क्या दिल्ली-एनसीआर में भूकंप ने लोगों को दहशत में डाल दिया?

सारांश
Key Takeaways
- भूकंप के झटके सुबह 9:04 बजे महसूस किए गए।
- लोगों में दहशत फैल गई और उन्होंने सुरक्षित स्थानों पर शरण ली।
- टेक्टोनिक प्लेट्स के कारण भूकंप आते हैं।
- नई दिल्ली भूकंप का केंद्र था।
- भूकंप के समय सुरक्षित रहने के उपाय अपनाने चाहिए।
नई दिल्ली, 10 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। गुरुवार सुबह लगभग 9:04 बजे दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिससे लोगों में अफरातफरीघर और दफ्तरों से बाहर निकल आए। हालांकि, अभी तक किसी प्रकार के जान-माल के नुकसान की सूचना नहीं मिली है।
जानकारी के अनुसार, भूकंप के झटके सुबह 9:04 बजे महसूस किए गए। दिल्ली-एनसीआर में कंपन देखा गया। कुछ सेकंड तक चली इस कंपन ने लोगों को भयभीत कर दिया, खासकर ऊंची इमारतों में रह रहे लोग अचानक बाहर आ गए।
इससे पहले, 17 फरवरी को दिल्ली और पूरे एनसीआर में सुबह 5:36 बजे तेज भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। भूकंप के झटके इतने तीव्र थे कि सो रहे लोग जग गए और जागते हुए लोग दहशत में आ गए। लोगों ने तुरंत अपने घरों से बाहर निकलकर सुरक्षित स्थानों पर शरण ली और कुछ समय तक बाहर ही रहे। भूकंप का केंद्र नई दिल्ली था और इसकी गहराई 5 किलोमीटर थी।
भूकंप वैज्ञानिकों के अनुसार, हमारी पृथ्वी की सतह मुख्यतः सात बड़ी और कई छोटी टेक्टोनिक प्लेट्स से बनी है। ये प्लेट्स लगातार गतिशील रहती हैं और अक्सर आपस में टकराती हैं। इस टकराव के परिणामस्वरूप प्लेट्स के कोने मुड़ सकते हैं और अत्यधिक दबाव के कारण ये टूट भी सकती हैं। इस स्थिति में, नीचे से निकली ऊर्जा बाहर की ओर फैलने का रास्ता तलाशती है, और जब यह ऊर्जा जमीन के अंदर से बाहर आती है, तब भूकंप आता है।