क्या दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण बढ़ रहा है? एक्यूआई 400 के करीब!

Click to start listening
क्या दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण बढ़ रहा है? एक्यूआई 400 के करीब!

सारांश

दिल्ली-एनसीआर में मौसमी बदलाव के चलते प्रदूषण की स्थिति चिंताजनक हो गई है। न्यूनतम तापमान गिरने और ठंडी हवाओं के साथ, हवा की गुणवत्ता भी गंभीर स्थिति में पहुँच गई है। जानिए इस समस्या के पीछे के कारण और इससे बचने के उपाय।

Key Takeaways

  • दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर बढ़ गया है।
  • एक्यूआई 400 के करीब पहुँच गया है, जो गंभीर स्थिति है।
  • स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने मास्क पहनने और बाहर कम निकलने की सलाह दी है।
  • सर्दी और कोहरे की स्थिति प्रदूषण को बढ़ा रही है।
  • कारणों में निर्माण कार्य और वाहन उत्सर्जन शामिल हैं।

नोएडा, ८ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली-एनसीआर में न्यूनतम तापमान में लगातार गिरावट देखी जा रही है। मौसम विभाग (आईएमडी) की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, आगामी सात दिनों में न्यूनतम तापमान १३ डिग्री के आस-पास रहेगा, जबकि सुबह और शाम की ठंडी हवाएं सर्दी का एहसास और बढ़ा रही हैं।

बारिश की कोई संभावना नहीं है और मौसम पूरी तरह से कोहरे के साथ बना रहेगा। सर्दी के साथ-साथ हवा की गुणवत्ता भी तेजी से deteriorate हो रही है। दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद के कई क्षेत्रों में एयर क्वालिटी इंडेक्स बेहद खराब स्थिति में पहुँच गया है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की निगरानी के अनुसार, दिल्ली के विभिन्न स्टेशनों पर एक्यूआई ‘गंभीर’ स्तर यानी ३५० से ४०० के बीच दर्ज किया गया है। अलिपुर (३५५), आनंद विहार (३५९), अशोक विहार (३६३), बवाना (४०३), बुराड़ी (३७६) और करणी सिंह शूटिंग रेंज (३४२) जैसे क्षेत्रों में हवा की स्थिति बेहद खराब है।

इसी प्रकार एनसीआर के गाजियाबाद और नोएडा में भी हालात चिंताजनक बने हुए हैं। गाजियाबाद के इंदिरापुरम में एक्यूआई २७१, लोनी में ३३६, संजय नगर में २६९ और वसुंधरा में ३६८ दर्ज किया गया है। वसुंधरा और लोनी जैसे क्षेत्रों में प्रदूषण गंभीर श्रेणी में बना हुआ है, जो कि सांस एवं दिल से जुड़ी बीमारियों के लिए बड़ा खतरा है।

नोएडा में भी स्थिति कुछ बेहतर नहीं है। सेक्टर-१२५ में एक्यूआई ३२८, सेक्टर-६२ में ३२३, सेक्टर-१ में ३२६ और सेक्टर-११६ में ३३३ तक पहुँच गया है। स्वास्थ्य प्रभाव की चेतावनी के अनुसार, यह वायु गुणवत्ता लंबे समय तक संपर्क में रहने पर फेफड़ों और सांस संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ा सकती है, खासकर बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा से पीड़ित लोगों के लिए।

मौसम विभाग के अनुसार, समस्या इसलिए बढ़ रही है क्योंकि तापमान गिरने से हवा भारी हो रही है। हवा की गति धीमी है, और प्रदूषक सतह पर जमा रहते हैं। कोहरे और स्मॉग का मिश्रण धुंध को और घना करता है। निर्माण कार्य और वाहन उत्सर्जन मुख्य कारण बनकर सामने आ रहे हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों को सुबह-शाम बाहर कम निकलने, मास्क का उपयोग करने और प्रदूषण से सीधे संपर्क से बचने की सलाह दी है।

Point of View

यह देखा जा रहा है कि दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की समस्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। इस स्थिति में तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है। सरकार और नागरिकों दोनों को मिलकर इस चुनौती का सामना करना होगा।
NationPress
08/11/2025

Frequently Asked Questions

दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का मुख्य कारण क्या है?
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के मुख्य कारणों में वाहनों का उत्सर्जन, निर्माण कार्य, और मौसम की स्थिति शामिल हैं।
एक्यूआई स्तर क्या दर्शाता है?
एक्यूआई स्तर वायु गुणवत्ता को मापने का एक मानक है, जिसमें 0-50 स्तर को अच्छे, 51-100 को संतोषजनक, 101-200 को मध्यम, 201-300 को खराब, 301-400 को गंभीर और 401-500 को अत्यंत गंभीर माना जाता है।
क्या प्रदूषण से स्वास्थ्य पर असर पड़ता है?
हाँ, प्रदूषण से फेफड़ों, दिल और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ता है, विशेषकर बच्चों और बुजुर्गों में।