क्या दिल्ली में नई सरकार आने के बाद यमुना नदी में प्रदूषण और बढ़ गया है?

सारांश
Key Takeaways
- यमुना नदी का प्रदूषण बढ़ रहा है।
- डीपीसीसी की रिपोर्ट सरकार के दावों का पर्दाफाश करती है।
- हरियाणा और यूपी का इंडस्ट्रियल कचरा यमुना के प्रदूषण का मुख्य कारण है।
- यमुना की सफाई के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
- राजनीतिक पार्टियों को मिलकर प्रदूषण की समस्या को हल करना चाहिए।
नई दिल्ली, 21 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। आम आदमी पार्टी के नेता और विधायक संजीव झा ने यह आरोप लगाया है कि यमुना को प्रदूषण मुक्त बनाने के भाजपा सरकार के दावों की सच्चाई की पोल उनकी ही एजेंसी डीपीसीसी ने खोल दी है। डीपीसीसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली में भाजपा सरकार के गठन के बाद यमुना का जल और भी मैला हो गया है। जिन क्षेत्रों में यमुना का पानी एकदम साफ था, अब वहां भी दो-तीन गुना प्रदूषण बढ़ गया है और जलीय जीवों की मौत हो रही है।
संजीव झा ने मांग की है कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता यमुना की सफाई की प्रगति रिपोर्ट सार्वजनिक करें और यह बताएं कि केंद्र, दिल्ली, हरियाणा और यूपी में भाजपा की सरकार होने के बावजूद यमुना क्यों प्रदूषित हो रही है? उन्होंने कहा कि हाल ही में यमुना में प्रदूषण के संबंध में दिल्ली पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी (डीपीसीसी) की रिपोर्ट आई है, जिसने भाजपा सरकार के झूठे वादों का पर्दाफाश कर दिया है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली में भाजपा की सरकार बनने के बाद यमुना की सफाई को लेकर कई रील बने। दावे किए गए थे कि यमुना एक से तीन महीने में साफ हो जाएगी। डीपीसीसी ने एक जुलाई को यमुना के कई स्थानों से पानी का सैंपल लिया और 18 जुलाई को अपनी रिपोर्ट जारी की। रिपोर्ट में कहा गया है कि यमुना में प्रदूषण की स्थिति और भी बदतर हो गई है। यमुना के जिन हिस्सों में प्रदूषण नहीं था, आज उन सभी क्षेत्रों में पानी की गुणवत्ता ख़राब हो गई है।
उन्होंने कहा कि पल्ला से लेकर वजीराबाद तक यमुना की लंबाई 22 किलोमीटर है। इस दूरी में यमुना का पानी कभी बीओडी, एफसी खराब नहीं होता था। लेकिन एक जुलाई को लिए गए सैंपल की रिपोर्ट कहती है कि यहां पर पानी में प्रदूषण दो-तीन गुना बढ़ गया है। बुराड़ी विधानसभा में यमुना बिल्कुल साफ बह रही थी, लेकिन प्रदूषण बढ़ने से दो माह पहले सारी मछलियां मर गईं।
संजीव झा ने कहा कि आम आदमी पार्टी ने हमेशा कहा है कि यमुना में प्रदूषण हरियाणा के इंडस्ट्रियल कचरे के कारण हो रहा है। तब भाजपा इससे इनकार करती थी और कहती थी कि हरियाणा को बदनाम किया जा रहा है। लेकिन अब डीपीसीसी खुद कह रही है कि हरियाणा का इंडस्ट्रियल कचरा पल्ला वाले इलाके में आने से प्रदूषण बढ़ रहा है। दिल्ली के अंदर यमुना में फैले प्रदूषण के लिए उत्तर प्रदेश और हरियाणा का इंडस्ट्रियल कचरा जिम्मेदार है। 'आप' ने लगातार कहा है कि यदि हरियाणा और यूपी अपने इंडस्ट्रियल कचरे को ट्रीट करके यमुना में गिराएं, तो दिल्ली में नदी का प्रदूषण कम होगा।