क्या ‘नो पीयूसी, नो फ्यूल’ अभियान ने प्रदूषण पर रोकथाम में प्रभाव डाला?
सारांश
Key Takeaways
- ‘नो पीयूसी, नो फ्यूल’ अभियान का प्रभावी प्रारंभ
- 61,000 से अधिक पीयूसीसी जारी किए गए
- 3,746 वाहनों के चालान काटे गए
- सरकार ने प्रदूषण के अन्य स्रोतों पर कार्रवाई की
- नई तकनीकों का उपयोग और सहयोगी प्रयास
नई दिल्ली, 18 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली सरकार ने वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए शुरू किए गए ‘नो पीयूसी, नो फ्यूल’ अभियान के तहत पहले दिन ही कठोर और प्रभावी कार्रवाई की है। 17-18 दिसंबर के बीच, राजधानी में 61,000 से अधिक प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (पीयूसीसी) जारी किए गए, जबकि बिना वैध पीयूसीसी के 3,746 वाहनों के चालान किए गए।
पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने गुरुवार को दिल्ली-गुरुग्राम सीमा, जनपथ सहित कई पेट्रोल पंपों का आकस्मिक निरीक्षण कर अभियान के अनुपालन की स्थिति का मूल्यांकन किया। उन्होंने पंप स्टाफ को नियमों का सख्ती से पालन कराने के साथ-साथ वाहन चालकों से विनम्रता से पेश आने के निर्देश दिए। मंत्री ने कहा कि यह अभियान चालान से अधिक लोगों के स्वास्थ्य और स्वच्छ हवा से संबंधित है।
बॉर्डर प्वाइंट्स पर दिल्ली ट्रैफिक पुलिस और परिवहन विभाग की संयुक्त टीमों ने लगभग 5,000 वाहनों की जांच की, जिनमें से नियमों का उल्लंघन करने वाले 568 वाहनों को वापस लौटाया गया। इसके अलावा 217 गैर-गंतव्य ट्रकों को ईस्टर्न और वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे की ओर डायवर्ट किया गया।
सरकार ने प्रदूषण के अन्य स्रोतों पर भी समानांतर कार्रवाई की। पिछले 24 घंटे में 2,300 किलोमीटर सड़कों की मैकेनिकल स्वीपिंग की गई, 5,524 किलोमीटर क्षेत्र में एंटी-स्मॉग गन का इस्तेमाल हुआ और 132 अवैध कचरा डंपिंग साइट्स को बंद किया गया। लैंडफिल साइट्स पर लगभग 38,019 मीट्रिक टन पुराने कचरे का निपटान भी किया गया।
मंत्री सिरसा ने बताया कि दिल्ली सरकार चार मोर्चों पर वाहन प्रदूषण, धूल नियंत्रण, औद्योगिक उत्सर्जन और कचरा प्रबंधन पर एक साथ काम कर रही है।
उन्होंने हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरकार के सहयोग के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि क्षेत्रीय समन्वय के बिना प्रदूषण की लड़ाई नहीं जीती जा सकती।
नई तकनीकों पर जोर देते हुए मंत्री ने एल्गी-आधारित एयर पॉल्यूशन सिस्टम और जीआईएस-आधारित समाधान की समीक्षा की। इसके साथ ही कार-पूल ऐप और ग्रीन दिल्ली ऐप को एआई फीचर्स के साथ अपग्रेड करने की योजना पर भी चर्चा की गई।
पर्यावरण मंत्री ने निजी कार्यालयों से ग्रेप-4 के तहत कम से कम 50 प्रतिशत वर्क-फ्रॉम-होम लागू करने की अपील की और चेतावनी दी कि नियमों की अनदेखी पर कार्रवाई की जा सकती है। उन्होंने कहा, “यह सरकार और जनता का साझा जन-आंदोलन है। जब दोनों साथ चलेंगे, तभी दिल्ली को साफ हवा मिल पाएगी।”