क्या रेखा गुप्ता सरकार ने दिल्ली के प्राइवेट स्कूलों में फीस निर्धारण को पारदर्शी बनाने के लिए विधेयक पारित किया?

सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली सरकार का नया विधेयक प्राइवेट स्कूलों में फीस के निर्धारण में पारदर्शिता लाएगा।
- यह अभिभावकों को वित्तीय बोझ से राहत देने का प्रयास करता है।
- विधेयक का उद्देश्य गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सभी के लिए सुलभ बनाना है।
नई दिल्ली, 8 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली की रेखा गुप्ता सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में प्राइवेट स्कूलों द्वारा फीस में मनमाने ढंग से की जा रही बढ़ोतरी को नियंत्रित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। दिल्ली विधानसभा ने दिल्ली स्कूल शिक्षा (शुल्क निर्धारण एवं विनियमन में पारदर्शिता) विधेयक 2025 को पारित कर दिया है।
दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को विधानसभा में दिल्ली स्कूल शिक्षा (शुल्क निर्धारण एवं विनियमन में पारदर्शिता) विधेयक 2025 पेश किया, जिसे सर्वसम्मति से पारित किया गया। इस विधेयक का मुख्य उद्देश्य दिल्ली के प्राइवेट स्कूलों में फीस निर्धारण को पारदर्शी बनाना है।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सदन में कहा कि 52 वर्षों बाद अभिभावकों का यह वनवास समाप्त हुआ। इस कानून के माध्यम से उन्हें न्याय प्राप्त हुआ है। उन्होंने आशीष सूद को बधाई देते हुए कहा कि इतने कम समय में उन्होंने अभिभावकों और अन्य सहयोगियों के साथ संवाद कर इस विधेयक को लाने में सफलता प्राप्त की। यह विधेयक जनता और अभिभावकों के हित में है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि अभिभावकों की पहली चिंता यह होती है कि उनके बच्चे को कहाँ पढ़ाना है और स्कूल की फीस कैसे देंगे? पिछले 15 वर्षों से कांग्रेस और 11 वर्षों से आम आदमी पार्टी ने दिल्ली की जनता को गुमराह किया, जबकि हमने काम किया है।
दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने विधानसभा में इस विधेयक पर चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष आतिशी और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल पर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि आतिशी को शिक्षा मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक बनाया गया, लेकिन वह कुछ नहीं कर पाईं। वहीं, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस विधेयक को पारित करके दिखा दिया, जिससे विपक्ष को दर्द हो रहा है।
आशीष सूद ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर कहा कि दिल्ली विधानसभा द्वारा पारित दिल्ली स्कूल शिक्षा (शुल्क निर्धारण एवं विनियमन में पारदर्शिता) विधेयक, 2025 ने शिक्षा को हर परिवार के लिए समावेशी और जवाबदेह बनाने की दिशा में एक निर्णायक कदम उठाया है। यह विधेयक प्राइम मिनिस्टर नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अटूट प्रतिबद्धता से समर्थित है, जो निजी स्कूलों की बढ़ती फीस की समस्या का समाधान करता है, यह सुनिश्चित करते हुए कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सभी के लिए उपलब्ध हो। पारदर्शी शुल्क निर्धारण, सुदृढ़ शिकायत निवारण और संस्थागत जवाबदेही के प्रावधानों के साथ, यह विधेयक दिल्ली के शैक्षिक परिदृश्य को बदलने की दिशा में है।