावेज नहीं थे। पुलिस ने विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय, दिल्ली की सहायता से उनके निर्वासन की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

हिरासत में लिए गए व्यक्तियों की पहचान इमैनुएल किडो ओबुह (35 वर्ष) और हैरिसन उमुन्ना (43 वर्ष) के रूप में की गई है। दोनों नाइजीरिया के अकुमाज़ी उमुओचा, डेल्टा स्टेट के निवासी हैं। पुलिस उपायुक्त अमित गोयल (आईपीएस) ने कहा कि यह कार्रवाई जिले में अवैध प्रवास और अपराध को नियंत्रित करने के लिए की गई थी।

पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि किशनगढ़ क्षेत्र में कुछ अवैध अफ्रीकी प्रवासी रह रहे हैं। इंस्पेक्टर गजेंद्र सिंह के नेतृत्व में एक विशेष टीम ने तुरंत कार्रवाई की। इस ऑपरेशन की देखरेख एसीपी (ऑपरेशंस) विजयपाल तोमर ने की।

टीम ने संदिग्धों से पूछताछ की, जिन्होंने दावा किया कि वे पर्यटक या व्यावसायिक वीजा पर भारत आए थे। हालांकि, उन्होंने पासपोर्ट या वीजा खो देने की बात कही। नाइजीरिया उच्चायोग और आव्रजन विभाग से सत्यापन के बाद पता चला कि दोनों 2010 में भारत आए थे और कभी वापस नहीं लौटे। उनके मोबाइल फोन की जांच में पासपोर्ट और नाइजीरियाई पहचान पत्र की प्रतियां मिलीं। पूछताछ में दोनों ने स्वीकार किया कि वे दिल्ली, गुरुग्राम और नोएडा में हाउसकीपिंग का काम करते थे।

पुलिस ने सभी कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद एफआरआरओ के सहयोग से निर्वासन प्रक्रिया प्रारंभ की। यह कार्रवाई दक्षिण-पश्चिम जिला पुलिस की अवैध प्रवास के खिलाफ सख्त नीति और कानून के शासन के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है। पुलिस ने जिले में ऐसी गतिविधियों पर नजर रखने और अपराध रोकने के लिए समर्पित टीमें तैनात की हैं।

Point of View

यह कहना उचित है कि अवैध प्रवास एक गंभीर मुद्दा है, जो न केवल सुरक्षा बल्कि सामाजिक संरचना को भी प्रभावित करता है। पुलिस की यह कार्रवाई यह दर्शाती है कि कानून के शासन के प्रति उनकी प्रतिबद्धता मजबूत है। हमें अवैध प्रवास की समस्या को गंभीरता से लेना चाहिए और इसे नियंत्रित करने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
NationPress
16/10/2025

Frequently Asked Questions

दिल्ली में अवैध प्रवासियों की संख्या कितनी है?
दिल्ली में अवैध प्रवासियों की संख्या का सटीक आंकड़ा उपलब्ध नहीं है, लेकिन पुलिस लगातार ऐसे मामलों की जांच कर रही है।
पुलिस ने इन प्रवासियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की?
पुलिस ने इन प्रवासियों को हिरासत में लिया और उनके निर्वासन की प्रक्रिया शुरू की।
क्या अवैध प्रवास कानून के अंतर्गत अपराध है?
हाँ, अवैध प्रवास कानून के तहत अपराध माना जाता है और इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाती है।
आव्रजन कानूनों का उल्लंघन करने पर क्या सजा है?
आव्रजन कानूनों का उल्लंघन करने पर जुर्माना और निर्वासन की सजा हो सकती है।
क्या प्रवासियों के अधिकार होते हैं?
प्रवासियों के अधिकार होते हैं, लेकिन वे हमेशा कानून के दायरे में रहते हैं।