क्या दिल्ली में राष्ट्रीय ई-विधान एप्लीकेशन पर 30 अक्टूबर को तीसरा सम्मेलन होगा?
सारांश
Key Takeaways
- नेवा से विधायी कार्यों में पारदर्शिता बढ़ेगी।
- डिजिटल इंडिया के तहत विधानसभाओं का कागज रहित होना।
- किसी भी स्थान से काम की सुविधा।
- नई तकनीकों का उपयोग विधायी प्रक्रियाओं में सुधार करेगा।
- राज्यों के बीच सर्वश्रेष्ठ प्रथाओं का साझा करना।
नई दिल्ली, 29 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। संसदीय कार्य मंत्रालय गुरुवार, 30 अक्टूबर को नई दिल्ली के संसदीय सौध में राष्ट्रीय ई-विधान एप्लीकेशन (नेवा) पर तीसरा राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करने जा रहा है।
इस कार्यक्रम का आयोजन मुख्य समिति कक्ष में होगा, जिसमें केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू और राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन मुख्य अतिथि होंगे। मंत्रालय के सचिव निकुंज बिहारी ढल और अपर सचिव डॉ. सत्य प्रकाश भी इस सभा में उपस्थित रहेंगे।
इस सम्मेलन में देश के अलग-अलग हिस्सों से 100 से अधिक प्रतिभागियों की भागीदारी होगी। इनमें विभिन्न राज्यों के विधानमंडलों के सचिव और नेवा परियोजना को लागू करने वाले नोडल विभागों के अधिकारी शामिल हैं। ये अधिकारी अपने अपने राज्यों में नेवा को सफलतापूर्वक चलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
नेवा डिजिटल इंडिया कार्यक्रम की 44 प्रमुख परियोजनाओं में से एक है। इसका उद्देश्य सभी राज्य विधानसभाओं को कागज रहित बनाना और उन्हें डिजिटल सदन में परिवर्तित करना है। 'एक राष्ट्र, एक एप्लीकेशन' के तहत देश के सभी 37 विधानमंडलों को एक ही डिजिटल प्लेटफॉर्म पर जोड़ा जाएगा, जिससे विधायी कार्य सरल, तेज और पारदर्शी हो सकेगा।
इस सम्मेलन में राज्यों में नेवा की प्रगति की समीक्षा की जाएगी। सर्वश्रेष्ठ प्रथाओं को साझा किया जाएगा और अन्य विधानमंडलों को जल्दी से इस प्लेटफॉर्म से जोड़ने के लिए तकनीकी और संचालन संबंधी समस्याओं का समाधान निकाला जाएगा। चर्चा के मुख्य मुद्दों में विधायी प्रक्रियाओं में सुधार, डेटा तक आसान पहुँच, रोजमर्रा के कार्यों का स्वचालन और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) जैसी नई तकनीकों का उपयोग शामिल है। इनसे विधानसभाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा मिलेगा।
मंत्रालय नेवा के माध्यम से भारत के सभी विधायी संस्थानों को पूरी तरह से डिजिटल, कुशल और पारदर्शी बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। इससे डिजिटल इंडिया और अच्छे शासन के बड़े लक्ष्यों को मजबूती मिलेगी। नेवा से विधायकों और अधिकारियों को कहीं से भी कार्य करने की सुविधा मिलेगी, जिससे कागज की बचत होगी और जनता को विधानमंडल की कार्यवाही की जानकारी प्राप्त होगी। कई राज्य पहले से ही नेवा पर काम कर रहे हैं, लेकिन कुछ में प्रगति में देरी हो रही है। यह सम्मेलन उन बाधाओं को दूर करने में सहायता करेगा।